CM योगी की टूटी उम्मीदें: करोड़ों खर्च के बाद भी गोवंश पर खतरा, लगातार हो रही मौत

तीन दिन में पांच गायों की मौत के बाद उनके शव को खुले में छोड दिया गया है। पूर्व मे भी गौवंशों को धान के खेत में फेंक दिया गया जिसकी बदबू से आस पास के गांव के लोगों का जीना दूभर है।

Shivani
Published on: 11 Oct 2020 5:51 PM GMT
CM योगी की टूटी उम्मीदें: करोड़ों खर्च के बाद भी गोवंश पर खतरा, लगातार हो रही मौत
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रायबरेली- उत्तरप्रदेश में गोवंशों का बुरा हाल है। ना चारा है ना पानी है। योगी सरकार बेसहारा गोवंश के संरक्षण के लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही है। सीएम ने गौवंश की रखवाली और उसकी सेहत की जिम्मेदारी के लिए जिलाधिकारी से लेकर अधिकारियों की फौज तैनात की है लेकिन अधिकारी गौशालाओं में बंधे पशुओं की खैर खबर नहीं ले रहे हैं।

धूप व गर्मी और भूख-प्यास की असहनीय पीड़ा झेलने वाले पशु अकाल मौत के शिकार हो रहे हैं और उनके शव को खुलेआम छोड़ दिया जा रहा जिससे उनके शव को चील कौवे और जानवर नोच कर खा रहे हैं वही उससे होने वाली बदबू से ग्रामीणों का जीना मुहाल है। रायबरेली से

गौशाला की बदहाली की एक रिपोर्ट--

सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली के महराजगंज तहसील के पूरे जमादार गांव में जिला पंचायत से बनी गौशाला का है, इस गौशाला में सैकड़ो गौवंश संरक्षित है लेकिन वह अपनी बदहाली पर रो भी नही पा रहे हैं। प्रशासन के लाख दावों के बाद भी यहाँ पर बीते दिनों एक-एक कर दर्जनों गायों की मौत हो चुकी है।

तीन दिन में पांच गायों की मौत

तीन दिन में पांच गायों की मौत के बाद उनके शव को खुले में छोड दिया गया है। पूर्व मे भी गौवंशों को धान के खेत में फेंक दिया गया जिसकी बदबू से आस पास के गांव के लोगों का जीना दूभर है। लेकिन किसी ने अब तक इसकी सुध नहीं ली। तहसील के गांव बावन बुजुर्ग बल्ला में स्थित जिला पंचायत की ओर से बने गौशाला पर लग भग दो सौ गाय बछड़े है। उनको समय से चारा नहीं मिलने और उचित देखभाल नहीं होने के कारण इनमें से दर्जनों गायों की मौत हो गई।

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रायबरेली में नहीं हो पा रही है गोवंश की देखभाल

धूप गर्मी से जहां आम इंसान परेशान है, वहीं बेजुबान जानवरों के लगातार मरने के बावजूद प्रशासन नहीं जागा है। गोशाला में पड़े शवो को उठा कर गांव किनारे खुले में फेंक देते है और उन्हें कुत्ते नोच नोच कर खाते रहते है और आसपास के गांवों में गंदगी से लोगो का जीना दूभर हो गया है। क्षेत्रीय ग्रामीणों ने गो संरक्षण केंद्र पर गायों के मरने और खुले में फेकने की घटना पर चिंता व्यक्त की है।

गौशाला में तैनात कर्मी की लापरवाही से जानवर लगातार मर रहे

इतना ही नही आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि इस गौशाला में लालगंज, सताव, रायबरेली तक के आवारा जानवर लाये जाते है लेकिन गौशाला में तैनात कर्मी की लापरवाही से जानवर लगातार मर रहे हैं।ग्रामीणों की माने तो गौशाला के कर्मी दिन में दस ग्यारह बजे तक आते हैं और एक बार चारा पानी देकर शाम को तीन चार बजे तक चले जाते हैं।

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रात में रखवाली के लिए किसी के न होने से ताकतवर जानवर कमजोर जानवरों पर हमलाकर घायल कर देते हैं या फिर मार देते हैं। दिन में एक बार ही चारा पानी मिलने से जानवर कमजोर हो काल के गाल में समा रहे हैं।

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गौवंश की हालत गौशाला में भी बदहाल

गौवंश की हालत गौशाला में कैसी है इसका जीता जागता उदाहरण है रायबरेली। यहां जिला पंचायत द्वारा बनवाई गई गौशाला का ताला मीडिया के सामने दिन में दस बजे खुला। कर्मचारियों से जब लगातार गायों व गौवंशों के लगातार मरने व शव को खुले में छोड़ने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि देख रेख व चारा पानी का ठेका धनंजय सिंह का है। ठेकेदार जैसा कहते हैं हम लोग वैसा करते हैं। परिसर मे पडी शराब की बोतलों के विषय मे पूछने पर कर्मी कोई जवाब नहीं दे सके।

रायबरेली से नरेन्द्र सिंह

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