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लॉकडाउन में फीकी पड़ी चिकनकारी की चमक, करोड़ों का हुआ नुकसान

लखनऊ की चिकनकारी ओडीओपी में शामिल किया गया है। चिकन के वस्त्रों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ठोस रणनीति के तहत कार्य किया जा रहा है।

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Published on: 30 July 2020 9:35 PM IST
लॉकडाउन में फीकी पड़ी चिकनकारी की चमक, करोड़ों का हुआ नुकसान
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श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: लखनऊ की चिकनकारी ओडीओपी में शामिल किया गया है। चिकन के वस्त्रों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ठोस रणनीति के तहत कार्य किया जा रहा है। यहां से चिकन के वस्त्रों के निर्यात की बड़ी सम्भावना है। ओडीओपी योजना के तहत राज्य सरकार निर्यातकों को बाजार मुहैया कराने के साथ ही व्यापार को बढ़ाने के लिए हर प्रकार का सहयोग प्रदान कर रही है।

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अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन डॉ. नवनीत सहगल ने कहा कि इस वर्ष एक लाख 20 हजार करोड़ का निर्यात उत्तर प्रदेश से हुआ है, जबकि पिछले वर्ष एक लाख 14 हजार करोड़ का निर्यात हुआ था। इसको बढ़ाकर दोगुना किये जाने का लक्ष्य है। इसके लिए नई निर्यात प्रोत्साहन नीति भी बनाई जा रही है।

उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के समय तथा इसके बाद सरकार का प्रयास रहा है कि निर्यातक इकाइंया पूरी क्षमता के साथ कार्य करें। लाॅकडाउन के समय निर्यातकों के कंसाइनमेंट फंस गये थे, इसको देखते हुए निर्यातक यूनिट खोलने की अनुमति दी गई।

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निर्यात बढ़ाने में हर सम्भव सहयोग देने का आश्वासन

डॉ सहगल ने यह बात आज जानकारी पुरम् विस्तार स्थित एमएलके एक्सपोर्टस् यूनिट के निरीक्षण के उपरान्त कही। उन्होंने कहा कि चीन से विश्व में निर्यात होने वाले वस्त्रों को यहां से एक्सपोर्ट कराने के लिए इकाइयों से चर्चा की जा रही है। उनसे प्राप्त सुझावों को आने वाली निर्यात प्रोत्साहन नीति में भी शामिल किया जायेगा। इसी परिप्रेक्ष्य में आज इस निर्यातक यूनिट का निरीक्षण किया गया है। उन्होंने निरीक्षण के दौरान निर्यात में आ रही समस्याओं की जानकारी प्राप्त की और निर्यात बढ़ाने में हर सम्भव सहयोग देने का आश्वासन दिया।

लाॅकडाउन लागू होने से काफी माल विदेशों में जाने से रूक गया

डॉ सहगल ने कहा कि एमएलके एक्सपोर्टस् यूनिट के प्रबंधक शिशिर कपूर ने अवगत कराया कि एमएलके एक्सपोर्टस चिकन के कपड़ों की निर्यात इकाई है। प्रतिवर्ष लगभग 15 करोड़ के चिकन वस्त्रों का निर्यात जर्मनी, अमेरिका सहित 22 देशों में किया जाता है। इकाई में लगभग 200 वर्कर्स काम करते हैं। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि लाॅकडाउन लागू होने से उनका काफी माल विदेशों में जाने से रूक गया था, लेकिन सरकार द्वारा यूनिट शुरू करने की अनुमति मिलने से उनका कंसाइनमेंट पूरा हो गया था।

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