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UP Electricity Workers Strike: ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के सख्त एक्शन, मिलने पहुंचे बिजली विभाग के कर्मचारी नेता

UP Electricity Workers Strike: उपभोक्ताओं का भी धैर्य जवाब देने लगा है। बिजली कटौती से परेशान लोगों ने कई जिलों में पॉवर सब स्टेशन के बाहर हंगामा किया। एक अनुमान के मुताबिक, 30 लाख से अधिक उपभोक्ता बिजली कटौती से प्रभावित हुए हैं।

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Published on: 18 March 2023 9:09 AM GMT (Updated on: 18 March 2023 8:34 PM GMT)
UP Electricity Workers Strike: ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के सख्त एक्शन, मिलने पहुंचे बिजली विभाग के कर्मचारी नेता
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UP Electricity Workers Strike

UP Electricity Workers Strike: बिजली कर्मचारियों के प्रदेशव्यापी हड़ताल का आज दूसरा दिन है। सरकार और बिजली कर्मचारी संगठन दोनों अपने-अपने रुख पर अड़े हैं। इस बीच शनिवार शाम घटनाक्रम चणक बदला और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के नेता शैलेन्द्र दुबे सहित कई अन्य ऊर्जा मंत्री एके शर्मा से मिलने उनके घर पहुंचे। जिसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही बिजली हड़ताली कर्मचारियों की मांग का कोई समाधान निकलेगा।

आपको बता दें, 1 लाख बिजलीकर्मियों द्वारा कार्य बहिष्कार किए जाने का असर विद्युत व्यवस्था पर साफ तौर पर दिखने लगा है। अधिकांश जिलों में पावर सप्लाई बाधित हो गई है। सरकार और आंदोलनकारी कर्मचारियों के बीच चल रही लड़ाई में आम उपभोक्ता पिस रहे हैं। मार्च के महीने में मई-जून की गर्मी महसूस कर रहे लोग बिजली के कटने से परेशान हैं।

उपभोक्ताओं का भी धैर्य जवाब देने लगा है। बिजली कटौती से परेशान लोगों ने कई जिलों में पॉवर सब स्टेशन के बाहर हंगामा किया। एक अनुमान के मुताबिक, 30 लाख से अधिक उपभोक्ता बिजली कटौती से प्रभावित हुए हैं। कई जिलों में 80 फीसदी तक बिजली आपूर्ति बाधित हो चुकी है। बता दें कि विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदेश के बिजली कर्मचारी गुरूवार रात 10 बजे तीन दिवसीय हड़ताल पर हैं। उन्हें देश के बाकी हिस्सों से भी समर्थन मिल रहा है।

6 बजे तक काम पर नहीं लौटने पर सभी कर्मी होंगे बर्खास्त: ऊर्जा मंत्री

उर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि यूपी में बिजली आपूर्ति सामान्य हैं। उन्होने कहा पिछले 24 घंटों में 1332 संविदा कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है। जरुरत पड़ी तो और भी लोगों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा और हजारों लोगों को बर्खास्त किया जाएगा। उन्होने कहा कि मैं हड़ताल कर रहे कर्मचारियों से निवेदन करता हूं कि नौकरी मिलना कितना कठिन काम है ये अभी आप लोगों को अंदाजा नहीं आ रहा है। जब नौकरी चली जाती है तब एहसास होता है। उन्होने कहा कि मैं 4 घंटे की मोहलत देता हूं 6 बजे शाम तक सभी संविदाकर्मी व आउससोर्सिंग के कर्मचारी अगर अपने कर्तव्यों पर हाजिर नहीं होगें तो उनकी बर्खास्तगी आज रात में ही कर दी जाएगी।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हड़ताल कर रहे कर्मचारियों से हड़ताल खत्म करने के लिए कहा गया है। कानून को हाथ में लेने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। बिजली के मुद्दों पर जनता ने सहयोग किया है। हाइकोर्ट के आदेश के बावजूद सोशल मीडिया पर हड़ताल की अपील की जा रही है। ऐसे संदेश प्रचारित किए जा रहे हैं। उन्होनें कहा कि ये राष्ट्रीय संपत्ति है किसी की निजी संपत्ति नहीं है।

CM आवास पर चल रही बैठक खत्म

मुख्यमंत्री आवास पर चल रही बैठक खत्म हो गयी है। सीएम योगी ने मंत्री और अफसरों के साथ बिजली कर्मचारियों की हड़ताल पर बातची़त की। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने सीएम योगी को मौजूदा हालात के बारे में अवगत कराया है। सीएम योगी ने जानबूझकर बिजली बंद करने वालों पर कार्रवाई करने व लिस्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

