×

आरईएस में अनोखा नियमः 50 लाख के टेंडर चहेतों के नाम, हिस्सा तय तो होगा पास

अपने चहेते को 50 लाख रुपये मूल्य टेण्डर देने के लिए लगातार दो बार निविदा आमंत्रित करके निरस्त कर दी गई जिससे कि इससे सभी ठेकेदारों का ध्यान हट जाए जिसके बाद तीसरी बार सिर्फ चहेते की निविदा को पास करते हुए अन्य 4 निविदाओं में कमी दिखाकर फेल कर दिया गया

Newstrack
Published on: 4 July 2020 1:14 PM GMT
आरईएस में अनोखा नियमः 50 लाख के टेंडर चहेतों के नाम, हिस्सा तय तो होगा पास
X

अम्बेडकरनगर । ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में टेण्डर में मनमानी का सिलसिला जारी है । अपने चहेते को 50 लाख रुपये मूल्य टेण्डर देने के लिए लगातार दो बार निविदा आमंत्रित करके निरस्त कर दी गई जिससे कि इससे सभी ठेकेदारों का ध्यान हट जाए जिसके बाद तीसरी बार सिर्फ चहेते की निविदा को पास करते हुए अन्य 4 निविदाओं में कमी दिखाकर फेल कर दिया गया जबकि विभाग द्वारा पास किये गए निविदा दाता की निविदा में ही भारी कमी है । इसके बाद भी सब कुछ नजर अंदाज किया गया ।

बारिश में इसे बनाना है आसान, ये कर देगा आपके स्वाद और मजे को दोगुना

एक को पास कर बाकियों को किया फ़ैल

मामला जनपद में बनने वाले सखी बन स्टाप सेन्टर की निविदा का है जो लगभग 50 लाख के लागत मूल्य से बनाया जाना था जिसकी निविदा अधीक्षण अभियंता अयोध्या द्वारा आमंत्रित की गई थी । इसमे मेसर्स आलोक सिंह , केडीबीबी अपार कंस्ट्रक्शन, आरके सप्लायर , बजरंगी गौतम, सगीर अहमद व जगदम्बा प्रसाद अयोध्या की फर्म ने टेण्डर तीसरी बार भी अपलोड कर दिया। जिसके बाद अधिशासी अभियंता अयोध्या मदन पाल व अधीक्षण अभियंता अयोध्या के नेतृत्व में निविदा खोली गई जिसमें अपनों पर रहम और गैरो पर सितम की कहावत पूरी चरित्रार्थ की गई ।

सिर्फ जगदम्बा प्रसाद को पास कर बाकी को फेल कर दिया गया जबकि जगदम्बा प्रसाद की फर्म में निविदा में लगने वाले टी 6 फार्म पर हस्ताक्षर नही है , सेक्शन 3 में दिए शपथपत्र पर किस अधिकारी को सम्बोधित है यह तक नही लिखा है , बिड केप्सिटी नही दी गयी है । जबकि इसी आधार पर ठेकेदार की क्षमता का आकलन किया जाता है । कितना उसके कार्य पेंडिंग है यह सब बिड केप्सिटी का ही प्रपत्र है जो निर्धारित करता है ।

खून का ऐसा भी इस्तेमालः खत्म हो गए केकड़े तो कैसे बचेंगी लाखों जिंदगियां

कमियों के बावजूद किया पास

सबसे बड़ी कमी यह की गई कि जिस कार्य को अनुभवी सरकारी विभागीय इंजीनियर 120 दिन में पूरा करने का स्टीमेट बनाये है , उच्च अधिकारी उसे अनुमोदन किये हो उसी आधार पर बजट आदि भी आवंटित हुए है । उस कार्य को इनके द्वारा महज 58 दिन में पूरा करने का वर्क प्रोग्राम बनाकर अपलोड कर दिया गया है । उसको भी साहब ने नजर अंदाज कर दिया जबकि इसी वर्क प्रोग्राम का हवाला देकर पूर्व में आमंत्रित निविदा को निरस्त खुद विभाग ने ही किया था । इतनी कमियां निविदा भरते समय होने के बावजूद पास कर दिया गया । टेण्डर के साथ लगाया गया अनुभव प्रमाण पत्र भी सन्देह के घेरे में है ।

फर्म पड़ोसी जनपद अयोध्या की

सभी कमियों को नजर अंदाज करते हुए उस निविदा को पास कर दिया गया जिसका कारण यह है कि यह फर्म पड़ोसी जनपद अयोध्या की है। आरोप है कि अपना हिस्सा तय करके इस फर्म को पास कर बाकी को फेल कर दिया गया है । इस सम्बन्ध में अधिशाषी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण सेवा नदीम अली खान का कहना है कि किसी की निविदा निरस्त नही की गयी है ,वह प्रक्रिया में है जबकि सभी ठेकेदारों के पास आन लाइन सूचना भेज दी गयी है।

रिपोर्टर- मनीष मिश्रा, अम्बेडकरनगर

जरूरी है बदलना पुलिस के काम का अंदाज, वरना भारी पड़ते रहेंगे ऐसे लोग

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story