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आर्थिक विकास दर और बेटियों की सुरक्षा पर सदन में खूब हुआ हंगामा

आर्थिक सुस्ती से गुजर रहे देश में वित्त मंत्री के मुंह से आर्थिक विकास दर की बात विपक्ष को नहीं पची। वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 में दस फीसदी आर्थिक विकास दर का हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है। वित्त मंत्री के इतना कहते ही विपक्ष सदन में हंगामा करने लगा।

Shivakant Shukla
Published on: 1 Feb 2020 4:21 PM IST
आर्थिक विकास दर और बेटियों की सुरक्षा पर सदन में खूब हुआ हंगामा
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नई दिल्ली: बजट भाषण के दौरान आम तौर पर तो सदन में शांति रही मगर जब वित्त मंत्री ने आर्थिक विकास दर और देश की बेटियों का जिक्र किया तो सदन में जमकर हो-हल्ला हुआ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार सबसे लंबा बजट भाषण पढ़ा। उनके भाषण के दौरान सबसे ज्यादा हंगामा उस समय हुआ जब उन्होंने वित्त वर्ष 2020-21 में 10 फीसदी आर्थिक विकास दर हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित होने की बात कही।

विपक्ष को रास नहीं आया आर्थिक विकास दर का दावा

आर्थिक सुस्ती से गुजर रहे देश में वित्त मंत्री के मुंह से आर्थिक विकास दर की बात विपक्ष को नहीं पची। वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 में दस फीसदी आर्थिक विकास दर का हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है। वित्त मंत्री के इतना कहते ही विपक्ष सदन में हंगामा करने लगा। विपक्ष पिछले कुछ समय से देश में आर्थिक मंदी को लेकर सरकार पर हमलावर है।

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आर्थिक सुस्ती के कारण कई क्षेत्रों के लोगों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मंदी के कारण ही लाखों लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा और काफी संख्या में लोग छंटनी की समस्या का सामना कर रहे हैं। ऐसे में 10 फीसदी की विकास दर की बात विपक्ष के गले नहीं उतरी और उसने जमकर हंगामा किया। विपक्ष का कहना था कि सरकार लोगों को भरमा रही है क्योंकि दस फीसदी की विकास दर हासिल करना नामुमकिन है।

बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ की बात पर हंगामा

इसके बाद जब वित्त मंत्री ने बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का जिक्र किया तो भी सदन में हंगामा हो गया। बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। पीएम मोदी सभाओं में इसका अक्सर उल्लेख करते रहे हैं और केंद्र सरकार का इस योजना पर काफी फोकस रहा है। बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के परिणाम शानदार रहे हैं और लड़कियों के स्कूल जाने का आंकड़ा लडक़ों से ज्यादा है।

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98 फीसदी लड़कियां नर्सरी लेवल पर स्कूल जा रही हैं। बारहवीं तक भी इसी तरह के आंकड़े हैं। दरअसल विपक्ष बेटियों की सुरक्षा की बात पर आपत्ति थी। जब वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में महिलाओं से जुड़ी योजनाओं के लिए 28,600 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है तो सदन में मेजें थपथपाकर इसका स्वागत किया गया।

देश की सुरक्षा की बात सुन बरसा विपक्ष

वित्त मंत्री ने तमिल कवि तिरुवल्लूर की कविता भी सुनाई। उन्होंने तमिल कविता का अनुवाद किया, लेकिन देश की सुरक्षा का जिक्र आते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू किया। वित्त मंत्री ने कहा कि तिरुवल्लूर ने पांच रत्नों का जिक्र किया है और पीएम मोदी ने उन्हें पूरा कर दिखाया है। ये पांच रत्न हैं- स्वास्थ्य, खुशहाली, सुरक्षा और किसान। इन सभी क्षेत्रों में सरकार की ओर से कई उपाय किए गए हैं। सुरक्षा की बात सुनते ही विपक्ष ने हमलावर रुख अपना लिया। हंगामे को देखते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा मोदी सरकार की बड़ी प्राथमिकता है।

कश्मीरी कविता ने बटोरीं खूब तालियां

वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान पंडित दीनानाथ कौल की कश्मीरी कविता भी पढ़ी, जिसे सुनकर सदन में खूब तालियां बजीं। कौल की इस कविता की पक्तियां हैं- हमारा वतन खिलते हुए शालीमार बाग जैसा, हमारा वतन डल झील में खिलते हुए कमल जैसा, नौजवानों के गर्म खून जैसा, मेरा वतन तेरा वतन हमारा वतन, दुनिया का सबसे प्यारा वतन...।



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Shivakant Shukla

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