TRENDING TAGS :
गौवंशों की ये तस्वीरें रूला देंगी! क्या यही है यूपी सरकार की गौ-सेवा
उत्तर प्रदेश सरकार गोवंशों को खाने के लिए करोड़ों रुपए का चारा दे रही हो लेकिन जनपद कानपुर देहात में सूखा भूसा खाने के लिए गोवंश मजबूर है,जिसके चलते अकबरपुर नगर पंचायत की कान्हा गोशाला में गायों की बीमारी के चलते मौतें का होना शुरू हो गया है
कानपुर: मुख्यमंत्री जी देखिए यह तस्वीर है सूबे के जनपद कानपुर देहात की जहां पर आप की गाय किस तरह जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है, भले ही उत्तर प्रदेश सरकार गोवंशों को खाने के लिए करोड़ों रुपए का चारा दे रही हो लेकिन जनपद कानपुर देहात में सूखा भूसा खाने के लिए गोवंश मजबूर है,जिसके चलते अकबरपुर नगर पंचायत की कान्हा गोशाला में गायों की बीमारी के चलते मौतें का होना शुरू हो गया है और अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं, जब मीडिया ने कान्हा गौशाला की हकीकत देखी तो वहां के अधिकारी,कर्मचारी पूरे मामले को सिरे से खारिज करते नजर आए।
सूखे भूसे में ना तो हरा चारा है और ना ही चुनी चोकर
यह तस्वीर है जनपद कानपुर देहात के अकबरपुर नगर पंचायत स्थित कान्हा गौशाला की, जहा यूपी के मुख्यमंत्री के आदेशो की खुलेआम धज्जिया उड़ाई जा रही है, गौवंशों के चारे के लिए आए रुपयो का जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है , इस गौशाला मे गायों को खाने के नाम पर महज सूखा भूसा ही दिया जा रहा है, सूखे भूसे में ना तो हरा चारा है और ना ही चुनी चोकर मिलाया जा रहा है जब इसकी भनक मीडिया को लगी तो हमने सीधा रूख कान्हा गौशाला का किया,जैसे ही हमारी टीम कान्हा गौशाला में रियल टी चेक करने पहुंची तो तस्वीर कुछ ऐसी मिली वहां पर गौशाला में मौजूद कई गोवंश जिंदगी और मौत के बीच आखिरी सांसें गिन रहे थे, कई गायों की तो कवरेज के दौरान ही मौत हो गई, और कई गाय ज़िंदगी व मौत से जूझ रही है।
ये भी पढ़ें: पति की लाश पर खाना! ये कैसी महिला है, यकीनन रूह कांप जाएगी आपकी
गंदा पानी पीने को मजबूर है गोवंश
वहीं गौशाला मे गोवंशों के लिए हरे चारा काटने के लिए तमाम मशीनरी लगाई गई जो गौशाला मे महज शोपिस बनी हुई है, वही गोवंशों के पीने की बात की जाये तो तस्वीरे देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह का पानी गोवंशों पीने को मजबूर है, सर्दी के मौसम के चलते गोवंश बेहाल हो रहे है अभी तक अधिकारियों और कर्मचारियो की तरफ से सर्दी के बचाव के लिए कोई इंतजामात नहीं किए गए, जब इस पूरे मामले को लेकर गौशाला के सुपर वाइजर से बात की तो साहब अपना पल्ला झाड़ते नजर आए और गायों की मौतों को एक्सीडेंट बता डाला।
ये भी पढ़ें:दो फिटी पाकिस्तानी दूल्हे को मिली 6 फिट की दुल्हनियां, फिर हुआ ये…
बीमारी के चलते ज़िंदगी और मौत से जूझ रही
गौशालाओं की निगरानी के लिए आए नामित नोडल अधिकारी से जब बात की तो महोदय अपनी सफाई पेश करते हुये गौशाला की व्यवस्थाओ को दुरुस्त बताने जबकि महोदय को ये भी नहीं पता था की गौशाला मे कितनी गाय बीमारी के चलते ज़िंदगी और मौत से जूझ रही है, वही महोदय ने मीडिया के सवालों से बचते हुये कहा की सर्दी के मौसम को देखते हुये त्रिपालों का इंतजाम किया जा रहा है और जल्द ही सर्दी से बचाव के इंतजाम कर दिये जाएंगे। वहीं हरे चारे के लिए फसल बो दी गई है जब फसल तैयार हो जाएगी तब हरा चारा गौवंशों को दिया जाएगा। वहीं गौशालाओ की खराब व्यवस्था पर क्षेत्र के किसानो को जिम्मेदार बता डाला की किसानो को भी गौशाला की व्यवस्थाओ मे सहयोग करना चाहिए, गौशाला मे सारी व्यवस्था ठीक है सभी को पौष्टिक आहार दिया जा रहा है,और गायों की मौत पर महोदय ने पहले गायों को बुजुर्ग गाय बता दिया और फिर बोले की जिसको जीवन मिला है उसकी मृत्यु निशिचित है।
ये भी पढ़ें:बनारस हिंदू विश्वविद्यालय: यह संस्कृत की संस्कृति कदापि नहीं
कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही के लिए शिकायत की जाएगी
वहीं राष्ट्रीय गौरक्षक दल के अध्यक्ष ने गौशालाओ की अव्यवस्थाओ व भ्रष्टाचार को खुद ही स्वीकार करते हुये बताया की यूपी सरकार ने गौशालाओ को प्रथम वरीयता दी है और गौशालाओ की व्यवस्थाओ के लिए पर्याप्त धन दिया जरहा हैं, लेकिन निचले स्तर के अधिकारी कर्मचारी लापरवाही व भ्रष्टाचार कर रहे है ,कान्हा गौशाला मे एक माह मे कई गायों की मौते हो चुकी है जिसकी जांच की जा रही है, लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही के लिए शिकायत की जाएगी|
वहीं पर एक सवाल यह उठता है कि जब सूबे की सरकार हर जनपद में गायों की सुरक्षा के लिए बेहतर गौशाला और उनके खान-पान के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है कि उन्हें अच्छा चारा दिया जाए लेकिन अच्छा चारा गौशालाओं में तभी नजर आता है जब उत्तर प्रदेश सरकार के कोई मंत्री गौशालाओं का निरीक्षण करते हैं उसके बाद गौशालाओं की हालात जस की तस बनी रहती है और अधिकारी गौशाला के चारा का घोटाला कर बंदरबांट कर रहे हैं जिसके चलते बेजुबान गौवंशों (गायो) की मौते होती जा रही है।