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UP Nikay Chunav 2023: 96 लाख नए वोटर्स, 100़ पंचायतें बढ़ीं... इस बार अलग होगा यूपी का नगर निकाय चुनाव?
UP Nikay Chunav 2023: इस बार 17 महापालिका, 199 नगर पालिका और 544 नगर पंचायतों पर चुनाव होंगे। चुनाव आयोग के मुताबिक, 2017 के मुकाबले 2023 में 96 लाख से ज्यादा वोटर्स बढ़ गए हैं।
UP Nikay Chunav 2023: उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव के तारीखों का ऐलान हो चुका है। प्रदेश में दो चरणों में नगर निकाय के चुनाव होंगे। पहले चरण की वोटिंग चार मई और दूसरे चरण की वोटिंग 11 मई को होगी, जबकि 13 मई को नतीजे आएंगे।
इस बार का नगर निकाय चुनाव कुछ अलग ही होगा। इस बार 17 महापालिका, 199 नगर पालिका और 544 नगर पंचायतों पर चुनाव होंगे। चुनाव आयोग के मुताबिक, 2017 के मुकाबले 2023 में 96 लाख से ज्यादा वोटर्स बढ़ गए हैं। इसके अलावा और भी कई मायनों में इस बार का यूपी निकाय चुनाव अलग होगा। पिछली बार के मुकाबले इस बार नगरीय निकायों की संख्या भी बढ़ गई है। वोटर्स की संख्या भी करीब एक करोड़ बढ़ गई है। ऐसे में आइए जानते हैं यूपी निकाय चुनाव से जुड़ी हर बात...
क्यों हो रहे हैं चुनाव?
यूपी में 762 नगरीय निकायों पर चुनाव होने जा रहे हैं। ये चुनाव वैसे तो दिसंबर में हो जाने थे। इन निकायों का कार्यकाल 12 दिसंबर से 19 जनवरी के बीच खत्म हो चुका है। लेकिन बात ओबीसी आरक्षण पर अटक गई थी। इस कारण अब तक चुनाव नहीं हो सके, लेकिन अब चुनाव के तारीखों की घोषणा हो चुकी है।
तो क्या सुलझ गया ओबीसी आरक्षण का मसला?
30 मार्च को यूपी की योगी सरकार ने ओबीसी आरक्षण का ड्राफ्ट जारी कर दिया था। अभी 762 में से 760 नगर निकायों में चुनाव होगा। इनमें से 205 सीटें ओबीसी के लिए आरक्षित रखी गईं हैं।
कहां किसको मिला आरक्षण?
यूपी में 17 महापालिकाओं के मेयर, 199 नगर पालिकाओं के अध्यक्ष और 544 नगर पंचायत के अध्यक्ष चुने जाने हैं। महापौर की 17 में से 9 सीटों को आरक्षित किया गया है। इनमें आगरा सीट एससी (महिला), झांसी एससी, शाहजहांपुर और फिरोजाबाद ओबीसी (महिला), सहारनपुर और मेरठ ओबीसी और लखनऊ, कानपुर और गाजियाबाद को महिला के लिए आरक्षित किया गया है, जबकि वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, गोरखपुर, अयोध्या और मथुरा-वृंदावन अनारिक्षित सीटें हैं।
सीमा विस्तार का क्या होगा असर? सीमा विस्तार होने से नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत की संख्या बढ़ गई है। कुल मिलाकर अब 17 नगर निगम, 200 नगर पालिकाएं और 545 नगर पंचायत हैं। हालांकि, इनमें से 760 पर ही चुनाव होने हैं। पिछली बार यानी 2017 के चुनाव में 16 नगर निगम, 198 नगर पालिका और 438 नगर पंचायत थीं। यानी, इस बार एक नगर निगम, 2 नगर पालिका और 107 नगर पंचायतें बढ़ गई हैं। राज्य चुनाव आयुक्त मनोज कुमार के मुताबिक, नई नगर पंचायत बनने से कई सारे ग्रामीण इलाके अब नगर में आ गए हैं। इसका नतीजा ये हुए 21.23 लाख से ज्यादा वोटर्स ग्रामीण से शहरी क्षेत्र में आ गए हैं।
पिछली बार के चुनाव में क्या रहे थे नतीजे?
2017 में जब यूपी नगर निकाय के चुनाव हुए थे, तो उसमें बीजेपी की प्रचंड जीत हुई थी। बीजेपी ने 16 में से 14 नगर निगमों पर अपना कब्जा जमा लिया था। पिछली बार 1300 में से 597 पार्षद बीजेपी के थे। वहीं, 198 नगर पालिकाओं में से 70 में और 438 नगर पंचायतों में से 100 में बीजेपी की जीत हुई थी। कांग्रेस एक भी नगर निगम नहीं जीत पाई थी। कांग्रेस सिर्फ 9 नगर पालिका और 17 नगर पंचायत जीत सकी थी। बहुजन समाज पार्टी ने 2 नगर निगमों पर कब्जा कर लिया था।
अब नगर निकाय चुनावों के तारीखों की घोषणा हो चुकी है तो अब देखना होगा कि इस बार के चुनाव में किसको कितनी सीटें मिलती हैं। क्या भाजपा अपनी पिछली जीत को दोहरा पाएगी या फिर सपा अपना दबदबा बना पाएगी। यह तो चुनाव के परीणाम आने के बाद ही पता चलेगा।