Umesh Pal Murder Case: उमेश पाल की हत्या के बाद नींद से जागी यूपी पुलिस, गवाह सुरक्षा योजना की आई याद, डीजीपी ने दिए ये

Umesh Pal Murder Case: बसपा विधायक राजूपाल मर्डर केस के अहम गवाब उमेश की दिनदहाड़े हुई हत्या के बाद पुलिस को गवाहों की सुरक्षा के लिए बनाए गए साक्षी सुरक्षा योजना की याद आई है। 

Umesh Pal Murder Case: उमेश पाल की हत्या के बाद नींद से जागी यूपी पुलिस, गवाह सुरक्षा योजना की आई याद, डीजीपी ने दिए ये
Umesh Pal Murder Case (photo: social media )
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Umesh Pal Murder Case: पुलिस के बारे में ये धारणा आम है कि कोई घटना घटने के बाद वह सचेत होती है। उमेश पाल हत्याकांड के बाद उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने गवाहों की सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है। बसपा विधायक राजूपाल मर्डर केस के अहम गवाब उमेश की दिनदहाड़े हुई हत्या के बाद पुलिस को गवाहों की सुरक्षा के लिए बनाए गए साक्षी सुरक्षा योजना की याद आई है। डीजीपी डीएस योजना ने इस संबंध में मातहतों को दिशा - निर्देश जारी किए हैं।

डीजीपी के निर्देशों के मुताबिक, साक्षी सुरक्षा योजना को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश और शासन की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन करने, इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने, योजना की जानकारी प्रत्येक थाने तक पहुंचाने और पुलिसकर्मियों को गवाहों के प्रति संवेदनशील बनाने का जिक्र किया गया है। विटनेस प्रोटक्शन सेल को भी नियमित तौर पर इसकी निगरानी करने के लिए कहा गया है।

गवाहों की सुरक्षा पर हर माह मुख्यालय को भेजनी होगी रिपोर्ट

पुलिस महानिदेशक डीएस रावत ने कहा कि गंभीर अपराधों के मामलों में गवाहों की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। यदि किसी गवाह ने खतरे की आशंका जताई है तो तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को बताकर सुरक्षा मुहैया कराई जाए। गवाहों की सुरक्षा में किसी प्रकार की लापरवाही और शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर ऐसा मामला सामने आता है तो संबंधित पुलिस अधिकारी को इसका जिम्मेदार माना जाएगा। सभी जोन के एडीजी और पुलिस कमिश्नर हर माह इस गहन समीक्षा कर मुख्यालय रिपोर्ट भेंजेंगे।

गवाही के बाद भी मिलेगी सुरक्षा

निर्देशों के मुताबिक, कोर्ट में जिरह के बाद भी गवाह को पुलिस से सुरक्षा मिलेगी। साक्षी सुरक्षा योजना के तहत कमेटी आसन्न संकट का आकलन करेगी और उसके हिसाब से गवाब को सुरक्षा उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना के प्रति जागरूकता और संवेदनशीलता बढ़ाने के लिए एडीजी स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया जाएगा। गवाहों के अधिकार को लेकर प्रदेश के हर थाने में एक नोटिस बोर्ड लगा होगा, जिसमें इसका विस्तार से विवरण मौजूद होगा।   

पूजा पाल को स्थायी सुरक्षा देने के आदेश

दिवंगत बसपा विधायक राजूपाल की पूर्व पत्नी और समाजवादी पार्टी की पूर्व विधायक पूजा पाल को सीबीआई कोर्ट ने स्थायी सुरक्षा देने के निर्देश दिए हैं। राजूपाल हत्याकांड में गवाह पूजा ने अपनी सुरक्षा को लेकर अदालत में याचिका दायर की थी। पूजा पाल को सुरक्षा न मिलने पर कोर्ट ने पुलिस से जवाब तलब भी किया है। अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी।

गौरतलब है कि साल 2005 में शादी के महज 9 दिनों के अंदर पूजा पाल के पति और तत्कालीन बसपा विधायक राजूपाल की प्रयागराज में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पूजा की सगी बुआ के बेटे उमेश पाल इस हत्याकांड के अहम गवाह थे। जिनकी हत्या 24 फरवरी 2023 को प्रयागराज में कर दी गई। इन दोनों ही हत्याकांडों को माफिया अतीक अहमद के गुर्गों ने अंजाम दिया था। उमेश की हत्या के बाद पूजा ने माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ के आपराधिक इतिहास का जिक्र करते हुए अपनी जान को खतरा बताया था।