TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

यूपी सरकार को नौ महीने में नहीं मिले योग्य डाक्टर, भर्ती निरस्त

बेरोजगारी को लेकर आये दिन होने वाले हंगामों और धरना-प्रदर्शनों के बीच उत्तर प्रदेश सरकार को बीते नौ माह में पांच आयुर्वेद चिकित्साधिकारियों के पदों की भर्ती के लिए योग्य अभ्यर्थी नहीं मिले। इसके कारण इस भर्ती को निरस्त कर दिया गया है।

Dharmendra kumar
Published on: 23 July 2019 9:26 PM IST
यूपी सरकार को नौ महीने में नहीं मिले योग्य डाक्टर, भर्ती निरस्त
X

लखनऊ: बेरोजगारी को लेकर आये दिन होने वाले हंगामों और धरना-प्रदर्शनों के बीच उत्तर प्रदेश सरकार को बीते नौ माह में पांच आयुर्वेद चिकित्साधिकारियों के पदों की भर्ती के लिए योग्य अभ्यर्थी नहीं मिले। इसके कारण इस भर्ती को निरस्त कर दिया गया है।

निदेशक, कर्मचारी राज्य बीमा योजना, श्रम चिकित्सा सेवाएं प्रेम प्रकाश पाल ने बताया कि कर्मचारी राज्य बीमा योजना के अन्तर्गत एलोपैथिक, आयुर्वेदिक, होम्योपैथ चिकित्साधिकारी व विशेषज्ञ तथा पैरामेडिकल संवर्ग के रिक्त पदों को संविदा के आधार पर भरने के लिए शासन ने प्रदेश के मोदीनगर, सहारनपुर, अलीगढ़, पिपरी और सरोजनी नगर स्थित चिकित्सालयों में रिक्त पांच आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारियों के पद को संविदा के आधार पर एक वर्ष की अवधि के लिए पर नियुक्ति की अनुमति दी थी।

यह भी पढ़ें…योगी सरकार ने पेश किया 13,594 करोड़ का अनुपूरक बजट, किए ये बड़े ऐलान

उन्होंने बताया कि 20 अक्टूबर 2018 को इच्छुक अभ्यर्थियों से इन पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन पत्र मांगे गये थे। रिक्त पदों के सापेक्ष पर्याप्त अभ्यर्थी उपलब्ध न हो पाने के कारण तथा आवेदन पत्र भरने वाले इन अभ्यर्थियों के पास छह माह का अनुभव प्रमाण पत्र न होने के कारण इनका अभ्यर्थन निरस्त कर दिया गया। कर्मचारी राज्य बीमा श्रम चिकित्सा आयुर्वेदिक सेवा नियमावली-1999 के तहत अनिवार्य अर्हता के रूप में राज्य के आयुर्वेदिक या एलोपैथिक चिकित्सालय व औषधालय का कम से कम छह माह का कार्य करने का अनुभव प्रमाण पत्र अनिवार्य अर्हता के रूप में जरूरी है।

यह भी पढ़ें…कश्मीर पर अमेरिका के इस बयान के बाद जरूर शर्मिंदा होंगे राष्ट्रपति ट्रंप

उन्होंने बताया कि चयन प्रक्रिया के दौरान अभ्यर्थियों के पास जरूरी अनुभव प्रमाण पत्र न होने से आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारियों के चयन में कठिनाई का सामना करना पड़ा और भविष्य में भी ऐसी स्थिति का सामना न करना पड़े। इस दृष्टि से नियमावली में आवश्यक संशोधन करने का अनुरोध शासन से किया गया है।



\
Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story