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UP News: ATS ने हिजबुल आतंकी को मुरादाबाद से किया गिरफ्तार, बड़ी घटना को अंजाम देने का बना रहा था प्लान
UP News: मिली जानकारी के अनुसार वह हिजबुल मुजाहिदीन के कैंप में जाकर ट्रेनिंग लेने की योजना बना रहा था।
UP News: उत्तर प्रदेश एटीएस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। एटीएस नें मुरादाबाद से हिजबुल मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकी को गिरफ्तार किया है। आतंकी का नाम अहमद रजा है। मिली जानकारी के अनुसार वह हिजबुल मुजाहिदीन के कैंप में जाकर ट्रेनिंग लेने की योजना बना रहा था। लेकिन यूपी एटीएस ने लगातार अहमद रजा पर निगाह बनाए थी। यूपी एटीएस की सहारनपुर यूनिट ने आतंकी को मुरादाबाद से गिरफ्तार किया।
खबरों के अनुसार अहमद रजा उर्फ शाहरुख पाकिस्तान में बैठे हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों के सीधे संपर्क में था। वह पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान में जाकर आतंकी कमांडो ट्रेनिंग लेकर भारत में बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में ता। उसके फोन से कई जिहादियों का वीडियो प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा कई संदिग्ध मोबाइल नंबर पर बातचीत के इनपुट मिले हैं। अहमद रजा हिजबुल मुजाहिदीन के पीर पंजाल तंजीम के फिरदौस के संपर्क में था। उसका प्रमुख मकसद भारत में शरिया कानून लागू कराना है। आतंकी फिरदौस नें अहमद राजा को हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल होने की शपथ दिलाई थी।
अफगानिस्तान से ली थी आतंकी ट्रेनिंग
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एटीएस ने हिजबुल मुजाहिदीन के जिस आतंकी को गिरफ्तार किया है। वह आतंकी अफगानिस्तान जाकर आतंकी ट्रेनिंग लेकर देश में आया था और बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने की योजना के साथ भारत आया था। गिरफ्तार किए गए आतंकी की पहचान मुरादाबाद के थाना मुंडा पांडे निवासी अहमद रजा उर्फ शाहरुख उर्फ मोहीउद्दीन के रूप में हुई है। अहमद रजा हिजबुल मुजाहिदीन के पीर पंजाल तंजीम के फरदौस के कहने पर ही दो बार श्रीनगर के अनंतनाग में हथियार चलाने की ट्रेनिंग लेने गया था। खबरों के अनुसार अहमद एहसान गाजी की सहायता से अफगानिस्तान जाकर कमांडो की बनने की फिराक में थे। अहमद राजा के पकड़े जाने के बाद ही हिजबुल मुजाहिदीन की की पीर पंजाल तंजीम के फिरदौस पहचान हुई। बता दें कि उत्तर प्रदेश एटीएस ने रोहिंग्या मुस्लिमों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया था। एटीएस ने सहारनपुर, मेरठ, हापुड़, गाजियाबाद, अलीगढ़ और मथुरा में यह कार्रवाई की गई थी। भारत में बांग्लादेशी और रोहिग्यां की कुल संख्या करीब 4000 है। ये सभी अलग-अलग शहरों में झुग्गी झोपड़ी बनाकर रहते हैं। यूपी में पकड़े गए कई रोहिंग्या 10-15 साल से रह रहे थे। कईयों के तो राशन कार्ड, पहचानपत्र और पक्के मकान बन गए हैं।