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फरिश्ते बने दो युवक: अजनबी महिला का दिया साथ, सोशल मीडिया बना सहारा

दरअसल एक महिला गर्भवती है और जब वह डाक्टर के पास गई तो डॉक्टरों ने उसको खून की कमी बताकर खून की व्यवस्था करने की बात कही। इसके बाद महिला काफी परेशान हुई उसे कोई उपाय नही सूझ रहा था।

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Published on: 1 Nov 2020 3:53 PM IST
फरिश्ते बने दो युवक: अजनबी महिला का दिया साथ, सोशल मीडिया बना सहारा
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फरिश्ते बने दो युवक: अजनबी महिला का दिया साथ, सोशल मीडिया बना सहारा (Photo by social media)

हरदोई: एक महिला जो जिंदगी की जंग लड़ रही थी उसके लिए दो अजनबी युवक देवदूत बनकर आ गए।दोनो ने बिना कुछ सोंचे ही एक अजनबी महिला की मदद के लिए अपना खून दान किया और महिला की जान बचाई।

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डॉक्टरों ने उसको खून की कमी बताकर खून की व्यवस्था करने की बात कही

दरअसल एक महिला गर्भवती है और जब वह डाक्टर के पास गई तो डॉक्टरों ने उसको खून की कमी बताकर खून की व्यवस्था करने की बात कही। इसके बाद महिला काफी परेशान हुई उसे कोई उपाय नही सूझ रहा था। इसके बाद किसी को इसकी जानकारी लग गयी तो मामला सोशल मीडिया पर आ गया और महिला की जान इस मुहिम ने बचा दी।

hardoi-case hardoi-case (Photo by social media)

बतादें की आज की भागदौड़ भरी जिंदगी की में जहां लोगों के पास समय नही है वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनमे इंसानियत आज भी जिंदा है। इसी की मिसाल पेश की है मयंक और गुफरान ने।उनकी इस मिसाल की हर कोई चर्चा करते हुए उन्हें रियल हीरो बता कर उनकी प्रशंसा कर रहा है।

कुल्लही गांव निवासी पिंसू बाजपेई की पत्नी रूबी बाजपेई बहुत ही गरीब परिवार से हैं

दरअसल पिहानी क्षेत्र के कुल्लही गांव निवासी पिंसू बाजपेई की पत्नी रूबी बाजपेई बहुत ही गरीब परिवार से हैं। वह गर्भवती हुई तो हरदोई के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां जांच में पता चला कि उसके शरीर मे खून की बेहद कमी है।इसके बाद सोशल मीडिया के माध्यम से जब पता चला कि महिला को O पॉजिटिव खून की अत्यंत आवश्यकता है, तो हरपालपुर निवासी मयंक गुप्ता द्वारा अपना 01 यूनिट ब्लड डोनेट कर इंसानियत की मिसाल पेश की गयी। उधर मीरसराय निवासी गुफरान खान भी फेसबुक पर पोस्ट देख पिहानी से चल पड़े, और हरदोई के जिला अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में अपना ब्लड डोनेट कर महिला की जिंदगी के लिए दुवा मांगी।

hardoi-case hardoi-case (Photo by social media)

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जिले में इस प्रकार मानवता की सेवा करने का हालांकि यह कोई पहला मामला नही है। इससे पूर्व भी जनपद के युवा गरीबों की जिंदगी बचाने के लिए कई मिसाल पेश कर चुके हैं। हालांकि महिला को अभी खून की और आवश्यकता है।

मनोज तिवारी

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