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यूपी के इन जिलों में शरणार्थियों की सूची तैयार, पीलीभीत में सबसे ज्यादा...
देश का पहला ऐसा राज्य बना है उत्तर प्रदेश, जिसने संशोधित नागरिकता कानून लागू करने की जरूरी प्रक्रिया शुरू कर दी है। राज्य सरकार ने 19 जिलों में रहने वाले हिंदू शरणार्थियों की सूची तैयार की है। जिसे उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी भेजा है।
लखनऊ देश का पहला ऐसा राज्य बना है उत्तर प्रदेश, जिसने संशोधित नागरिकता कानून लागू करने की जरूरी प्रक्रिया शुरू कर दी है। राज्य सरकार ने 19 जिलों में रहने वाले हिंदू शरणार्थियों की सूची तैयार की है। जिसे उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी भेजा है। यूपी सरकार ने सीएए को लागू करने की प्रक्रिया शुरू करते हुए अब तक 21 जिलों में 32 हजार से ज्यादा शरणार्थियों को चिह्नित किया है। राज्य सरकार के प्रवक्ता एवं ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि सीएए के लिए अधिसूचना तीन दिन पहले जारी की जा चुकी है और सभी जिलाधिकारियों से कहा गया है कि वे अपने-अपने यहां शरणार्थियों के चिह्नांकन का काम करें।
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वैसे यह प्रक्रिया पूरे प्रदेश में चल रही है और गृह विभाग के मुताबिक अन्य जिलों से भी जल्द रिपोर्ट आएगी। प्रदेश के सहारनपुर, गोरखपुर, अलीगढ़, रामपुर, प्रतापगढ़, पीलीभीत, लखनऊ, वाराणसी, बहराइच, लखीमपुर, रामपुर, मेरठ और आगरा जिलों में चिह्नित ये शरणार्थी अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए हैं।
सूत्रों के मुताबिक इनमें से सबसे ज्यादा संख्या पीलीभत में रह रहे शरणाथयों की है। हालांकि सरकार ने उनकी असल संख्या जाहिर नहीं की है। इस बीच, एक गैर सरकारी संगठन नागरिक अधिकार मंच ने 116 पन्नों की एक रिपोर्ट तैयार की है। इसका शीर्षक‘ उत्तर प्रदेश में आए पाकिस्तान, अफगानिस्तान एवं बांग्लादेश के शरणार्थियों की आपबीती (उनके उत्पीडऩ की कहानी)’ है। एक समाचार एजेंसी ने बताया कि योगी सरकार ने एक रिपोर्ट जारी की है। जिसका शीर्षक '' उत्तर प्रदेश में आए पाकिस्तान, अफगानिस्तान एवं बांग्लादेश के शरणार्थियों की आपबीती'' है। इस रिपोर्ट में शरणार्थियों की बताई कहानी भी शामिल है।
यूपी सरकार के मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि यह प्रक्रिया जारी रहने वाली है। सभी जिलाधिकारियों को सर्वे करने और इस लिस्ट को अपडेट करते रहने का निर्देश दिया गया है। यह भी बताया कि प्रदेश सरकार इस लिस्ट को केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ भी साझा करेगी।
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योगी आदित्यनाथ संशोधित नागरिकता कानून के बारे में फैले भ्रम को दूर करने के लिए गोरखपुर भी पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि यह कदम भारत के शोषित लोगों को पनाह देने वाली परंपरा का हिस्सा है।
बता दें कि यूपी में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जमकर हिंसा हुई थी। इस दौरान फैली हिंसा में 19 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं, पूरे राज्य में रेल और सड़क परिवहन भी बाधित हुआ था।राज्य सरकार ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि वह इस रिपोर्ट का संज्ञान लेगी या नहीं। गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्हें नागरिक अधिकार मंच की एक रिपोर्ट मिली ।पिछले सप्ताह सीएए के सिलसिले में एक गजट अधिसूचना जारी की थी। गृह मंत्रालय ने कहा था कि यह कानून 10 जनवरी से लागू होगा