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यहां विज्ञापन पर हुआ विवाद, पुलिस ने दर्ज की FIR, जानें पूरा मामला

उत्तर प्रदेश ने मेरठ के कैंसर अस्पताल ने एक विज्ञापन दिया था, जिसमें कहा गया था कि कैंसर के मुस्लिम मरीज अस्पताल आएं तो उनसे अनुरोध है कि वे अपना और अपने तीमारदारों का कोरोना टेस्ट कराएं और रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही आएं। यहां के वलेंटिस कैंसर अस्पताल के मालिक के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।

suman
Published on: 19 April 2020 11:16 PM IST
यहां विज्ञापन पर हुआ विवाद, पुलिस ने दर्ज की FIR, जानें पूरा मामला
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मेरठ उत्तर प्रदेश ने मेरठ के कैंसर अस्पताल ने एक विज्ञापन दिया था, जिसमें कहा गया था कि कैंसर के मुस्लिम मरीज अस्पताल आएं तो उनसे अनुरोध है कि वे अपना और अपने तीमारदारों का कोरोना टेस्ट कराएं और रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही आएं। यहां के वलेंटिस कैंसर अस्पताल के मालिक के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।

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इस विज्ञापन के आते ही विवाद शुरू हो गया। अब पुलिस ने यह कार्रवाई की है। विवाद होने के बाद अस्पताल प्रशासन ने स्पष्टीकरण जारी कर खेद भी जताया था। अस्पताल से अपनी सफाई में कहा कि हॉस्पिटल की भावना हिंदू, मुस्लिम, जैन, सिख, ईसाई सब को साथ लेकर चलने की है। किसी की भावना को ठेस पहुंचाने की हॉस्पिटल की कभी नहीं रही। पुलिस ने आईपीसी की धारा 188, 295-ए और 505(3) के तहत अस्पताल मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

ये था विज्ञापन

मेरठ के वलेंटिस कैंसर अस्पताल ने 17 अप्रैल को अखबारों में एक विज्ञापन प्रकाशित कराया था। विज्ञापन में मुस्लिम समाज के बारे में कहा गया था कि तबलीगी जमात से कोरोना वायरस की बीमारी बढ़ रही है। मुस्लिम लोग मास्क नहीं लगा रहे हैं। स्वच्छता का पालन नहीं कर रहे हैं। साथ ही वो नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। विज्ञापन में कहा गया था कि थूकना, चिकित्सकों, नर्सों, और चिकित्सा कर्मियों को संक्रमित करने की उनकी इच्छा उनकी दुर्भावना को जाहिर करती है।

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विज्ञापन में यह भी कहा गया था कि जो भी कैंसर के मुस्लिम मरीज अस्पताल आएं उनसे अनुरोध है कि वे अपना और अपने तीमारदारों का कोरोना टेस्ट कराएं और रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही अस्पताल आएं।ये नियम मुस्लिम चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ, जज, पुलिस, अफसर, शिया और अन्य मुस्लिम जो घनी मुस्लिम आबादी में नहीं रहते हैं, उन पर लागू नहीं होगा। मामला सिर्फ यहीं नहीं रुका। विज्ञापन में हिंदू और जैन समुदाय के बारे में कहा गया कि इनमें अधिकांश लोग कंजूस हैं। उनसे आग्रह है कि वो प्रधानमंत्री केयर्स फंड में सहयोग राशि दें। देश की मदद करें।



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