500 मेगावॉट क्षमता की इकाई ठप

कर्मचारी नेताओं ने कहा आनपारा बिजली घर की 500 मेगावॉट क्षमता की इकाई ठप हो गयी है।

ऊर्जा मंत्री के साथ सीएम योगी की बैठक जारी

प्रदेश में बिजली समस्याओं को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री आवास पर बैठक कर रहे हैं। बैठक में ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा व बिजली विभाग के अधिकारी मौजूद हैं। इसके अलावा UPPCL चेयरमैन और तमाम बड़े अधिकारी भी मौजूद हैं। माना जा रहा है कि सीएम योगी बैठक के बाद बड़ी कार्रवाई कर सकते हैं।

UPPCL ने हड़ताली संगठनों को लिखा पत्र

प्रदेश में हो रहे हड़ताल के बीच उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने हड़ताली संगठनों से अनुरोध किया है। यूपीपीसीएल ने हाईकोर्ट के निर्देश का हवाला देकर हड़ताल खत्म करने के निर्देश दिये हैं। यूपीपीसीएल ने सभी हड़ताली संगठनों को पत्र लिखा है।

बिजली हड़ताल का नहीं होगा असर, मंत्री दिनेश प्रताप सिंह

उद्यान राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि प्रदेश में बिजली हड़ताल का असर नहीं होगा। जिला प्रशासन की टीम लगातार जायजा ले रही हैं। उपभोक्ताओं को परेशानी नहीं होने दी जाएगी। उन्होने कहा कि जारी निर्देशों का अधिकारी पालन करा रहे हैं।

2 बजे प्रेसवार्ता करेंगे उर्जा मंत्री

शक्ति भवन में 15वें तल पर दोपहर 12 बजे होने वाली कॉन्फ्रेंस स्थगित कर दी गयी थी, लेकिन अब जानकारी मिल रही है कि 2 बजे उर्जा मंत्री एके शर्मा प्रेसवार्ता को संबोधित करेंगे। विद्युत व्यवस्था, आपूर्ति, कार्यो में बांधा उत्पन्न करने वालों पर की गयी कार्यवाही तथा सरकार की मंशा के सम्बंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।

ओबरा ताप बिजली घर ठप

कर्मचारी संघ ने दावा किया है कि ओबरा ताप बिजली घर ठप हो गया है। 200-200 मेगावॉट क्षमता की ओबरा ताप बिजली घर की पांचों इकाइयां अब बन्द हो गई हैं। ओबरा का उत्पादन शून्य है।

परेशान उपभोक्ता कर रहे प्रदर्शन

बिजली कटौती से परेशान उपभोक्ताओं ने अपनी नाराजगी जाहिर करनी शुरू कर दी है। कई इलाकों में गुरूवार रात से ही बिजली आपूर्ति बाधित है। दरअसल, आंधी – बारिश के कारण कई जगहों पर फॉल्ट हो गया, जिसे स्ट्राइक पर गए कर्मचारियों ने दुरूस्त नहीं किया। राजधानी लखनऊ के हुसैनगंज में परेशान उपभोक्ताओं ने शुक्रवार देर रात बिजली केंद्र पर पहुंचकर हंगामा किया। पुलिस-प्रशासन के लोगों द्वारा आश्वासन मिलने के बाद वे वापस आए।

इसी तरह संगमनगरी प्रयागराज और सिद्धार्थनगर समेत अन्य जिलों के आम लोग भी कटौती से हलकान हैं। कई जगहों पर नाराज लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम करके प्रदर्शन किया है। रायबरेली में कर्मचारियों के न होने के कारण तिलियाकोट का फीडर बंद हो गया। फीडर शुरू कराने पहुंची मजिस्ट्रेट का सहयोग करने से कर्मचारियों ने इनकार कर दिया। उन्नाव में भी शुक्रवार देर रात बिजली कटौती से परेशान लोगों ने हंगामा किया। नाराज उपभोक्ताओं ने कानपुर-उन्नाव हाईवे जाम करने की कोशिश की।

