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परिसंपत्तियों के बंटवारे के 27.63 करोड़ का भुगतान करे यूपी सरकार: उत्तराखंड हाईकोर्ट
त्तराखंड रोडवेज कर्मचारी यूनियन की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को परिसंपतियों के बंटवारे से संबंधित 27.63 करोड़ रुपए उत्तराखंड रोडवेज को भुगतान करने का आदेश दिया।
मसूरी: नैनीताल हाईकोर्ट से यूपी सरकार को तगड़ा झटका लगा है। उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी यूनियन की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को परिसंपतियों के बंटवारे से संबंधित 27.63 करोड़ रुपए उत्तराखंड रोडवेज को भुगतान करने का आदेश दिया।
इस मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश रवि मलिमथ और न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ ने की।
उन्होंने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि चार हफ्तों के अंदर ये रकम हस्तांतरित कर ली जाए। साथ कोर्ट ने यह भी कहा कि परिसम्पतियों के मार्केट वैल्यू को लेकर सुनवाई बाद में की जएगी।
अदालत की प्रतीकात्मक फोटो(साभार-सोशल मीडिया)
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क्या है ये पूरा मामला
दरअसल ये पूरा मामला कुछ यूं हैं कि वेतन और अन्य देयकों का भुगतान नहीं किए जाने पर उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी।
अपनी याचिका में रोडवेज कर्मचारियों की ओर से कहा गया था कि प्रदेश सरकार उत्तर प्रदेश सरकार से अपना पुराना पैसा वापस नहीं ले पा रही है। इसके कारण निगम प्रबंधन भी कर्मचारियों को वेतन और भत्ते आदि नहीं दे पा रहा है।
उतराखंड रोडवेज पर खड़ी बस की फोटो(साभार-सोशल मीडिया)
जिसके बाद इस केस में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने परिवहन निगम और प्रदेश सरकार से दो हफ्तों में अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है।
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लोन EMI में छूट का मामला: आज सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई, देशभर की टिकी हैं निगाहें
आज देश भर की निगाहें सुप्रीम कोर्ट की ओर हैं। सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मोरेटोरियम योजना को दूसरी बार दिसंबर तक बढ़ाने की याचिका पर सुनवाई करने का फैसला किया है। मंगलवार को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।
जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच ने एडवोकेट विशाल तिवारी की इस याचिका को स्वीकार कर लिया है। अब सुप्रीम कोर्ट इसको पहले से लंबित मोरोटोरियम मामलों के साथ जोड़कर सुनवाई करेगा।
बता दें कि आरबीआई ने कोरोना वायरस के दृष्टिगत लॉकडाउन के बाद तीन महीने के लिए लोन मोरेटोरियम की घोषणा की थी। लेकिन बाद में इसका समय 3 महीने के लिए और बढ़ा दिया गया था।
इस मामले में कोर्ट में याचिकाकर्ता ने याचिका दायर कर कहा था कि कोरोना काल में जिन मुश्किल आर्थिक हालातों को देखते हुए मोरेटोरियम सुविधा दी गई थी वह अभी समाप्त नहीं हुई है, इसलिए मोरोटोरियम की सुविधा को इस साल दिसंबर तक बढ़ाया जाना चाहिए।
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