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हाय भगवान: ना AC ना फ्रिज फिर भी थमा दिया 618.5 करोड़ रुपये का बिल
बिजली के दाम में बढ़ोतरी के एक दिन बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी बिजली विभाग की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है जहां 618.5 करोड़ रुपए का बिजली का बिल भेज दिया गया है।
वाराणसी: आज कल बिजली विभाग से दिए जाने वाले बिजली के बिल से बिजली उपभोक्ता आये दिन मुश्किल में फंस जाते हैं । और तो और कभी-कभी बड़ा ही हास्यास्पद होता है । उदहारण के तौर पर जरा इस खबर पर गौर करिए, बिजली का यह बिल है 6 अरब 18 करोड़ और 51 लाख का इस संख्या को बोलना इतना मुश्किल है तो इसको बिल के तौर पर देख कर अच्छे-अच्छों के होश तो उड़ ही जाएंगे ।
यह कमाल किया है पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बिजली विभाग ने । एक तरफ उत्तर प्रदेश में बिजली के दाम बढ़े हैं, जिससे उपभोक्ताओं के बजट पर काफी प्रभाव पड़ा है। ऐसे में बिजली के दाम में बढ़ोतरी के एक दिन बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी बिजली विभाग की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है जहां 618.5 करोड़ रुपए का बिजली का बिल भेज दिया गया है।
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वाराणसी के विनायका इलाके में एक निजी स्कूल के पास करीब 6 अरब 18 करोड़ 51 लाख रुपए का बिजली बिल भेजा गया है ।
यह मामला है वाराणसी जिले के एक प्राइवेट स्कूल की जिसको ये बिल भेजा गया है
यही नहीं जिसमें बिजली का बिल न जमा करने पर 7 सितंबर तक कनेक्शन काटने का भी फरमान जारी किया गया है । दरअसल वाराणसी के निजी स्कूल का ये स्कूल शहर के विनायका इलाके में स्थित है । बिजली का बिल देखने के बाद स्कूल के प्रबंधन को बेहद हैरानी हुई ।
स्कूल के प्रबंधन के लिए बिजली के बिल का अमाउंट इतना ज्यादा है कि वो इस बिजली के बिल को नहीं भर सकता है। यही नहीं इतनी बड़ी राशि का बिल किसी के लिए भी भर पाना नामुमकिन है।
बिजली के बिल के भुगतान की राशि 618.5 करोड़ रुपए है। इस बारे में जब स्कूल प्रबंधन ने बिजली विभाग से संपर्क साधा तो उन्होंने अपने हाथ खड़े कर लिए। कई दिनों तक चक्कर काटने के बावजूद अभी तक स्कूल को कहीं से कोई राहत नहीं मिली है।
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दूसरी तरफ बिजली विभाग का बकाया कनेक्शन धारकों के बिजली कनेक्शन काटने चलते स्कूल का कनेक्शन काटे जाने का डर है क्योंकि बिजली का बिल जमा करने की तारीख 7 सितंबर है। अब इस बारे में विभाग मौन साधे हुए हैं और किसी को समझ में नहीं आ रहा कि आखिरकार एक सामान्य स्कूल का बिल इतना भारी भरकम कैसे आ सकता है ।
सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी बता कर वापस भेज दिया जाता है
स्कूल कोआर्डिनेटर योगेंद्र मिश्रा की मानें तो उन्होंने सभी पिछले बिजली बिल जमा कर दिए हैं लेकिन उसके बाद इतना एक माह का बिल आना ताज्जुब की बात है। योगेंद्र मिश्रा का कहना है कि इस बिजली बिल की शिकायत उन्होंने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंधक निदेशक के दफ्तर में किया था। लेकिन वहां पर उन्हें सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी बता कर वापस भेज दिया गया। वहीं बिजली विभाग की इस लापरवाही के बारे में तमाम कोशिशों के बाद भी उनके अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
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योगेंद्र मिश्रा बताते हैं कि बिजली के बिल को ठीक कराने के लिए वह पिछले कई दिनों से बिजली विभाग के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला। अधिकारियों ने करेक्शन के नाम पर एक बार साढे 9 हजार रुपए जमा भी कराए लेकिन उसके बाद भी 6 अरब का बिल आ गया और अब इस बिजली बिल को जमा न करने की स्थिति में कनेक्शन काटे जाने की तारीख 7 सितंबर की है और जैसे-जैसे तारीख नजदीक आ रही है वैसे-वैसे स्कूल की चिंता बढ़ती जा रही है।