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यूपी पहुंचा TRP घोटाला: अर्नब के बाद अब लखनऊ में FIR, CBI जांच की सिफारिश

टीआरपी के जरिये ये पता लगाया जाता है कि किस टीवी चैनल को कितना देखा जा रहा है। इसको मापने के लिए बीएआरसी नाम की संस्था अधिकृत है। बीएआरसी पूरे देश में कुछ घरों को चुन कर उनके टीवी सेट में एक उपकरण लगाते हैं।

Newstrack
Published on: 20 Oct 2020 1:56 PM GMT
यूपी पहुंचा TRP घोटाला: अर्नब के बाद अब लखनऊ में FIR, CBI जांच की सिफारिश
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यूपी पहुंचा TRP घोटाला: अर्नब के बाद अब लखनऊ में FIR, CBI जांच की सिफारिश

लखनऊ: महाराष्ट्र में टीआरपी घोटालें के सामने आने के बाद अब यूपी में भी टीआरपी में घपला करने का मामला संज्ञान में आया है। इस संबंध में यूपी की राजधानी लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में एक एफआईआर भी दर्ज हुई है, जिसमें टीआरपी की गणना को गलत बताया गया है। सूत्रों के मुताबिक इस एफआईआर के साथ ही यूपी के गृह विभाग का एक संस्तुति पत्र भी है, जिसमें पूरे मामलें की सीबीआई जांच कराने के लिए कहा गया है। एफआईआर में किसी को नामजद नहीं किया गया है।

टेलीविजन रेटिंग पांईट से छेड़छाड़

प्राप्त जानकारी के मुताबिक धारा 468, 465, 420, 409 व 120 बी के तहत दर्ज यह एफआईआर तीन दिन पहले इंदिरा नगर निवासी गोल्डन रैबिट इससे पहले पिछले दिनों महाराष्ट्र में मुंबई पुलिस ने टेलीविजन रेटिंग पांईट से छेड़छाड़ करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था।

इस संबंध में मुंबई के पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह ने प्रेसवार्ता कर एक राष्ट्रीय टीवी चैनल को टीआरपी घपले में शामिल बताया था। उन्होंने कहा था कि इस घपले में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

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ऐसे होता है टीआरपी का खेल

बता दें कि टीआरपी के जरिये ये पता लगाया जाता है कि किस टीवी चैनल को कितना देखा जा रहा है। इसको मापने के लिए बीएआरसी नाम की संस्था अधिकृत है। बीएआरसी पूरे देश में कुछ घरों को चुन कर उनके टीवी सेट में एक उपकरण लगाते हैं, जिनके जरिए यह पता चलता है कि कौन सा चैनल कितना लोकप्रिय है।

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यानी जिस चैनल की जितनी ज्यादा टीआरपी वह उतना ही लोकप्रिय और ज्यादा देखा जाने वाला माना जाता है। इस टीआरपी के आधार पर ही टीवी चैनलों के विज्ञापनों की दरें तय होती है। विज्ञापनों की दरे बढ़ाने के लिए और ज्यादा कमाई के लिए चैनलों की कोशिश होती है कि उनका चैनल ज्यादा से ज्यादा देखा जाए।

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