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उत्तर प्रदेश में 9 एग्रो क्लाइमेटिक जोन की भी स्थापनाः आलोक सिन्हा
कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा ने कहा कि नीति में सूक्ष्म इकाई से मेगा इकाई तक उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रोत्साहन दिया जाएगा तथा उत्तर प्रदेश में 9 एग्रो क्लाइमेटिक जोन की भी स्थापना की जा रही है।
लखनऊ प्रदेश में निवेश को बढावा देने के लिए पी एच डी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उत्तर प्रदेश चैप्टर ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में उद्यमिता और निवेश को बढ़ावा देने पर एक इंटरैक्टिव वेबिनार सत्र का आयोजन किया। वेबिनार का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश के अवसरों का पता लगाना और बढ़ावा देना था । कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा ने कहा कि नीति में सूक्ष्म इकाई से मेगा इकाई तक उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रोत्साहन दिया जाएगा तथा उत्तर प्रदेश में 9 एग्रो क्लाइमेटिक जोन की भी स्थापना की जा रही है।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का बहुत उज्जवल भविष्य
इस मौके पर कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का बहुत उज्जवल भविष्य है। उन्होंने इन तीन मुख्य बंधुओं पेजोर देते हुए कहा इस क्षेत्र के उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नवीनतम तकनीक के साथ क्या करना है क्यों करना है तथा कौन करेगा। इस बात पर उत्तर प्रदेश सरकार योजनाएं बना रही है। उत्तर प्रदेश सरकार सभी बातों को ध्यान में रखकर नई खाद फूड प्रोसेसिंग नीति शीघ्र प्रस्तुत करने जा रही है।
प्रमुख सचिव बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण विभाग बी एल मीना ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार खाद्य प्रसंस्करण, फल, हरी पत्तेदार सब्जी, आलू, मसाले, फूल और अन्य बागवानी फसलों के विकास के साथ-साथ, फल-सब्जी के संरक्षण के उपायों को बढ़ावा दे रही है। खाद्य प्रसंस्करण, सुपारी और मशरूम की बेहतरी के लिए प्रशिक्षण भी प्रदान कर रही है ।उत्तर प्रदेश सरकार इस क्षेत्र की बेहतरी और समग्र विकास के लिए निश्चयबद्ध हो कर काम कर रही है ।
सोशल मीडिया से
संयुक्त निदेशक खाद्य प्रसंस्करण विभाग डॉ आर.के. सिंह उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने संबोधन में बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार फूड प्रोसेसिंग के विकास के लिए संकल्पित है और यह भी बताया प्रदेश में कच्चा माल पर्याप्त रूप में उपलब्ध है। असीमित संभावनाओं के दृष्टिकोण से खाद्य प्रसंस्करण उद्यमी की स्थापनाओ को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है ।
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चुनौतियों और समस्याओं का सामना
मेंटोर एमएसएमई मेंटरिंग एंड गाइडेंस सेंटर पीएचडी चैम्बर अनिल खेतान ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एक देश का प्रगतिशील क्षेत्र है तथा इस क्षेत्र के उद्यमियों को कौन-कौन सी चुनौतियों और समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है
सेक्रेटरी जनरल पीएचडी चेम्बर सौरभ सान्याल ने बताया कि लगभग 25 संाी उद्यम इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं इस क्षेत्र में मूल रूप से जो उद्यमी सम्मिलित है। पीएचडी चैम्बर ने एमएसएमई मेंटरिंग एंड गाइडेंस सेंटर की स्थापना 3 वर्ष पूर्व ही कर चुका है।
एडवाइजर एमएसएमई मेंटरिंग एंड गाइडेंस सेंटर पीएचडी चेम्बर डॉ एच पी कुमार ने बताया क्षेत्र में अपार संभावनाएं संभावनाओं के साथ एक बहुत बड़ा बाजार है तथा इस क्षेत्र में उद्योग शुरू करने के लिए बहुत छोटी पूंजी की जरूरत होती है और उन्होंने इस क्षेत्र की कमियों का उल्लेख करते हुए समाधान भी साझा किया ।
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सोशल मीडिया से
पूंजी की जरूरत
पी एच डी चैंबर के प्रधान निदेशक, डॉ रंजीत मेहता एवं श्री अतुल श्रीवास्तव, रेजिडेंट डायरेक्टर ने इस सत्र का अच्छी तरह से संचालित किया। श्री आर पी त्रिवेदी, सी ई ओ ,सन मेडी टेक ध् श्री मनीष खेमका , को -चेयरमैन ,उत्तर प्रदेश चैप्टर पी एच डी चैंबर ने सभी प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों को इस सार्थक सत्र के लिए अपना बहुमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।