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UP Nikay Chunav 2023: जालौन की सबसे बड़ी नगरपालिका उरई में कांटे की टक्कर, जानें-क्या बन रहे समीकरण
UP Nikay Chunav 2023:1871 में उरई नगर पंचायत को मिला था नगर पालिका का दर्जा, अब चुना जायेगा 20वां अध्यक्ष। जिला जालौन की सबसे बड़ी नगरपालिका है उरई।
UP Nikay Chunav 2023: यूपी के जालौन में 4 नगर पालिकाओं और 7 नगर पंचायतों के लिए 4 मई को चुनाव संपन्न कराए जाएंगे। नामांकन को लेकर सारी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। 20 अप्रैल को पर्चा वापसी की समय पूरा हो गया और प्रत्याशी नगर में चुनाव प्रचार में जोर शोर से लग गए हैं। वहीं, इस बार जालौन जिले की उरई सीट पर कांटे का मुकाबला होता नजर आ रहा है। जिले की सबसे ज्यादा हॉट सीट माने जानी वाली उरई नगर पालिका को अनूसूचित जाति महिला के लिए रिजर्व किया गया है और इस बार जनता अपना 20वां महिला अध्यक्ष चुनेंगी।
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जालौन की उरई नगर को 1856 में टाउन एरिया के रूप में दर्ज मिला था। 1871 में उसे नगर पालिका का रूप दिया गया। उस समय केवल 6 वार्ड बनाए गए। 1917 के पहले तक उरई नगर 28 वार्ड थे। सीमा विस्तार होने के बाद वर्तमान में इनकी संख्या 34 हो गई है। इसमें 22 वार्ड आरक्षित थे। नगर पालिका घोषित होने के बाद पहली बार कर्नल डोलन को प्रशासक चुनाव गया। उस समय 6 सदस्य हुआ करते थे। इसी तरह तेरी पूरी प्रक्रिया आगे बढ़ती रही और आगे चलकर नगर पालिका का चुनाव जनता द्वारा होने लगा
1947 में पहली बार चुना गया था अध्यक्ष
उरई नगर की जनता ने 1947 में पहली बार अपना अध्यक्ष चुना। अब तक के इतिहास में 19 बार यहां पर चुनाव हो चुके हैं। सबसे ज्यादा कांग्रेस पार्टी का कब्जा रहा लेकिन इसके बाद बीजेपी ने इस इतिहास को तोड़ कर नया रिकॉर्ड बनाया और तब से लेकर अब तक कांग्रेस इस सीट पर कभी जीत का स्वाद नहीं चख सकी। उरई नगर को महोबा के राजा परमाल के मामा माहिल के नाम से भी जाना जाता है। उरई शहर का नाम ऋषि उद्दालक के नाम पर रखा गया हैं।
मुकाबला होगा दिलचस्प
जिले की सबसे बड़ी नगरपालिका उरई में 1,74,419 मतदाता हैं, जिसमें 93011 पुरुष मतदाता और 81408 मतदाता महिला अपने मताधिकार का प्रयोग कर अध्यक्ष का चुनाव करेंगे। उरई नगर पालिका में 34 वार्ड हैं। इसमें मतदान केंद्रों की संख्या 53 और मतदान स्थलों की संख्या 202 है। इस बार जनता उरई पालिका का 20वां महिला अध्यक्ष चुनेगी। जिसके लिए समाजवादी पार्टी, कांग्रेस पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी सहित राजनीतिक पार्टी के साथ निर्दलीय भी अपनी जोर आजमाइश में लगे हैं।