ओरैया के जिलाधिकारी पीसी श्रीवास्तव ने तो आंदोलनरत बिजली कर्मचारियों पर अपना आपा खो दिया। विद्युत आपूर्ति बहाल करने बिधूना सबस्टेशन पहुंचे डीएम ने कर्मचारियों के असहयोगपूर्ण रवैये से काफी गुस्से में दिखे। उन्होंने बिजली कर्मियों को जमीन में गाड़ने तक की धमकी दे डाली। वहीं, महोबा डीएम मनोज कुमार ने हड़ताल में शामिल संविदा कर्मियों के खिलाफ सख्त रूख अपनाते हुए उनकी सेवाएं समाप्त कर दीं। यहां 40 नए संविदा कर्मियों की नियुक्ति के निर्देश दिए गए हैं।

जिला जालौन के मुख्यालय उरई में पिछले 24 घंटे से बिजली आपूर्ति ठप पड़ गई है। जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया। जिलाधिकारी ने जो नंबर दिए वो भी बंद नज़र आ रहे हैं। बिजली कर्मचारियों और छोटे अधिकारियों पर जिलाधिकारी के कहने का कोई असर नहीं दिखायी पड़ रहा है।

संविदा कर्मियों पर सरकार का सख्त एक्शन

यूपी में हड़ताल पर गए कर्मचारियों के खिलाफ सरकार ने सख्त एक्शन लेना शुरू कर दिया है। सरकार के निशाने पर हड़ताल में शामिल बिजली विभाग के संविदा कर्मी हैं। अब तक 650 आउटसोर्सिंग व संविदा कर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। हड़ताल में 20 संगठन शामिल हैं, जिनमें से 7 के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है।
गौरतलब है कि ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने हड़ताल में शामिल होने वालों को कई बार चेतावनी दी मगर उसका कोई असर हड़ताल पर नहीं दिखा। शर्मा ने कहा था कि बिजली सप्लाई में बाधा डालने वाले कर्मचारियों को पाताल से खोजकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

हाईकोर्ट भी हुआ सख्त, जारी किया नोटिस

बिजली विभाग के कर्मचारियों के प्रदेशव्यापी हड़ताल के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी सख्त रूख अपनाया है। शुक्रवार को पहले से लंबित एक याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया है। सोमवार को हाईकोर्ट ने सभी पदाधिकारियों को हाईकोर्ट तलब किया है। उधर, पुलिस ने आंदोलन में शामिल नेताओं और कर्मचारियों की गिरफ्तारी तेज कर दी है। गिरफ्तारी से बचने के लिए आंदोलन के सभी प्रमुख नेता, अधिकारी और कर्मचारियों ने अपना फोन बंद कर लिया है।

हड़ताल पर गए कर्मचारियों का क्या है आरोप ?

तीन दिवसीय हड़ताल का ऐलान करने वाली विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि कार्य बहिष्कार मजबूरी में कर रहे हैं। ऊर्जा मंत्री ने 3 दिसंबर 2022 को मांगों को पूरा करना का आश्वासन दिया था। इसको लेकर लिखित समझौता हुआ था।

मगर तीन महीने बीत जाने के बाद बाद पॉवर कॉरपोरेशन प्रबंधन और ऊर्जा मंत्री दोनों अपनी बात से मुकर रहे हैं। ऐसे में हड़ताल पर जाना हमारी मजबूरी है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी इसमें हस्तक्षेप करने की मांग की।

बिजली कर्मियों की क्या है मांग ?

- बिजली कर्मचारियों को कई सालों लंबित बोनस का भुगतान किया जाए।
- कर्मचारियों की वेतन विसंगतियां दूर की जाए।
- 25 हजार करोड़ रूपये के मीटर खरीद आदेश को रद्द किया जाए।
- बिजली कर्मियों की सुरक्षा के लिए पावर सेक्टर इम्प्लॉइज प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए।
- दिल्ली, पंजाब एवं तेलंगाना जैसे राज्यों की तर्ज पर बिजली निगमों के सभी सदस्यों को नियमित किया जाए।
- 9 साल, 14 साल और 19 साल की सेवा के बाद तीन प्रमोशन वेतनमान दिया जाए।
-सभी बिजली कर्मियों को कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदान की जाए।
- निर्धारित चयन प्रक्रिया के तहत, निदेशकों, प्रबंध निदेशकों एवं चेयरमैन के पदों पर नियुक्ति हो। बिजली कर्मचारी मौजूदा चेयरमैन एम देवराज को हटाने की मांग कर रहे हैं।
- 765/400/220 केवी विद्युत उपकेंद्रों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से चलाने का निर्णय रद्द किया जाए।
-पारेषण में जारी निजीकरण की प्रक्रिया को रद्द किया जाए।
- आगरा फ्रेंचाइजी और ग्रेटर नोएडा का निजीकरण निरस्त किया जाए।

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