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डॉक्टरों के साथ अभद्रता पर कर्मचारी परिषद ने जताया रोष, योगी सरकार से की ये मांग

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने यूपी में चिकित्साकर्मियों के साथ हो रही अभद्रता पर चिंता जताते हुए मांग की है कि प्रशासन द्वारा ऐसे स्थानों से लोगों को चिकित्सालय लाकर उनकी जांच कराई जाए, चिकित्सा कर्मियों को ऐसे क्षेत्रों में ना लगाया जाये।

Aditya Mishra
Published on: 16 April 2020 1:23 PM GMT
डॉक्टरों के साथ अभद्रता पर कर्मचारी परिषद ने जताया रोष, योगी सरकार से की ये मांग
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लखनऊ: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने यूपी में चिकित्साकर्मियों के साथ हो रही अभद्रता पर चिंता जताते हुए मांग की है कि प्रशासन द्वारा ऐसे स्थानों से लोगों को चिकित्सालय लाकर उनकी जांच कराई जाए, चिकित्सा कर्मियों को ऐसे क्षेत्रों में ना लगाया जाये।

चिकित्साकर्मी चिकित्सालय में कार्य के लिए तैनात हैं, वर्तमान समय में चिकित्सा कर्मियों की अनेक टीमों की जरूरत है तथा बैकअप की भी जरूरत है। सरकार सेवानिवृत्त चिकित्साकर्मियों और छात्रों को भी सेवायोजित करना चाह रही है, ऐसे में अपने चिकित्सा कर्मियों को सुरक्षित रखना भी सरकार की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। साथ ही चिकित्सा कर्मियों का मनोबल ना टूटने पाए इस बात का भी ध्यान रखना आवश्यक है।

चिकित्सकों को जल्द मुहैया कराए पीपीई

परिषद के प्रांतीय महामंत्री अतुल मिश्र ने गुरुवार को कहा कि प्रदेश के अधिकांश जनपदों में चिकित्सा कर्मियों के साथ अभद्रता की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। जनपद पीलीभीत व सहारनपुर में पुलिसकर्मियों द्वारा ड्यूटी पर जा रहे चिकित्साकर्मी को अपमानित किया गया, वही कन्नौज व मुरादाबाद जनपद में चिकित्साकर्मियों पर पथराव की घटनाएं सामने आई। जिसमें चिकित्सक सहित कई अन्य कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।

उन्होंने प्रदेश सरकार से यह भी मांग की कि चिकित्सालय में इमरजेंसी में कार्यरत स्टाफ और क्वॉरेंटाइन मैनेजमेंट में लगे सभी कार्मिकों के साथ सर्विलेंस टीम में महत्वपूर्ण ड्यूटी कर रहे उन सभी चिकित्साकर्मियों को जो मरीज के संपर्क में आते हैं उन्हें पीपीई किट अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जाए।

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पीपीई की कमी न हो, इस बात का रखें ध्यान

चिकित्सा संस्थानों में पीपीई और आवश्यक सामानों की कमी ना हो इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का हर राज्य कर्मचारी इस संकटकाल में जनता को इस रोग से बचाने के लिए पूरे मनोयोग से कार्य कर रहा है हर कर्मचारी जनता के साथ है और सरकार के प्रत्येक निर्देशों का पालन करने को तत्पर है।

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के हाईकमान की वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा संपन्न हुई बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया है कि वैश्विक महामारी कोरोना को देखते हुए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने 20 अप्रैल से प्रस्तावित सभी आंदोलन कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया है।

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प्रदेशव्यापी कार्यबहिष्कार को किया रद्द

उन्होंने बताया कि बीती 2 फरवरी को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की प्रांतीय कार्यकारिणी द्वारा पुरानी पेंशन बहाली, वेतन विसंगति दूर करने, भत्तो की समानता सहित मुख्य सचिव के साथ हुए समझौतों पर कार्यवाही की मांग को लेकर 20 व 21 अप्रैल को काला फीता, 22 अप्रैल को जनपदों में मोटरसाइकिल रैली तथा 23 व 24 अप्रैल को प्रदेशव्यापी कार्यबहिष्कार का निर्णय लिया गया था।

हालांकि परिषद ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि शासन द्वारा मांगो पर सकारात्मक निर्णय नही लिए गए लेकिन प्रदेश में इस संकट काल मे प्रदेश का हर कर्मचारी सरकार और जनता के साथ खड़ा है, अतः आंदोलन का औचित्य नहीं है। स्थिति सामान्य होने पर परिषद की बैठक में अगला निर्णय लिया जाएगा।

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Aditya Mishra

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