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मजदूरों की मदद के लिए कांग्रेस को चाहिए ये, सीएम योगी को पत्र लिखकर की मांग

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने योगी सरकार से मांग की है कि वो रेल मंत्रालय से विभिन्न जिलों में स्पेशल रेलगाड़ी चलाए, जिससे प्रवासी मजदूरो को कोई परेशानी न हो

Shivani Awasthi
Published on: 4 May 2020 1:48 PM GMT
मजदूरों की मदद के लिए कांग्रेस को चाहिए ये, सीएम योगी को पत्र लिखकर की मांग
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर यूपी में फंसे अन्य राज्यों के प्रवासी मजदूरों का ब्यौरा मांगा है। जिससे कि उन प्रवासियों को उनके गृह प्रदेश में भेजा जा सकें। इसके साथ ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने योगी सरकार से मांग की है कि वो रेल मंत्रालय से विभिन्न जिलों में स्पेशल रेलगाड़ी चलाए, जिससे प्रवासी मजदूरो को कोई परेशानी न हो।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार से मांगा प्रवासी मजदूरों का ब्यौरा

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सोमवार को कहा कि यूपी कांग्रेस सभी मजदूरों से निवेदन करती है कि वो ट्रेन से एकदम निश्चिंत होकर घर लौटें। कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के निर्देश पर प्रदेश कांग्रेस उनके रेल टिकट का खर्च वहन करेगी।

सोनिया गांधी ने मजदूरों की रेल यात्रा का खर्च उठाने का किया एलान

बता दें कि सोमवार सुबह जारी एक बयान में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मजदूरों की रेल यात्रा का खर्च उठाने का एलान करते हुए कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने मेहनतकश श्रमिकों व कामगारों की इस निशुल्क रेलयात्रा की मांग को बार बार उठाया है। दुर्भाग्य से न सरकार ने एक सुनी और न ही रेल मंत्रालय ने। इसलिए, यह निर्णय लिया है कि पार्टी जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व इस बारे जरूरी कदम उठाएगी। मेहनतकशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने के मानव सेवा के इस संकल्प में कांग्रेस का यह योगदान होगा।

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मजदूरों की परेशानी पर सरकार पर साधा निशाना

सोनिया गांधी ने कहा कि श्रमिक व कामगार देश की रीढ़ की हड्डी हैं। उनकी मेहनत और कुर्बानी राष्ट्र निर्माण की नींव है। सिर्फ चार घंटे के नोटिस पर लॉकडाऊन करने के कारण लाखों श्रमिक व कामगार घर वापस लौटने से वंचित हो गए।

सोनिया ने सरकार को घेरा, मजदूरों से किराया वसूलने को लेकर दिया बड़ा बयान

उन्होंने कहा कि 1947 के बंटवारे के बाद देश ने पहली बार यह दिल दहलाने वाला मंजर देखा कि हजारों श्रमिक व कामगार सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल घर वापसी के लिए मजबूर हो गए। न राशन, न पैसा, न दवाई, न साधन, पर केवल अपने परिवार के पास वापस गांव पहुंचने की लगन। उनकी व्यथा सोचकर ही हर मन कांपा और फिर उनके दृढ निश्चय और संकल्प को हर भारतीय ने सराहा भी।

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उठाया सवाल- सरकार का कर्तव्य क्या?

सोनिया ने सवाल किया कि देश और सरकार का कर्तव्य क्या है? आज भी लाखों श्रमिक व कामगार पूरे देश के अलग अलग कोनों से घर वापस जाना चाहते हैं, पर न साधन है, और न पैसा। दुख की बात यह है कि भारत सरकार व रेल मंत्रालय इन मेहनतकशों से मुश्किल की इस घड़ी में रेल यात्रा का किराया वसूल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि श्रमिक व कामगार राष्ट्रनिर्माण के दूत हैं। जब हम विदेशों में फंसे भारतीयों को अपना कर्तव्य समझकर हवाई जहाजों से निशुल्क वापस लेकर आ सकते हैं, जब हम गुजरात के केवल एक कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रुपये ट्रांसपोर्ट व भोजन इत्यादि पर खर्च कर सकते हैं, जब रेल मंत्रालय प्रधानमंत्री के कोरोना फंड में 151 करोड़ रुपये दे सकता है, तो फिर तरक्की के इन ध्वजवाहकों को आपदा की इस घड़ी में निशुल्क रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकते?

मनीष श्रीवास्तव

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