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यहां हो रही पैसे की बरसात, चार दिन में आया इतना पैसा चौंक जाएंगे आप

लॉकडाउन के दौरान लंबे समय तक बंद रहने वाले तिरुपति बालाजी मंदिर के खुलते ही भक्त दिल खोलकर पैसे की बरसात करने लगे हैं।

Roshni Khan
Published on: 13 Jun 2020 11:52 AM IST
यहां हो रही पैसे की बरसात, चार दिन में आया इतना पैसा चौंक जाएंगे आप
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तिरुपति: लॉकडाउन के दौरान लंबे समय तक बंद रहने वाले तिरुपति बालाजी मंदिर के खुलते ही भक्त दिल खोलकर पैसे की बरसात करने लगे हैं। मंदिर खुलने के शुरुआती चार दिनों में ही भक्तों के दान का आंकड़ा सवा करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। लॉकडाउन के दौरान 80 दिनों तक बंद रहने के बाद 8 जून को मंदिर को खोला गया है। भक्तों की अगाध श्रद्धा का केंद्र माने जाने वाले इस मंदिर में काफी ज्यादा चढ़ावा चढ़ाया जाता है।

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मंदिर कर्मचारियों ने किया भारी दान

कोरोना संकट के कारण तिरुपति मंदिर को 20 मार्च को ही बंद कर दिया गया था। 8 जून को मंदिर खोले जाने के बाद पहले 3 दिनों यानी आठ, नौ और दस जून को सिर्फ मंदिर के कर्मचारियों और उनके परिवारों को ही दर्शन की अनुमति दी गई थी। इन 3 दिनों के दौरान मंदिर के कर्मचारियों ने 65 लाख रुपए से ज्यादा का दान किया। पहले तीन दिनों के दौरान मंदिर को कर्मचारियों के लिए खोलना एक रिहर्सल सरीखा ही था। 11 जून को मंदिर आम लोगों के लिए खोला गया और दौरान करीब 7000 लोगों ने तिरुपति बालाजी का दर्शन करने के बाद 43 लाख रुपए का दान किया।

अटूट आस्था के कारण दिल खोलकर दान

मंदिर खुलने के पहले दिन 8 जून को मंदिर की दान पेटी का में 25 लाख से ज्यादा की रकम दान की गई। दूसरे दिन यानी 9 जून को मंदिर कर्मचारियों ने करीब 20 लाख से अधिक का चढ़ावा चढ़ाया। मंदिर के पीआरओ टी रवि ने कहा कि बालाजी के प्रति हमारे कर्मचारियों की भी अटूट आस्था है और इस कारण उनकी ओर से दिल खोलकर दान दिया गया। 11 जून को मंदिर राम भक्तों के लिए खोले जाने के दिन 42 लाख 88 हजार रुपए का चढ़ावा आया।

तिरुपति ट्रस्ट में कई हजार कर्मचारी

तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट में करीब 21 हजार कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। इनमें करीब साढ़े 8000 कर्मचारी स्थायी रूप से नियुक्त किए गए हैं और लगभग 13000 कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट वाले या आउटसोर्स के हैं। मंदिर की सुरक्षा और साफ सफाई के काम को पूरा करने के लिए कर्मचारियों की यह लंबी चौड़ी फौज रखी गई है। मंदिर में सफाई का काम करने के लिए ही 15 सौ से ज्यादा कर्मचारियों को लगाया गया है और करीब इतने ही कर्मचारियों को सुरक्षा व्यवस्था की कमान भी सौंपी गई है।

लॉकडाउन से लगा 500 करोड़ का झटका

मंदिर ट्रस्ट से जुड़े जानकार लोगों का कहना है लॉकडाउन के दौरान 80 दिनों में मंदिर को करीब 500 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है। आम दिनों में मंदिर को हर महीने करीब 220 करोड़ रुपए की रकम हासिल होती है। इसमें करीब 170 करोड़ रुपए तक हुंडी से मिलता है। पिछले साल मंदिर को हुंडी कलेक्शन से करीब 11 सौ करोड़ रुपए की आय हुई थी। इस बार लंबे लॉकडाउन ने मंदिर की आय पर करारी चोट की है।

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कोरोना संकट के कारण एहतियाती कदम

कोरोना संकट को देखते हुए मंदिर प्रशासन की ओर से एहतियाती कदम भी उठाए गए हैं। केशदान मंडप में बाल काटने वालों को पीपीई किट पहनने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही मंदिर में दर्शन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन भी किया जा रहा है। तिरुपति ट्रस्ट के गोविंदराजा मंदिर के कपाट भी 8 जून को श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे मगर 11 जून को यहां एक कर्मचारी के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद मंदिर को तीन दिनों के लिए बंद कर दिया गया है।

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