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मिली कम बिजली तो होगी कमाई यहां जानें पूरी जानकारी...
अब अगर आपके क्षेत्र में पावर कार्पोरेशन द्वारा तय शिड्यूल में कोई कटौती होती है तो इसके लिए पावर कार्पोरेशन को उपभोक्ताओं को मुआवजा देना पडे़गा। यह मुआवजा शहरों में 20 रुपये प्रति किलोवाट-प्रति दिन तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 10 रुपये प्रति किलोवाट-प्रति दिन तय किया गया है।
लखनऊ: बिजली की आवाजाही, लो वोल्टेज और मीटर रीडिंग जैसी समस्याओं से आप अक्सर दो-चार होते है। इसको दुरूस्त कराने के लिए आप बिजली विभाग के चक्कर लगाते है लेकिन आपकी सुनवाई नहीं होती और आप परेशान होते है। हालांकि विद्युत वितरण संहिता 2005 में उपभोक्ताओं की समस्याओं के निस्तारण के लिए एक नियत समय तय है, इसके बावजूद भी विद्युत उपभोक्ताओं को तय समय में सेवायें नहीं दी जाती।
उपभोक्ता की समस्याओं को तय समय में हल नहीं किया तो बिजली कंपनी को देना होगा मुआवजा
लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब अगर आपके क्षेत्र में पावर कार्पोरेशन द्वारा तय शिड्यूल में कोई कटौती होती है तो इसके लिए पावर कार्पोरेशन को उपभोक्ताओं को मुआवजा देना पडे़गा। यह मुआवजा शहरों में 20 रुपये प्रति किलोवाट-प्रति दिन तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 10 रुपये प्रति किलोवाट-प्रति दिन तय किया गया है।
उप्र. विद्युत नियामक आयोग ने प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं की ब्रेक डाउन, केबिल फाल्ट, ट्रांसफार्मर, नया कनेक्शन, मीटर रीडिंग, लोड घटानें या बढ़ानें जैसी समस्याओं को तय समय में हल कराने के लिए प्रदेश की बिजली कंपनियों पर सख्ती करते हुए स्टैन्डर्ड आफ परफार्मेन्स रेगुलेशन 2019 लागू कर दिया हैं। आयोग अध्यक्ष आरपी सिंह व सदस्य केके शर्मा ने इस प्रस्तावित ड्राफ्ट पर जनसुनवाई करने के बाद सोमवार को इस ऐतिहासिक फैसले की घोषणा करते हुए इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है।
उप्र. विद्युत नियामक आयोग ने लागू किया स्टैन्डर्ड आफ परफार्मेन्स रेगुलेशन 2019
नए नियम के मुताबिक अब बिजली कंपनियां अगर उपभोक्ताओं की समस्याओं का हल तय समय सीमा में नहीं करेंगे तो संबंधित कंपनी को उपभोक्ता को आयोग द्वारा तय दर से 60 दिन के भीतर मुआवजा देना होगा। आयोग द्वारा लागू किए गए स्टैन्डर्ड आफ परफार्मेन्स रेगुलेशन 2019 के ड्राफ्ट में बिजली से संबंधित समस्याओं के लिए जो मुआवजा तय किया गया है, वह इस प्रकार हैं-
उपभोक्ता समस्या दोष के मामले में प्रस्तावित मुआवजा
वोल्टेज विचलन 100 रुपये प्रतिदिन
नया कनेक्शन वितरण 100 रुपये प्रतिदिन
मीटर रीडिंग के मामले 200 रुपये प्रतिदिन
डिफेक्टिव मीटर 50 रुपये प्रतिदिन
बिलिंग संबंधी शिकायत 50 रुपये प्रतिदिन
लोड घटना या बढ़ाना 50 रुपये प्रतिदिन
ट्रांसफार्मर फेल ग्रामीण या शहरी क्षेत्र 150 रुपये प्रतिदिन
ओवरहेड या अण्डर ग्राउण्ड केबिल ब्रेकडाउन 100 रुपये प्रतिदिन
सबस्टेशन विस्तार या निर्माण से आपूर्ति बाधित होना 250 रुपये प्रतिदिन
काल सेन्टर द्वारा रिस्पान्स न देने पर 50 रुपये प्रतिदिन
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