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तैयार हुआ यूपी का पहला डिटेंशन सेंटर, अगले महीने हो सकता है उद्घाटन

पिछले दिनों सीएए और एनआरसी पर मचे हंगामें के बीच आपने डिटेंशन सेंटर का जिक्र कई बार सुना होगा। अब यूपी का पहला डिटेंशन सेंटर गाजियबाद में बन कर तैयार हो गया है और इसे पुलिस विभाग को ट्रांसफर भी कर दिया गया है।

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Published on: 10 Sept 2020 12:59 PM IST
तैयार हुआ यूपी का पहला डिटेंशन सेंटर, अगले महीने हो सकता है उद्घाटन
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तैयार हुआ यूपी का पहला डिटेंशन सेंटर, अगले महीने हो सकता है उद्घाटन (social media)

लखनऊ: पिछले दिनों सीएए और एनआरसी पर मचे हंगामें के बीच आपने डिटेंशन सेंटर का जिक्र कई बार सुना होगा। अब यूपी का पहला डिटेंशन सेंटर गाजियबाद में बन कर तैयार हो गया है और इसे पुलिस विभाग को ट्रांसफर भी कर दिया गया है। आगामी अक्टूबर माह में इसका उद्घाटन किए जाने की संभावना बतायी जा रही है। गाजियाबाद के नंदग्राम में बने इस डिटेंशन सेंटर की क्षमता 100 लोगों को रखने की है। यह देश का 12वां डिटेंशन सेंटर है। नंदग्राम में दलित छात्रों के लिए बनाये गए दो अंबेडकर हास्टलों में बने इस डिटेंशन सेंटर की मरम्मत और रंग-रोगन का काम पूरा हो चुका है। बताया जा रहा है कि यहां यूपी में पकड़े जाने वाले अवैध विदेशी घुसपैठियों का रखा जायेगा।

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दो अंबेडकर हास्टल बनवाये गए थे

प्राप्त जानकारी के मुताबिक मायावती शासनकाल में वर्ष 2011 में दलित छात्रों के लिए नंदग्राम में दो अंबेडकर हास्टल बनवाये गए थे। इन हास्टलों में 400 से ज्यादा छात्रों के रहने की व्यवस्था की गई थी। मायावती की सरकार जाने के बाद इन हास्टलों की उपेक्षा के कारण यह जर्जर हो गए थे और देख रेख न किए जाने के कारण यह कई सालों से बंद पड़े थे। योगी सरकार ने इन दोनों हास्टलों को डिटेंशन सेंटर में बदलने के लिए केंद्र की मोदी सरकार को प्रस्ताव भेजा था।

डिटेंशन सेंटर में सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी गई

योगी सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए केंद्र सरकार ने डिटेंशन सेंटर के लिए बजट भी जारी कर दिया। जिस पर योगी सरकार ने मेरठ की एक निर्माण एजेंसी को डिटेंशन सेंटर के पुनर्निमाण का कार्य सौंप दिया। इस डिटेंशन सेंटर में सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी गई है तथा सुरक्षा के लिहाज से यहां की चारदीवारी पर काफी ऊंची कटीलें तारों की बाड़ लगाई गई है।

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बता दे कि डिटेंशन सेंटर एक जेल की तरह ही होता है। फॉरेनर्स एक्ट, पासपोर्ट एक्ट का उल्लंघन करने वाले विदेशी घुसपैठियों को यहां रखा जाता है। इसके बाद इन पर मुकदमा चलता है और संबंधित देश को प्रत्यर्पण न होने तक इन विदेशी नागरिकों या घुसपैठियों को यहीं रखा जाता है। देश में सबसे ज्यादा 06 डिटेंशन सेंटर असम में है जबकि दिल्ली, गोवा, राजस्थान, पंजाब तथा बेगलुरू में एक-एक डिटेंशन सेंटर है।

मनीष श्रीवास्तव

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