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जौनपुर किसान आन्दोलन: सरकार की कार्यवाही किसानों में आक्रोश, दिखाई नाराजगी

देश का अन्नदाता आन्दोलन की राह पर है और इतिहास दाग दार हो रहा है। इन्होंने तो यह भी कहा कि सरकार के इस काले कानून की वजह से देश के लगभग 150 किसानों की मौतें हो गयी है इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा, उन परिवारों का भरण पोषण कौन करेगा यह एक बड़ा सवाल खड़ा होता है।

Shraddha Khare
Published on: 29 Jan 2021 6:29 PM IST
जौनपुर किसान आन्दोलन: सरकार की कार्यवाही किसानों में आक्रोश, दिखाई नाराजगी
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जौनपुर किसान आन्दोलन: सरकार की कार्यवाही किसानों में आक्रोश, दिखाई नाराजगी photos (social media)

जौनपुर। देश में कृषि कानून के खिलाफ चल रहा किसान आन्दोलन अब आम जन मानस के बीच चर्चा का विषय बन गया है। अब इस क्रिया प्रतिक्रिया भी आने लगी है। आम जन से लेकर समाज सेवीयों द्वारा किसानों के पक्ष में सरकार की आलोचना की जा रही है। लगभग हर स्तर पर एक सवाल खड़ा किया जा रहा है जिसके लिये सरकार ने कृषि कानून बनाया है वह नहीं चाहता तो कृषि कानून वापस लेने से सरकार परहेज क्यों कर रही है।

समाज सेवी इन्द्रभुवन सिंह ने कही यह बात

इस मुद्दे पर किसान के समाज सेवी इन्द्रभुवन सिंह से बातचीत करने पर उन्होंने तुलसीकृत रामायण के उत्तराखंड की एक चौपाई "जे बहु झूठ मसखरी जाना, कलयुग ते गुणवन्त बखाना" कहते हुए कहा कि यह केन्द्र की सरकार इसी तर्ज पर काम कर रही हैं। सरकार उनके ऊपर लाठी चलवा रही है जो भारत के अमीर गरीब का पेट भरने के लिए अन्न पैदा करता है। जब किसान कोई कानून नहीं चाहता तो सरकार जबरिया कृषि कानून क्यों थोप रही है। इसके पीछे निश्चित रूप से कोई बड़ी साजिश है।

काले कानून की वजह 150 किसानों की हुई मौत

इन्द्रभुवन सिंह ने 26 जनवरी को लाल किले की घटना को दुःखद बताया साथ ही सवाल खड़ा किया कि सरकार ऐसी परिस्थितियां क्यों पैदा कर रही है कि देश का अन्नदाता आन्दोलन की राह पर है और इतिहास दाग दार हो रहा है। इन्होंने तो यह भी कहा कि सरकार के इस काले कानून की वजह से देश के लगभग 150 किसानों की मौतें हो गयी है इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा, उन परिवारों का भरण पोषण कौन करेगा यह एक बड़ा सवाल खड़ा होता है।

indrabhuvan singh

धर्मेन्द्र कुमार निषाद-किसानों के साथ अत्याचार बन्द करें

इसी क्रम में धर्मेन्द्र कुमार निषाद से बात करने पर उन्होंने दिल्ली उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित गाजीपुर की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि किसानों के साथ सरकार बड़ा अन्याय कर रही है। इनका मानना है कि 26 जनवरी को किसानों के दिल्ली में ट्रैक्टर रैली में सरकार के लोग अपने लोगों को भेज कर बवाल करवाया ताकि किसान आन्दोलन को बदनाम किया जा सके। सरकार किसानों के हित की बात तो करती है लेकिन काम किसान अहित का कर रही है। पूंजी पतियों के सह पर किसानों के ऊपर सरकार कानून का डन्डा चला रही है यह बेहद शर्मनाक घटना है। सरकार किसानों के साथ अत्याचार बन्द करे अन्यथा इसका परिणाम भयानक हो सकता है।

