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UP Politics: उत्तर प्रदेश में पांचवीं बार बीजेपी से पस्त हुई सपा, ये रहे हार के प्रमुख कारण

UP Mayor Election Result 2023: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का दावा था कि इस बार नगर निगमों में साइकिल दौड़ने जा रही है, लेकिन नतीजों ने फिर पुरानी कहानी दोहराई। सूबे में सपा को एक बार फिर शिकस्त का सामना करना पड़ा, जबकि चाचा-भतीजे (शिवपाल-अखिलेश) दोनों साथ-साथ थे।

Hariom Dwivedi
Published on: 13 May 2023 5:01 PM GMT (Updated on: 13 May 2023 6:06 PM GMT)
UP Politics: उत्तर प्रदेश में पांचवीं बार बीजेपी से पस्त हुई सपा, ये रहे हार के प्रमुख कारण
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यूपी के सभी 17 नगर निगमों में कमल खिलता नजर आ रहा है।

UP Mayor Election Result 2023: उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में बीजेपी ने बड़ी जीत दर्ज की है। राज्य के सभी 17 नगर निगमों में कमल खिला है। 2017 बीजेपी ने 14 और बसपा ने महापौर की दो सीटें जीती थीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भरोसा जताते हुए जनता ने ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने के लिए दिल खोलकर कमल का बटन दबाया है। वहीं, विपक्षी दलों के पैरों के नीचे से एक बार फिर जमीन खिसकती नजर आ रही है। खासकर 2024 से ठीक पहले यह हार समाजवादी पार्टी को फिर से रणनीति बनाने पर विवश कर देगी। राजनीतिक विश्वलेषक इस जीत की वजह बीजेपी का धुंआधार चुनाव प्रचार को मान रहे हैं।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का दावा था कि इस बार नगर निगमों में साइकिल दौड़ने जा रही है, लेकिन नतीजों ने फिर पुरानी कहानी दोहराई। सूबे में सपा को एक बार फिर शिकस्त का सामना करना पड़ा, जबकि चाचा-भतीजे (शिवपाल-अखिलेश) दोनों साथ-साथ थे। यूपी में 2017 से अब तक पांचवी बार ऐसा हुआ है जब समाजवादी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। यूपी विधानसभा चुनाव 2017 से शुरू हुआ हार का सिलसिला लोकसभा चुनाव 2019 में, पंचायत चुनाव 2021 में और लोकसभा चुनाव 2024 के बाद अब 2023 के निगर निकाय चुनाव में जारी है।

क्या मानते हैं राजनीतिक विश्लेषक?

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि समाजवादी पार्टी के हार की वजह उनकी कमजोर रणनीति है। ग्राउंड पर 49 साल के अखिलेश यादव के मुकाबले 50 साल के सीएम योगी काफी सक्रिय नजर आये। निकाय चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री ने जहां आधा सैकड़ा से अधिक रैलियां और जनसभाएं कीं वहीं अखिलेश यादव एक दर्जन तक कार्यक्रमों में ही जा पाये। दोनों डिप्टी सीएम के अलावा बीजेपी दिग्गज मंत्री, विधायक व सांसद भी जिलों में एक्टिव रहकर मतदाताओं को रिझाते रहे, उनके मुकाबले सपा का इलेक्शन कैंपेन काफी कमजोर रहा।

बसपा ने भी किया सपा का नुकसान

नगर निकाय चुनाव में बसपा ने पहली बार अपने सिंबल पर कैंडिडेट उतारते थे। नतीजे बताते हैं कि बहुजन समाज पार्टी ने भी सपा का ही नुकसान किया है। गाजियाबाद और आगरा जैसे शहरों में बसपा के उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहे हैं। कई और सीटों पर बसपा कैंडिडेट ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को हराने में अहम भूमिका निभाई है।

सपा ने बीजेपी पर लगाया साजिश का आरोप

समाजवादी पार्टी ने ट्ववीट करते हुए बीजेपी पर साजिशन वोट कटवाने का आरोप लगाया। सपा के अधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक अखबार की कटिंग शेयर करते हुए लिखा गया, "साजिशन पूरे पूरे घरों के वोट भाजपा ने कटवाए। फर्जी आधार कार्ड के जरिए से भाजपाइयों के अपने पक्ष में वोट डलवाया। लोकतंत्र का इससे बड़ा मजाक हो ही नहीं सकता। उन्होंने कहा कि निष्पक्षता ताक पर है। चुनाव आयोग भाजपा सरकार के इशारे पर भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहा है। इसे अखिलेश यादव ने भी रिट्वीट किया है। सपा प्रमुख ने कर्नाटक में कांग्रेस की जीत पर कहा, "कर्नाटक का संदेश ये है कि भाजपा की नकारात्मक, सांप्रदायिक, भ्रष्टाचारी, अमीरोन्मुखी, महिला-युवा विरोधी, सामाजिक-बंटवारे, झूठे प्रचारवाली, व्यक्तिवादी राजनीति का 'अंतकाल' शुरू हो गया है।

ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने के लिए अभिनंदन: योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा, "उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड विजय पर भारतीय जनता पार्टी के सभी समर्पित व कर्मठ कार्यकर्ताओं एवं सुशासन प्रिय उत्तर प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई। यह विराट विजय आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यशस्वी मार्गदर्शन एवं डबल इंजन सरकार की जनपक्षीय, विकासपरक एवं सर्वसमावेशी नीतियों के प्रति प्रचंड जन-विश्वास को प्रदर्शित करती है। राज्य में ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने के लिए सभी प्रदेश वासियों का हृदयतल से अभिनंदन!

Hariom Dwivedi

Hariom Dwivedi

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