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यूपी की बिटिया ने मचाया धमाल, सिर्फ 6 साल की उम्र में जीता ये बड़ा खिताब
गरीब परिवार की बेटी ने बेहद कम उम्र में पिता का नाम रोशन किया है। 6वीं की छात्रा मानसी चौहान ने अपने शोध से बाल विज्ञान कांग्रेस की राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में गोल्ड जीता। मानसी चौहान उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के मसौली ब्लॉक के बड़ागांव की रहने वाली हैं।
लखनऊ: गरीब परिवार की बेटी ने बेहद कम उम्र में पिता का नाम रोशन किया है। 6वीं की छात्रा मानसी चौहान ने अपने शोध से बाल विज्ञान कांग्रेस की राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में गोल्ड जीता। मानसी चौहान उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के मसौली ब्लॉक के बड़ागांव की रहने वाली हैं। उसका घर एक झोपड़ी है, लेकिन उसकी मेहनत ने परिजनों को महल दिखा दिया।
मानसी ने केरल के तिरुअनन्तपुरम में आयोजित राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल हासिल किया है। बाल वैज्ञानिक मानसी चौहान के इस हौसले और उपलब्धि की हर तरफ तारीफ हो रही है। सरकारी स्कूल की कक्षा 6 की छात्रा मानसी ने पहले बाल विज्ञान कांग्रेस की प्रदेश स्तर प्रतियोगिता में टॉप किया फिर राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल हासिल किया है। अब मानसी के घर बड़े-बड़े नेताओं और दूसरे लोगों के आने का तांता लगा है।
बाराबंकी के मसौली ब्लॉक के बड़ागांव निवासी स्वामी दयाल की बेटी मानसी कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय बड़ागांव में कक्षा 6 की छात्रा है। सफेद कपड़ों इस्तेमाल होने वाली नील को गांव-गली में बेचने वाले स्वामी दयाल किसी प्रकार चार बेटों और एक बेटी का परिवार किसी तरह पाल रहे हैं। इनके घर का कुछ हिस्सा तिरपाल से ढका है तो कुछ झोपड़ी के रूप में है।
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लेकिन उनकी बेटी मानसी ने अपनी उपलब्धि से स्वामी दयाल की झोपड़ी का कद महल से भी ऊंचा कर दिया। मानसी ने हर्बल औषधियों का डेंगू समेत संक्रामक रोगों की रोकथाम में प्रयोग विषय पर केरल के तिरुअनन्तपुरम में हुई राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल हासिल किया है। मानसी ने अपने प्रदर्शन से जिले ही नहीं बल्कि प्रदेश का नाम रोशन किया है।
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तिरुवनन्तपुरम में हुई इस विज्ञान प्रतियोगिता के लिये प्रदेश से 42 छात्रों का चयन किया गया था। इन चयनित छात्रों में मानसी चौहान अकेली ऐसी छात्रा थीं जो परिषदीय विद्यालय में पढ़ रही है। मानसी ने अपना शोध कार्य डेंगू बुखार की चिकित्सा में हर्बल औषधियों के प्रयोग विषय पर किया। मानसी को केरल में उत्तर प्रदेश के सबसे कम उम्र के बाल वैज्ञानिक के खिताब से मेडल और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया।
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मानसी ने इससे पहले गोरखपुर में हुई राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस की प्रादेशिक प्रतियोगिता में भी अपने ज्ञान का लोहा मनवाते हुए कान्वेंट स्कूल के बच्चों के आगे निकलकर परिषदीय विद्यालय का नाम रोशन किया था।
विज्ञान में रुचि रखने वाली मानसी ने बताया कि पहले ब्लॉक स्तरीय हुई बाल विज्ञान कांग्रेस में बेहतरीन प्रदर्शन किया। फिर जिले स्तर की प्रतियोगिता में उसका चयन हुआ। उसके बाद मण्डल और फिर प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लिया। मानसी ने बताया कि हर्बल औषधियों का संक्रामक रोगों की रोकथाम में काफी प्रयोग है।