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कोरोना महामारी में ये सभी चीजे हैं सबसे बड़ा हथियार

शिक्षा के क्षेत्र व स्लम एरिया में काम करने वाली नीव संस्था ने सोमवार को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में आईआईटी दिल्ली निर्मित मास्क का वितरण किया।

Ashiki
Published on: 8 Jun 2020 5:02 PM GMT
कोरोना महामारी में ये सभी चीजे हैं सबसे बड़ा हथियार
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मेरठ: शिक्षा के क्षेत्र व स्लम एरिया में काम करने वाली नीव संस्था ने सोमवार को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में आईआईटी दिल्ली निर्मित मास्क का वितरण किया। पहले चरण में संस्था ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, पुलिस कर्मी व मीडिया कर्मियों को थ्री लेयर मास्क का वितरण किया। साथ ही संस्था के राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर डॉ. उपदेश वर्मा ने कोरोना महामारी के दौरान मीडिया द्वारा किया गए काम की सराहना भी की। नीव संस्था ने कुलपति प्रो नरेंद्र कुमार तनेजा, प्रति कुलपति प्रो वाई विमला को मास्क देकर अभियान की शुरूआत की है।

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कुलपति ने की सराहना

चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो नरेंद्र कुमार तनेजा ने नीव संस्था द्वारा किए जा रहे कार्य की सराहना की। कुलपति ने कहा कि कोरोना महामारी में स्वच्छता, सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क ही सबसे बडा हथियार है। उन्होंने कहा कि लोगों इन तीनों चीजों का कडाई से पालन करना चाहिए। यदि हम इसका पालन करेंगे तो इस महामारी को हम सब मिलकर जल्द ही खत्म कर देंगे।

एन-95 के समान है थ्री लेयर मास्क

संस्था के राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर डॉ. उपदेश वर्मा ने बताया कि आईआईटी दिल्ली के टैक्सटाइल विभाग द्वारा निर्मित किया गया है। इस मास्क को कवच नाम दिया गया है। यह थ्री लेयर मास्क है तथा एन-95 के समान ही है। यह मास्क ऑनलाइन माध्यम से आसानी से उपलब्ध हो सकता है तथा इसका दाम भी बहुत कम है। ऑनलाइन वेबसाइट से यह 45 रूपये में खरीदा जा सकता है। उन्होंने बताया कि पहले चरण में हमने कोरोना महामारी में जो काम कर रहे हैं मीडिया, पुलिस कर्मी, डॉक्टर्स जैसे विभिन्न संस्थानों में एक हजार मास्क का निशुल्क वितरण किया है।

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गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराते हैं

नीव संस्था के वाई प्रेसीडेंट प्रो बीरपाल ने बताया कि संस्था द्वारा एजुकेशन में काम किया जाता है। संस्था स्लम एरिया में जाकर गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करती है। जो बच्चे शिक्षा से वंचित हैं उनका एडमिशन भी संस्था द्वारा कराया जाता है। उनको ड्रेस, किताब, जूते, स्टेशनरी आदि भी संस्था द्वारा निशुल्क प्रदान की जाती है। प्रो बीरपाल ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान संस्था द्वारा स्लम एरियों में खाद्य सामग्री का भी वितरण किया। इंजीनियर मनीष मिश्रा, दुर्गेश का विशेष सहयोग रहा।

रिपोर्ट: सुशील कुमार

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