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किसानों के ऊपर बढ़ रहा सरकार का जुल्म

मुकेश यादव से किसान आन्दोलन और सरकार की कार्यवाही पर चर्चा करने पर उन्होंने देश के आजादी के समय की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि आजादी की लड़ाई के समय गांधी जी ने मोतीलाल नेहरू जी से एक मुट्ठी नमक बनाने को कहा तो नेहरु जी ने कहा इससे क्या होगा गांधी जी ने कहा कि बना तो देखें। फिर एलान हो गया कि नेहरू जी नमक बनायेंगे। उसके बाद जैसे ही नेहरू जी नमक बनाने गये गिरफ्तार कर लिया गया। इसलिए वह आन्दोलन पूरे देश में घर - घर फैल गया अंग्रेजी हुकूमत कांप उठी। आज वही स्थित आ गयी है। किसानों के ऊपर हो रहे सरकारी जुल्म का असर पूरे देश में पड़ेगा समय आने पर जबाब भी किसान जरूर देगा।

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किसान लोकतांत्रिक तरीके कर रहा अपनी बात

समर बहादुर यादव से बात करने पर उन्होंने कहा कि आज देश में जो कुछ घटित हो रहा है वह दुर्भाग्य पूर्ण है। सरकार किसानों पर जुल्म ढहा रही है किसान लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात कह रहा है उसे कुचलने का काम किया जा रहा है। कृषि कानून के जरिए हम किसानों को पूंजी पतियों का गुलाम बनाने का कुचक्र वर्तमान सरकार कर रही है। लाल किले की घटना के बाबत बताया कि कुछ फोटो सोशल मीडिया पर वायरल है जो बता रहा है कि किले की प्राचीर पर केसरिया झंडा लगाने वाला कौन है। सरकार उसके खिलाफ कार्यवाही न करके किसान नेताओं को फर्जी कानूनी शिकंजे फंसाने का काम कर रही है।

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सरकार किसानों को कर रही बर्बाद

किसानों के मुद्दे से लेकर लाल किले की घटना के बाबत सुरेन्द्र त्रिपाठी से बात करने पर उन्होंने पूरी घटना के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है और कहा कि किसानों ने अपने उत्पीड़नात्मक कानून का विरोध किया तो अब किसानों के साथ सरकार अत्याचार अपने पुलिस के जरिए करा रही है। गाजीपुर की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार किसानों को बर्बाद करने पर तुली हुई है। बिल वापस लेने के बजाय सरकारी गुन्डई से किसानो को दबाने का काम किया जा रहा है। आन्दोलन स्थल की बिजली काटना पानी बन्द करना पुलिसिया उत्पीड़न कराना साफ करता है कि सरकार पूरी तरह से किसान विरोधी काम कर रही है।

लाल किले की घटना थी शर्मनाक

लोलारक दूबे से इस मुद्दे पर बात करने पर उन्होंने कहा कि लाल किले की घटना की जांच होनी चाहिए जांच होने तक किसी भी किसान का उत्पीड़न नहीं करना चाहिए। लाल किले की घटना शर्मनाक है लेकिन जिम्मेदार कौन है यह गम्भीर विचारणीय विषय है। हलांकि सरकार किसानों के आन्दोलन को कमजोर करने की पुरजोर कोशिश कर रही है लेकिन उसे सफलता नहीं मिलने वाली है । सरकार किसानों का जितना उत्पीड़न करेगी लोकतांत्रिक देश में उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। शशि राज सिन्हा ने किसानों के मुद्दे पर कहा कि इस आन्दोलन में एक दो प्रान्त ही नहीं बल्कि पूरे देश के किसान एक साथ है। आन्दोलन स्थलों पर भले ही सभी किसान नहीं पहुंच सके है लेकिन उनकी सहमति किसानों के साथ है।

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रिपोर्ट : कपिल देव

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