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Jhansi News: घटनास्थल पर पहुंचकर दोहराया असद और गुलाम एनकाउंटर, आखिर क्यों किया गया सीन रिक्रिएट?
Jhansi News: उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी 5-5 लाख के इनामी असद और गुलाम को यूपी एसटीएफ ने 13 अप्रैल को झाँसी के बड़ागांव थाना क्षेत्र में पारीछा के पास एक मुठभेड़ में मार गिराया था। लेकिन इस एनकाउंटर पर सवाल उठे और बाद में जांच के आदेश दिए गए थे।
Jhansi News: माफिया अतीक के बेटे असद और शूटर गुलाम के एनकाउंटर पर कई सवाल उठे, जिसके चलते मुठभेड़ की जांच दो सदस्यीय न्यायिक आयोग के हवाले कर दी गई। इस घटना का झाँसी के बड़ागांव थाना क्षेत्र के पारीछा के पास मंगलवार को सीन रिक्रिएशन किया गया है। मालूम हो कि उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी 5-5 लाख के इनामी असद और गुलाम को यूपी एसटीएफ ने 13 अप्रैल को झाँसी के बड़ागांव थाना क्षेत्र में पारीछा के पास एक मुठभेड़ में मार गिराया था। लेकिन इस एनकाउंटर पर सवाल उठे और बाद में जांच के आदेश दिए गए थे। इसी के तहत मंगलवार को एनकाउंटर का रिक्रिएशन किया गया है।
13 अप्रैल को एनकाउंटर, 25 को सीन रिक्रिएशन
असद और गुलाम एनकाउंटर के मामले में दो सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन हुआ है। इसमें एक अध्यक्ष तो दूसरे सदस्य हैं। दोनों जांच शुरू करने से पहले पुलिस के उस बयान का अध्ययन करेंगे जो असद और गुलाम के एनकाउंटर के बाद मीडिया में दिया गया था। इसके बाद उसी बयान के आधार पर आयोग घटना स्थल का मुआयना करेगा। घटना स्थल पर जाकर पूरी घटना को समझने की कोशिश की जाएगी। इसके चलते मंगलवार को घटनास्थल का सीन रिक्रिएशन किया गया।
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क्यों हो रहा है असद एनकाउंटर में क्राइम सीन रिक्रिएट
कई बार घटना को जिधर रही होती है, वैसी होती नहीं है। जैसे इस मामले में पुलिस ने दावा किया कि उसने असद और गुलाम को जिंदा पकड़ने की कोशिश की थी, लेकिन दोनों ने फायरिंग की, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया। ऐसे में इस एकाउंटर पर कई सवाल भी खड़े हो गए।
पुलिस का कहना है कि दोनों बाइक से थे और फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में दोनों की बाइक गिर गई और गोली लगने से दोनों की मौत हो गई। अब सवाल ये है कि अगर दोनों भाग रहे थे तो बाइक की रफ्तार काफी तेज रही होगी। ऐसे में बाइक गिरी लेकिन एक भी खरोंच तक बाइक में नहीं आई। ऐसा कैसे हुआ?।
बाइक की चाबी को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। मुठभेड़ स्थल से जो तस्वीरें सामने आई, उसमें बाइक की चाबी भी गायब थी। असद के एनकाउंटर के बाद स्थानीय पुलिस के पहुंचने से पहले मीडियाकर्मी तस्वीरें लेने मौके पर पहुंच गए थे। तस्वीरों में बाइक की चाबी गायब है। पुलिस का कहना है कि हो सकता है बाइक पुरानी होने के कारण चाबी कहीं गिर गई हो।
सवाल एनकाउंटर की जगह पर भी उठ रहा है। जिस जगह पर एनकाउंटर हुआ वहां तक पहुंचने का रास्ता बहुत ही पथरीला और ऊबड़ -खाबड़ है। पुलिस की मानें तो इसके पहले असद कानपुर, दिल्ली, अजमेर, मुंबई जैसी जगहों पर छिपा था, ऐसे में वह यहां तक कैसे और क्यों आया ये भी सवाल बना हुआ है?।
सीन रिक्रिएट कर सामने आएगी सच्चाई?
ऐसे और भी कई सवाल हैं जिनके जवाबों की तलाश न्यायिक आयोग करेगा। लेकिन ऐसी स्थिति में जरूरी हो जाता है फॉरेंसिक साइंस लैबरेट्री के वैज्ञानिकों द्वारा क्राइम सीन को रिक्रिएट करना और पता लगाना कि वाकई में मामला है क्या? बताते हैं कि सीन रिक्रिएट कर पुलिस पता लगाती है कि क्या हुआ था, कहां हुआ था, कैसे हुआ था, कब हुआ था, किसने किया और क्यों किया? इस प्रक्रिया में उपलब्ध भौतिक साक्ष्यों के आधार पर अपराध स्थल पर यह तय किया जाता है कि घटना कैसे हुई। इस प्रक्रिया में अपराध स्थल की वैज्ञानिक जांच की जाती है, घटनास्थल के साक्ष्यों की व्याख्या की जाती है, भौतिक साक्ष्य की लैब में जांच की जाती है, केस से जुड़ी सूचनाओं की चरणबद्ध स्टडी की जाती है और तर्कों के आधार पर एक थिओरी तैयार की जाती है।
24 फरवरी को हुआ था उमेश पाल का मर्डर
24 फरवरी को उमेश पाल के मर्डर के बाद से ही असद और गुलाम मोहम्मद फरार थे। एसटीएफ 48 दिन से लगातार इन्हें ट्रेस कर रही थी। मोबाइल लोकेशन के आधार पर ये दोनों झाँसी में मिले। एनकाउंटर को डिप्टी एसपी नवेंदु और डिप्टी एसपी विमल ने लीड किया था। एसटीएफ के डीआईजी अनंद देव तिवारी ने बताया था कि उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य शूटर असद और गुलाम थे। पुलिस टीम को देखते ही बाइक से भागने की कोशिश की। एसटीएफ टीम ने पीछा करने पर विदेशी अत्याधुनिक हथियारों से फायरिंग कर दी। जवाबी फायरिंग में उनकी बाइक गिर गई। जिस पर दोनों ने भागते हुए पुलिस को निशाना बनाया। पुलिस ने भी जवाबी फायर किया। करीब 30 मिनट चली इस मुठभेड़ में कई राउंड फायरिंग हुई।