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UP Nikay Chunav: मई में हो सकते हैं निकाय चुनाव, पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल
UP Nikay Chunav: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही पिछड़ों को आरक्षण देने की प्रक्रिया तय होगी।
UP Nikay Chunav: उत्तर प्रदेश में मई में निकाय चुनाव हो सकते हैं। जब से पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई उसके बाद से ही निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है और कोर्ट से सुनवाई के लिए तारीख देने की अपील की है। अब कोर्ट के आदेश के बाद पिछड़ों को आरक्षण देने की प्रक्रिया तय होगी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने नगर निकाय चुनाव में पिछड़ी जातियों का आरक्षण तय करने के लिए गठित उत्तर प्रदेश राज्य समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दी। अब कोर्ट इस प्रकरण पर सुनवाई कर फैसला देगा, जिसके आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार आगे की कार्रवाई करेगी। वहीं, जानकारों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के मुताबिक ही निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण देने की प्रक्रिया तय की जाएगी।
मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था
बता दें कि राज्य सरकार द्वारा निकाय चुनाव में पिछड़ों के लिए आरक्षित सीटों की जारी सूची पर विवाद होने के यह बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था। कोर्ट ने राज्य सरकार को पिछड़ा वर्ग का आयोग गठन करके निकाय चुनाव में पिछड़ों को दिए गए आरक्षण का परीक्षण कराने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने आयोग को 31 मार्च तक रिपोर्ट तैयार करने की समयसीमा तय की थी। इसी कड़ी में गठित आयोग ने तय समयसीमा से करीब 22 दिन पहले ही अपनी रिपोर्ट उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को सौंप दी थी।
सुनवाई के लिए तारीख देने का अनुरोध किया है
वहीं यूपी सरकार ने भी आयोग की रिपोर्ट को कैबिनेट से मंजूरी देने के बाद उसे सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिया है। नगर विकास विभाग प्रमुख सचिव अमृत अभिजात और न्याय विभाग के अधिकारी सोमवार सुबह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और अधिवक्ता के जरिए आयोग की रिपोर्ट दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से इस प्रकरण पर सुनवाई के लिए तारीख देने का अनुरोध किया है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पक्ष रखा जाएगा कि इस रिपोर्ट के आधार पर निकाय चुनाव में पिछड़ों की हिस्सेदारी की प्रक्रिया तय करते हुए उनके लिए सीटें आरक्षित करने और चुनाव कराने की अनुमति दी जाए।
महापौर और अध्यक्ष की सीटों में हो सकता है आंशिक संशोधन
आयोग की रिपोर्ट में दिए गए सुझावों के आधार पर माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद महापौर व अध्यक्ष की सीटों के लिए पूर्व जारी आरक्षण में आंशिक संशोधन किया जा सकता है। इसके लिए आरक्षण के लिए तय प्रक्रिया में संशोधन करने के लिए अधिनियम में भी संशोधन करने पर मंथन किया जा रहा है।
कम से कम 20 से 25 दिन लेगेंगे
शासन में निकाय चुनाव की तैयारी से जुड़े एक सूत्र का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद भी तैयारियों को पूरा करने में कम से कम 20 से 25 दिन लेगेंगे। ऐसे में अप्रैल के अंतिम सप्ताह में निकाय चुनाव कराने के लिए अधिसूचना जारी करने के लिए प्रस्ताव भेजने की तैयारी है। जिससे मई में चुनाव संपन्न कराया जा सके।