×

केंद्र की इस योजना का धज्जियां उड़ाता यूपी सरकार का ये जिला

यूपी के शाहजहांपुर जिले को खुले में शौच मुक्त किए जाने के दावे हवा हवाई साबित हुए हैं। यह आज भी 61 हजार परिवार खुले में शौच करने को मजबूर है ।

Deepak Raj
Published on: 13 Feb 2020 7:08 PM IST
केंद्र की इस योजना का धज्जियां उड़ाता यूपी सरकार का ये जिला
X

आसिफ अली

शाहजहांपुर। यूपी के शाहजहांपुर जिले को खुले में शौच मुक्त किए जाने के दावे हवा हवाई साबित हुए हैं। यह आज भी 61 हजार परिवार खुले में शौच करने को मजबूर है । आलम ये है कि एक बड़ी आबादी शौचालय के लिए सरकार से उम्मीद लगाए बैठी है।

ये भी पढ़ें- केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन बोले- कोरोना वायरस को लेकर सरकार गंभीर, बनाए हुए हैं नजर

फिलहाल जिला प्रशासन जल्द ही छूटे हुए परिवारों को शौचालय मुहैया कराने का दावा कर रहा है। newstrack.com ने पुवायां तहसील के करीब पांच गांवों मे जा जाकर लोगों से बात की।

ओडीएफ का मतलब खुले में शौच मुक्त होता है

खुले में शौच के लिए जाती लोटा पार्टी के ऐसे नजारे आपको शाहजहांपुर के सैकड़ों गांव में सुबह-सुबह नज़र देखने को मिल जाएंगे। यह नजारे उस जिले के हैं जिसे कागजों में ओडीएफ किए जाने का दावा किया गया था। ओडीएफ का मतलब खुले में शौच मुक्त होता है।

आरटीआई से हुए खुलासे में जिले की सभी 1077 ग्राम पंचायतों में अभी भी 61 हजार 107 परिवार ऐसे हैं जो अभी भी खुले में शौच करने को मजबूर है। बंडा ब्लॉक के मूड़ा गांव वालों का आरोप है कि उनके जनप्रतिनिधि अपने खास खास लोगों को शौचालयों से लाभान्वित करवाते हैं । जबकि असल जरूरतमंद अभी भी शौचालय के लिए तरस रहे हैं।

ये भी पढ़ें- केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन बोले- कोरोना वायरस को लेकर सरकार गंभीर, बनाए हुए हैं नजर

गांव की रहने वाली राम बेटी,मीना और राम प्रसाद ने newstrack.com से खास बातचीत मे कहा कि अभी तक उनको सरकारी शौचालय नही मिले है। दरअसल जब सरकार की तरफ से शौचालय पास किये जाते है।तब ग्राम प्रधान अपने खास लोगों का नाम लिखकर भेज देते है। ऐसे मे रोज के जैसे सुबह सुबह महिलाएँ इकट्ठा होकर खेतों मे शौच करने के लिए जाती है।

शौच के वक्त महिलाओं के साथ अभद्रता करते है लोग

कठिनाइयों का सामना उस वक्त भी करना होता है। जब शौच के लिए जाते वक्त रास्ते मे कुछ शरारती युवक कमेंट्स बाजी करते है। इतना ही नही जिनके खेतों मे शौच करने के लिए जाते है। वह महिलाओं के साथ अभद्रता भी करते है। गालीगलौज और मारपीट तक उतर आ जाते है।

सरकारी आंकड़ों और जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग कहानी बयां करती है । हालांकि सीडीओ महेंद्र सिंह तंवर ने newstrack.com से कहा कि छूटे हुए सभी 61 हजार परिवारों को चिन्हित कर लिया गया है। बजट मिलते ही इन परिवारों को भी शौचालय मुहैया करा दिया जाएगा।

ये भी पढ़ें- आरक्षण खत्म करना चाहती है मोदी सरकार: रणदीप सुरजेवाला

शौचालय में बड़े पैमाने पर घोटालों की शिकायतें आई है। जिन पर शासन और प्रशासन जांच भी कर रहा है। क्योंकि जो शौचालय कागजों में बनकर तैयार हो गए हैं उनका जमीन पर अता पता तक नहीं है। से में जिले को ओडीएफ घोषित करना अपने आप में 61 हजार परिवारों के लिए एक मजाक है। फिलहाल 61 हजार परिवारों की लोटा पार्टी सुबह-सुबह रोजाना अपमान का सामना करने को मजबूर है।

कागजों पर जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया है

आखिर जिला प्रशासन ने वाहवाही लूटने के लिए कागजों पर जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया है। लेकिन हकीकत आपको फोटो मे दिख जाएगी। अब देखना होगा कि जिला प्रशासन इतनी बड़ी लापरवाही के बाद सरकार इन लोगों पर कोई कार्यवाही करती है। या फिर कागजों मे ओडीएफ घोषित करके जिला प्रशासन और सरकार खुश रह लेगी।



Deepak Raj

Deepak Raj

Next Story