×

कांग्रेस हुई बाहर: भाजपा, सपा-बसपा के बीच कड़ी टक्कर, टूंडला को जीतने की होड़

इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी का नामाकंन पहले ही खारिज हो चुका है, ऐसे में यहां भाजपा, सपा और बसपा के बीच ही मुकाबला होना है। ये तीनो ही दल यहां से दो-दो बार जीत चुके है।

Newstrack
Published on: 29 Oct 2020 12:13 PM GMT
कांग्रेस हुई बाहर: भाजपा, सपा-बसपा के बीच कड़ी टक्कर, टूंडला को जीतने की होड़
X
कांग्रेस हुई बाहर: भाजपा, सपा-बसपा के बीच कड़ी टक्कर, टूंडला को जीतने की होड़

मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ। फिरोजाबाद की टूंडला विधानसभा सीट पर चुनाव प्रचार अब चरम पर पहुंच रहा है। वर्ष 2017 में यहां से विधायक बने एसपी सिंह बघेल के सांसद चुन लिए जाने के कारण रिक्त हुई इस विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में सभी दल मतदाताओं को लुभाने में जुटे हुए है। इसी बीच अब यहां उपचुनाव की तस्वीर काफी हद तक साफ होने लगी है।

कांग्रेस प्रत्याशी का नामाकंन हुआ ख़ारिज

इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी का नामाकंन पहले ही खारिज हो चुका है, ऐसे में यहां भाजपा, सपा और बसपा के बीच ही मुकाबला होना है। ये तीनो ही दल यहां से दो-दो बार जीत चुके है। भाजपा ने यहां प्रेम पाल धनगर, सपा ने महाराज सिंह धनगर तथा बसपा ने संजीव चक को प्रत्याशी बनाया है। मजेदार बात यह है कि तीनो ही प्रत्याशी पड़ोसी जिले आगरा के रहने वाले है।

सपा को इन दो वोट बैंकों से सबसे ज्यादा आस

फिलहाल जो हालात है उसके मुताबिक मुख्य मुकाबला भाजपा और बसपा के बीच माना जा रहा है। सपा को इस सीट पर आखिरी बार 2002 में सफलता मिली थी। इसके साथ ही सपा प्रत्याशी का बेटा रेप के आरोप में जेल में है और विपक्षी दलों ने इसे मुद्दा बना रखा है। इस सीट पर करीब 38000 यादव तथा 21 हजार मुस्लिम मतदाता है। सपा को इन दो वोट बैंकों से सबसे ज्यादा आस है।

Tundla Assembly constituency-3

ये भी देखें: बसपा का ब्राह्मण कार्ड: प्रचार में जुटे स्टार प्रचारक, मल्हनी उपचुनाव में झोंकी ताकत

जाटव वोटों की संख्या करीब 65000

इसके अलावा वह बघेल वोटों में भी सेंधमारी की कोशिश कर रही है। जबकि बसपा यहां वर्ष 2007 और 2012 में विधानसभा चुनाव जीत चुकी है और यहां उसका जाटव वोट काफी संख्या में मौजूद है। इस सीट पर जाटव वोटों की संख्या करीब 65000 है। इसके साथ ही बसपा यहां 21 हजार मुस्लिम, 5000 कोरी और 9000 वाल्मीकि वोटों में से कुछ सेंधमारी करती है। इस लिहाज से देखे तो सपा प्रत्याशी के मुकाबले बसपा प्रत्याशी काफी मजबूत नजर आता है।

अब बात भाजपा की

अब बात भाजपा की। भाजपा प्रत्याशी पे्रमपाल धनगर को इस सीट पर मौजूद करीब 62000 बघेल वोटों से बहुत ज्यादा उम्मीद है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में टूंडला से जीते भाजपा प्रत्याशी एसपी बघेल उनके लिए पूरी ताकत झोंके हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी के साथ ही दोनो उप मुख्यमंत्री समेत अन्य कई भाजपा नेता यहां जनसभाएं कर चुके है।

ये भी देखें: रंगदारी वसूली मामला: हिंदू-मुस्लिम आमने-सामने, बाजार बंद

लाभ भाजपा प्रत्याशी को मिलता दिख रहा

भाजपा प्रत्याशी का जातीय गणित बघेल वोटों के साथ ही करीब 15000 ब्राह्ण, 34000 क्षत्रिय और 6000 बनिया वोटों पर निर्भर कर रहा है। इसके अलावा सत्तारूढ दल का होने का लाभ भी भाजपा प्रत्याशी को मिलता दिख रहा है। जनता के बीच एक मैसेज है कि करीब दो साल के लिए विधायक बनना है तो ऐसे प्रत्याशी को चुना जाए जो क्षेत्र में विकास कार्य करवा सकें।

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें

Newstrack

Newstrack

Next Story