×

जेल वाले नेता जी: कभी सदन की शोभा बढ़ाते थे ये, अब हैं सलाखों के पीछे

राजनीति की रपटीली राहों में चाहे कितना भी संभल कर चलिए कभी न कभी व्यक्ति एक गलती से ‘माननीय’ से ‘मुजरिम’ बन जाता है।

Roshni Khan
Published on: 28 Dec 2019 9:23 AM GMT
जेल वाले नेता जी: कभी सदन की शोभा बढ़ाते थे ये, अब हैं सलाखों के पीछे
X

श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: राजनीति की रपटीली राहों में चाहे कितना भी संभल कर चलिए कभी न कभी व्यक्ति एक गलती से ‘माननीय’ से ‘मुजरिम’ बन जाता है। ऐसा सबसे अधिक यूपी की राजनीति में देखने में आया है। कई ऐसे विधायक हैं जो कभी सदन की शोभा बढ़ाते थें पर आज जेलों की शोभा बढ़ा रहे हैं।

ये भी पढ़ें:134वां स्थापना दिवस के मौके पर कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने की शिरकत

उन्नाव गैंगरेप केस: दोषी कुलदीप सिंह सेंगर की सजा टली, 20 दिसंबर को होगा फैसला

हाल ही में उन्नाव के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दुष्कर्म के मामलें में आजीवन कारावास की सजा हुई है। कुलदीप सेंगर मौजूदा विधानसभा के ऐसे दूसरे सदस्य है जिन्हे एक आपराधिक कृत्य में आजीवन कारावास की सजा हुई है। इससे पूर्व हमीरपुर के भाजपा के ही विधायक अशोक सिंह चंदेल को एक सामूहिक हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। चंदेल के सजायाफ्ता होने के बाद उनकी रिक्त विधानसभा सीट पर उपचुनाव भी हो चुका है। अशोक सिंह चंदेल ने 26 जनवरी 1997 को सामूहिक हत्याकांड में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या कर दी थी।

करवरिया बंधुओं को आजीवन कारवास की सजा हुई

जवाहर पंडित हत्यकांड में इलाहाबाद के विधायक और सांसद रहे करवरिया बंधुओं को आजीवन कारवास की सजा हुई है। जिन तीन भाइयों को सजा हुई उनमें बसपा से सांसद रहे कपिलमुनि करवरिया, भाजपा से विधायक रहे उदयभान करवरिया,और विधानपरिषद सदस्य रहे सूरजभान करवरिया शामिल है। जवाहर पंडित की हत्या 23 अगस्त 1996 में हत्या हुई थी।

इसके अलावा चरखारी से सपा विधायक रहे कप्तान सिंह राजपूत भी आजीवन कारावास की सजा काट रहे है इसी सजा के चलते उन्हे उनकी विधानसभा की सदस्यता गयी थी। उनके जेल जाने के बाद इसी सीट से उनकी पत्नी समाजवादी पार्टी की विधायक चुनी गयी। इसी तरह निर्दलीय विधायक मुख्तार अंसारी भी इस समय भी जेल में ही है। जेल में सजायाफ्ता होने के कारण उन्हे पिछले कई सत्रों से सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं मिल रही है।

अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति

गायत्री प्रजापति अखिलेश सरकार जाने के बाद से ही दुष्कर्म के एक मामलें जेल में है। बीच में उन्हे इसी मामलें में कुछ दिन के लिए जमानत भी मिली थी, लेकिन कुछ समय बाद वह फिर जेल चले गए। इसी तरह भाजपा के सांसद और केन्द्र में गृह राज्यमंत्री रहे चिन्मयानन्द भी इस समय जेल में है।

यह कोई पहला मौका नहीं है जबकि विधानसभा के सदस्यों को इस तरह की सजा हुई है। पूर्ववर्ती विधानसभाओं में सदस्य रहे कई लोगों को इसी तरह की सजाएं हो चुकी है जिनमें कुछ को तो आजीवन कारावास की सजाएं काट रहे है, इनमें कुछ तो मंत्री और सांसद तक रहे है। मायावती समेत कई अन्य सरकारों में मंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी मधुमिता हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे है। उनके साथ पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को भी आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। वे भी इस समय जेल में ही है। मधुमिता की 9 मई 2003 को लखनऊ के पेपरमिल कालोनी में हत्या कर दी गयी थी।

ये भी पढ़ें:सीतारमण की बैक अधिकारियों संग अहम बैठक, आम बजट से पहले चर्चा में रहे ये मुद्दे…

मायावती सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2008 में 24 दिसंबर को औरेया के विधायक शेखर तिवारी ने मायावती के जन्मदिन पर चंदा न देने के कारण अपने गुर्गा के साथ लोकनिर्माण विभाग के इंजीनियर मनोज गुप्ता की ऐसी पिटाई की कि उनकी मौत हो गई। इसको लेकर सुर्खियों में आए शेखर तिवारी इस मामलें में आरोपी बने और उन्हें सजा हुई।

मायावती सरकार में ही बांदा के पुरूषोत्तम द्विवेदी बसपा के विधायक हुआ करते थे, इनका नाम भी एक दुष्कर्म मामलें में सामने आया। तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने इस प्रकरण की जांच CBI को सौंपी तो विधायक पुरूषोत्तम नरेश द्विवेदी ही दोषी पाए गए और उन्हें इस मामलें में सजा हो गयी। पूर्व सांसद और अटल सरकार में गृह राज्य रहे चिमयानन्द इन दिनों एक युवती के उत्पीड़न के आमले में जेल मेयन हैं।

Roshni Khan

Roshni Khan

Next Story