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स्वास्थ्य विभाग में पैरामेडिकल तबादलों में धांधली की जांच के लिए कमेटी गठित

स्वास्थ्य विभाग में पिछले दिनों हुये पैरामेडिकल संवर्ग के तबादलों में मिली अनियमितताओं व भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद शासन ने गंभीर रूख दिखाते हुये इन तबादलों की जांच के लिए विशेष सचिव रमेश कुमार त्रिपाठी की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।

Dharmendra kumar
Published on: 2 July 2019 4:24 PM GMT
स्वास्थ्य विभाग में पैरामेडिकल तबादलों में धांधली की जांच के लिए कमेटी गठित
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लखनऊ: स्वास्थ्य विभाग में पिछले दिनों हुये पैरामेडिकल संवर्ग के तबादलों में मिली अनियमितताओं व भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद शासन ने गंभीर रूख दिखाते हुये इन तबादलों की जांच के लिए विशेष सचिव रमेश कुमार त्रिपाठी की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। उप सचिव प्रणेश चन्द्र शुक्ल और अनु सचिव जेएल यादव इस कमेटी के सदस्य होंगे। जांच समिति को चार दिन के अन्दर अपनी जांच रिपोर्ट अपनी संस्तुति के साथ प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया गया है।

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अनुपालन और अवहेलना की स्थिति क्या है?

स्वास्थ्य विभाग की सचिव वी. हेकाली झिमोमी द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि कमेटी जांच करेगी कि इन तबादलों में 27 जून 2018 और 14 जून 2019 के पैरामेडिकल संवर्ग की स्थानान्तरण नीति विषयक शासनादेश प्रावधानों के अनुपालन और अवहेलना की स्थिति क्या है?, किसी जनपद में सबसे अधिक अवधि से तैनात कार्मिकों को नीति के तहत स्थानान्तरित किये गये पैरामेडिकल कर्मियों के प्रतिशत के सापेक्ष तैनाती की समयावधि के घटते हुये क्रम में हटाया गया है या नहीं?, क्या नीति के तहत किये गये स्थानान्तरण पिक एण्ड चूज के आधार पर किये गये है?, किसी जनपद में सबसे अधिक अवधि से तैनात कार्मिकों को न हटाये जाने का कारण?, अनुरोध पर किये गये स्थानान्तरण में वरीयता देने के क्या मानक अपनाये गये है? क्या मानकों के आधार पर स्थानान्तरण किये गये है?, महानिदेशालय कार्यालय के स्थानान्तरण सम्बन्धी अभिलेखों पत्रावलियों की जॉच की जाये, जनपद और मण्डल में क्रमशः सात और 10 वर्ष तक तैनात रह चुके कार्मिक को क्या पुनः उसी जनपद या मण्डल में तैनाती दी गयी है ?, गोरखपुर, सन्तकबीरनगर, बस्ती और सिद्धार्थनगर जनपद में किये गये रथानान्तरण की पैरामेडिकल संवर्ग की स्थानान्तरण नीति विषयक शासनादेश के प्राविधानों के अनुसार गहन जांच की जाये।

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निदेशक(पैरामेडिकल), चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवायें को निर्देश दिये गये है कि वर्तमान स्थानान्तरण सत्र में किये गये सभी स्थानान्तरण आदेश, सम्बन्धित पत्रावलियों और अभिलेखों तथा जॉच समिति द्वारा वांछित विवरण और सूचना तीन जुलाई को जाँच समिति को उपलब्ध करायें और जांच कार्यवाही में पूरा सहयोग करें।

गौरतलब है कि पिछले दिनों चीफ फार्मासिस्ट एवं फार्मासिस्ट के हुये तबादलों में भारी गड़बड़ी की खबरे आयी थी। विभाग के ऐसे फार्मासिस्ट जिनका 30 जून को रिटायरमेंट और समायोजन होना था उनकी जगह 15 दिन पहले ही तैनाती कर दी गई। इतना ही नही जिनकी कहीं नियुक्ति भी नहीं है उनका भी तबादला कर दिया गया और तो और तबादलों की सूची में मृत फार्मसिस्टों का नाम भी डाल दिया गया । तबादलों की सूची में जहां दिव्यांग,गंभीर रूप से बीमार,दांपत्य नीति के दायरे में आने वाले भी शामिल थे तो छह रिटायर्ड चीफ फार्मासिस्ट और पांच ऐसे फार्मासिस्ट के नाम थे, जो उस जिले में कार्यरत ही नहीं हैं।

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पत्र लिख कर विरोध जताया था विरोध

तबादलों में हुई इस धांधलेबाजी पर डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने महानिदेशक स्वास्थ्य को पत्र लिख कर विरोध जताया था। एसोसिएशनं के अध्यक्ष संदीप बडोला ने बताया कि तबादला सूची में नंबर-30 पर महेंद्र सिंह का नाम है, जिनका निधन हो चुका है। सूची में छह ऐसे चीफ फार्मासिस्टों का नाम भी शामिल है जो सेवानिवृत्त हो चुके है। पांच ऐसे फार्मासिस्ट भी सूची में शामिल है, जो संबंधित जिले में कार्यकरत ही नहीं है। इतना ही नहीं दिव्यांग, बीमार, दांपत्य नीति के दायरे में आने वाले दर्जनों फार्मासिस्टों को तबादला सूची में शामिल किया गया है।

Dharmendra kumar

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