TRENDING TAGS :
यूपी पंचायत चुनाव: तैयारियों में जुटी योगी सरकार, इस शर्त से पड़ेगा बड़ा असर
उत्तर प्रदेश में इस बार पंचायत चुनावों की तैयारी में यूपी की योगी सरकार पूरी तरह जुटी हुई है, यूपी के पंचायती राज मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया की कई प्रदेशों में पंचायत चुनावो में चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की शैक्षिक योग्यता और दो बच्चों की बाध्यता वाला नियम लागू है।
उत्तर प्रदेश में इस बार पंचायत चुनावों की तैयारी में यूपी की योगी सरकार पूरी तरह जुटी हुई है, यूपी के पंचायती राज मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया की कई प्रदेशों में पंचायत चुनावो में चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की शैक्षिक योग्यता और दो बच्चों की बाध्यता वाला नियम लागू है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में भी ये मामला है लेकिन यूपी सरकार ने अभी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है और न ही अभी इस पर कोई चर्चा हुई है ।
लेकिन ये सब मुख्यमंत्री के संज्ञान में है उन्हें इस पर निर्णय लेना है। 2022 में यूपी में विधान सभा चुनाव होने हैं लेकिन उस से पहले 2021 के पंचायत चुनावो में यूपी सरकार पूरे दम ख़म से उतरने वाली है और अगर दो बच्चों की बाध्यता और अनिवार्य शैक्षिक योग्यता की शर्त योगी सरकार चुनाव में लगा देती है तो ये यूपी में पंचायत चुनावो में बड़ा असर डालेगा।
कोविड 19 के कारण धीमी हुई रफ़्तार
उत्तर प्रदेश सरकार पंचायत चुनाव कराने की पूरी तैयारी हम लोग कर रहे हैं, और आप लोगों ने देखा होगा कि कोविड 19 के कारण चुनाव की प्रक्रिया सीमा समय सीमा में देरी हुई है, ग्राम सभा का कार्यकाल 25 दिसंबर तक है, और ब्लाकों का कार्यकाल मार्च तक है, ज़िला पंचायतों का कार्यकाल 14 फ़रवरी तक है, लेकिन कोविड 19 के कारण कुछ गति इसकी धीमी हुई है, अब सरकार माननीय मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया है कि अविलंब पंचायतों के चुनाव कराने हैं, तो विभाग के द्वारा जो क्षेत्र नगरीय क्षेत्रों में सम्मिलित हुए हैं सीमा विस्तार में उनका पुनर्गठन कर दिया गया है और वार्डो के परिसीमन की अंतिम सूची प्रकाशित कर दी गई है। 26 तारीख तक उस पर आपत्ति मांगी गई है, 6 जनवरी तक उसका फाइनल प्रकाशन घोषित हो जाएगा।
[video width="640" height="512" mp4="https://newstrack.com/wp-content/uploads/2020/12/VID-20201224-WA0001.mp4"][/video]
14 जनवरी तक परिसीमन का पुनर्गठन होगा पूरा
अभी कुछ क्षेत्र नगर पंचायतों में नगर पालिका में सीमा विस्तार में जुड़े हैं, उन जुड़े ज़िलों से उनका पुनर्गठन का परिसीमन प्रस्ताव 28 दिसंबर तक आना है, और उसे हम लोगो को पुरा करना है , शेष चार ज़िले ऐसे हैं जिनका परिसीमन पिछली बार नहीं हुआ था, मुरादाबाद, संभल, गोंडा, गौतमबुधनगर, उन ज़िलों का भी परिसीमन का पुनर्गठन का काम चल रहा है, 14 जनवरी तक उसे भी हम लोग पूरा कर लेंगे, उसके बाद आरक्षण की प्रक्रिया है आरक्षण की प्रक्रिया पूरी करके फरवरी में चुनाव की अधिसूचना जारी कर देंगे, मुझे ऐसा लगता है कि मार्च के अंतिम सप्ताह तक चुनाव हम लोग संपूर्ण करा लेंगे उसके बाद 21 दिन की अधिसूचना के बाद जिला पंचायतों का क्षेत्र पंचायतों का चुनाव संपादित करा लेंगे।
ये भी पढ़ें: जॉन अब्राहम के साथ हादसा: वाराणसी में शूटिंग के दौरान घायल, पहुंचे अस्पताल
महिलाओं को 33% आरक्षण
उन्होंने बताया कि आरक्षण जो व्यवस्था है हमारी 33 पर्सेंट बहनों के लिए आरक्षण है और समानता तथा 44% महिलाएं निर्वाचित महिलाएं पंचायतों में प्रतिनिधि निर्वाचित होकर आई हैं पिछली बार भी, 33 परसेंट आरक्षण है महिलाओं को उसका पूरा पालन किया जाएगा।
कई राज्यों ने इसे स्वीकार किया है पढ़ी-लिखी पंचायत और पंचायत के प्रतिनिधियों के लिये शैक्षिक योग्यता यह कुछ राज्य ने तय की है और कुछ राज्यों ने दो बच्चों के जिनके परिवार हैं उन से अधिक लोगों पर लड़ने वाले लोगी को चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित किया गया है, लेकिन उत्तर प्रदेश में अभी ऐसा विषय नहीं है लेकिन मान्य मुख्यमंत्री जी के विशेष संज्ञान में है, और उचित निर्णय उनके आधार पर ही होगा, अभी इसमे कोई निर्णय नही लिया गया है लेकिन ये माननीय मुख्यमंत्री जी के विशेष संज्ञान में है ये निर्णय उन्हें करना है।
ये भी पढ़ें: BJP विधायक के आरोप से आहत तहसीलदार, DM को पत्र लिख कही ये बड़ी बात
किसान आंदोलन पर कही ये बात
किसान आंदोलन पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि सरकार जो बिल लेकर आई है , वो किसानों के हित मे है, और लोग विपक्ष के लोग चाहे कांग्रेस हो या और दल हों केवल अपनी राजनीतिक रोटी सेकने का काम कर रहे हैं जिस प्रकार से पिछले चुनावों में राजनीतिक परिणाम आए हैं और भारतीय जनता पार्टी को माननीय नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में माननीय योगी जी के नेतृत्व में लोगों ने विश्वास व्यक्त किया है, वो कहीं न कहीं विपक्षी दलों के पास गुमराह कर के और नकारात्मक प्रचार के माध्यम से ही वो चीज़ आगे बढ़ाना चाहतें हैं जनता सब समझ रही है और किसानों से बातचीत का एक रास्ता खुला है सरकार की तरफ़ से बातचीत करके जल्द इसका समाधान करने का प्रयास सरकार करेगी।