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UP Board परीक्षा में कैदियों का जलवा, सलाखों में रहकर भरी हौसलों की उड़ान

जेलों में शैक्षिक वातावरण को प्रोत्साहित किये जाने का ही परिणाम है कि बोर्ड द्वारा घोषित परिणाम में बंदियों ने बहुत अच्छा परिणाम दिया है।

Aradhya Tripathi
Published on: 28 Jun 2020 12:15 AM IST
UP Board परीक्षा में कैदियों का जलवा, सलाखों में रहकर भरी हौसलों की उड़ान
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लखनऊ: माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित वर्ष 2020 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड की परीक्षा का परिणाम घोषित किया जा चुका है। वर्तमान में प्रदेश की जेलों में बंद बंदियों को भी शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है तथा उन्हें शिक्षा की पूरी सुविधा प्रदान की गई है। बंदियों को निरंतर शिक्षा प्राप्त करके अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाने की दिशा में प्रेरित किया जाता है। जेलों में शैक्षिक वातावरण को प्रोत्साहित किये जाने का ही परिणाम है कि बोर्ड द्वारा घोषित परिणाम में बंदियों ने बहुत अच्छा परिणाम दिया है।

हाईस्कूल में 92.4 और इंटरमीडिएट में 84% बंदी हुए पास

हाईस्कूल बोर्ड में 17 जेलों के 114 बंदियों ने फार्म भरा था। जिसमें से 93 बंदियों ने ने परीक्षा दी और कुल 86 बंदी पास हुए उपरोक्तानुसार कुल 92.4% बंदी सफल रहे। हाईस्कूल परीक्षा में बैठे सभी 93 बंदी पुरुष थे। इंटरमीडिएट बोर्ड की परीक्षा में 95 बंदियों ने फॉर्म भरा था। 75 बंदियों ने परीक्षा दी तथा 63 बंदी पास हुए। तदनुसार 84% बंदी सफल रहे। याद रहे कि इंटर में 75 बंदियों में से दो महिला बंदी भी थीं। जिनमें से एक देवरिया जेल की तथा दूसरी सहारनपुर जेल की थी। हर्ष का विषय है कि दोनों महिलाएं पास हो गईं।

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यानी इंटर बोर्ड की परीक्षा में जहां पुरुष बंदियों का पास प्रतिशत 83.56 %रहा। वहीं महिला बंदियों का पास प्रतिशत 100% रहा। इंटर की परीक्षा में जिला जेल गाज़ियाबाद के विचाराधीन बंदी अरुण पुत्र ओमवीर ने 354 /500 यानी 70.8% अंक पाकर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। जबकि हाईस्कूल में केंद्रीय कारागार वाराणसी के सिद्धदोष बंदी शिवप्रताप सिंह पुत्र रामकवल ने 459/600 यानी 76.5% अंक पाकर बंदियों में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया। जेल के बंदियों में इस परिणाम से हर्ष व्याप्त है।

डीजी जेल ने दी बंदियों को बधाई

डी जी जेल श्री आनंद कुमार ने परीक्षाओं में सफल सभी बंदियों को शुभनामनाएँ देते हुए बंदी-शिक्षा कार्य में लगे जेल अधिकारियों, कर्मचारियों को शिक्षा जैसा पवित्र दान बंदियों को देने के लिए हार्दिक बधाई दी है। तथा यह कहा है, ''पथ से भटके हुए बंदियों के पुनर्वास तथा उन्हें समाज की उपयोगी इकाई बनाने के लिए बंदी- शिक्षा से उत्तम विचार दूसरा कुछ नहीं है।"

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उन्होंने उम्मीद की है कि आने वाले वर्षों में जेलों में शिक्षा की और भारी संख्या में बंदियों को प्रेरित करने में इस उत्साहवर्धक परीक्षा परिणाम की भूमिका प्रमुख होगी।

Aradhya Tripathi

Aradhya Tripathi

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