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अपग्रेडेशन कार्यों से चीनी मिलों की कार्य क्षमता व चीनी परता में हुई वृद्धि: संजय भूसरेड्डी

सरसावां चीनी मिल की कार्य क्षमता में सुधार होने पर 7 करोड़ मूल्य की अतिरिक्त चीनी का उत्पादन किया गया। अनूप शहर मिल ने भी लगभग 25 वर्षों के बाद चीनी परता में कीर्तिमान स्थापित किया।

Dharmendra kumar
Published on: 28 May 2020 12:53 AM IST
अपग्रेडेशन कार्यों से चीनी मिलों की कार्य क्षमता व चीनी परता में हुई वृद्धि: संजय भूसरेड्डी
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लखनऊ: सहकारी चीनी उद्योग को और अधिक सृदढ़ बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने सहकारी चीनी मिल की कार्य क्षमता में सुधार करने तथा आधुनिकीकरण के लिए तकनीकी अपग्रेडेशन कार्य कराने के निर्णय से वर्ष 2019-20 में बेलरायां चीनी मिल में 07 प्रतिशत क्षमता वृद्धि प्राप्त कर लगभग 1 प्रतिशत चीनी परता की वृद्धि हुई। इसी प्रकार नानपारा चीनी मिल ने 07 प्रतिशत क्षमता वृद्धि प्राप्त कर, 102 प्रतिशत क्षमता का उपयोग किया।

सरसावां चीनी मिल की कार्य क्षमता में सुधार होने पर 7 करोड़ मूल्य की अतिरिक्त चीनी का उत्पादन किया गया। अनूप शहर मिल ने भी लगभग 25 वर्षों के बाद चीनी परता में कीर्तिमान स्थापित किया।

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उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग संजय आर. भूसरेड्डी ने बुधवार को बताया कि शासन स्तर पर यह निर्णय लिया गया कि वर्ष 2019-20 में अच्छी गुणवत्ता से कराये गए तकनीकी अपग्रेडशन कार्यांे से पेराई सत्र में सहकारी चीनी मिलों की कार्य क्षमता में अच्छे परिणाम प्राप्त हुए है। एवोपोरेटर स्टेशन पर तकनीकी अपग्रेडेशन सत्र के दौरान सफाई समय में उल्लेखनीय कमी लाकर तथा कार्य क्षमता में सुधार कर पेराई क्षमता में वृद्धि प्राप्त की गई। तकनीकी सुधार करते हुए मिलों द्वारा स्टीम खपत में कमी लाते हुए बगास की बचत की गई, जिसे विक्रय कर अतिरिक्त आय अर्जित की गई। बाॅयलर, मिल हाउस एवं प्रोसेस हाउस में आटोमेंशन के विभिन्न कार्य कराये गये।

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सहकारी चीनी मिलों में कराये गये तकनीकि अपग्रेडेशन कार्यों के फलस्वरूप मिलों का संचालन सुगमता से हुआ, जिससे गन्ना किसानों को गन्ना आपूर्ति में किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं हुई तथा चीनी मिलों के औसत परता में वृद्धि हुई। पेराई सत्र 2019-20 में सहकारी मिलों द्वारा औसत 10.21 प्रतिशत चीनी परता प्राप्त किया गया जबकि गत पेराई सत्र में चीनी परता 9.93 प्रतिशत था। मिलों में हुए तकनीकी अपग्रेडेशन के कार्यों का लाभ आगामी पेराई सत्र में भी प्राप्त होता रहेगा तथा कार्य क्षमता में सुधार के फलस्वरूप अतिरिक्त आय अर्जित होने का लाभ गन्ना मूल्य के त्वरित भुगतान के रूप में किसानों को प्राप्त होगा।

रिपोर्ट: मनीष श्रीवास्तव

Dharmendra kumar

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