TRENDING TAGS :
BHU के नाम जुड़ी एक और उपलब्धी, खुलेगा कोयला गुणवत्ता प्रबंधन-अनुसंधान केंद्र
बनारस हिंदू युनिवर्सिटी के खाते में एक और उपलब्धी जुड़ गई है। इसरो का रीजनल सेंटर खुलने के बाद अब अब आईआईटी बीएचयू कोयला गुणवत्ता प्रबंधन के क्षेत्र में अहम भागीदारी निभाएगा। इसके लिए जल्दी ही कोयला गुणवत्ता प्रबंधन और उपयोग अनुसंधान केंद्र खोला जाएगा।
वाराणसी: बनारस हिंदू युनिवर्सिटी के खाते में एक और उपलब्धी जुड़ गई है। इसरो का रीजनल सेंटर खुलने के बाद अब अब आईआईटी बीएचयू कोयला गुणवत्ता प्रबंधन के क्षेत्र में अहम भागीदारी निभाएगा। इसके लिए जल्दी ही कोयला गुणवत्ता प्रबंधन और उपयोग अनुसंधान केंद्र खोला जाएगा। आईआईटी बीएचयू और नार्दन कोलफील्ड लिमिटेड के साथ समझौते के बाद अब इस दिशा में कदम आगे बढ़ गया है।
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा अनुसंधान केंद्र
आईआईटी बीएचयू निदेशक प्रो. प्रमोद जैन ने बताया कि यह केंद्र कोयले की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी पर अनुसंधान करने के लिए अत्याधुनिक सुविधा से लैस होगा और कोयले की गुणवत्ता और ग्रेड का निर्धारण भी किया जाएगा। सतत खनन के साथ स्वच्छ कोयले की आवश्यकता और खनन के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने को एक वैश्विक और राष्ट्रीय अनुसंधान के विषय में पहचाना गया है।
ये भी पढ़ें: Etah पोस्टमार्टम हाउस का बुरा हाल, घंटों भटकते रहे मृतक के परिजन
सस्ती और स्वच्छ कोयला की होगी आपूर्ति
आईआईटी बीएचयू और एनसीएल के सामूहिक प्रयास से केंद्र के माध्यम से उपभोक्ताओं को एक सस्ती कारगर और स्वच्छ कोयला की आपूर्ति हो सकेगी। साथ ही पेरिस समझौते के अनुसार कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी। निदेशक ने बताया कि तकनीक ज्ञान के बारे में कोल इंडस्ट्रीज के लिए न केवल मैन पावर प्रशिक्षण और उपभोक्ताओं को सुविधा प्रदान किया जाएगा बल्कि इस दिशा में स्नातकोत्तर स्तर पर शोध प्रबंध बीटेक प्रोजेक्ट सहित अन्य संसाधनों की उपलब्धता पूरी की जाएगी।
कोयला ग्रेडिंग पर काम करने वालो की होगी अहम भूमिका
निदेशक प्रो. जैन ने बताया कि केंद्र की सुविधा का उपयोग बायोमास और जैव ईंधन शोधकर्ताओं के साथ कोयला उत्थान, गुणवत्ता सुधार और कोयला ग्रेडिंग के क्षेत्र में काम करने वाले छात्रों और विद्वानों द्वारा किया जाएगा। इतना ही नहीं यह केंद्र सामान्य विशेष रूप से पूर्वांचल, उत्तरी और मध्य भारत में कोयला उत्पादन, कोयला आधारित उद्योगों की आवश्यकता को भी पूरा करेगा।
ये भी पढ़ें: किसी अभिनेत्री से कम खूबसूरत नहीं हैं डिंपल, जानिए कैसे शुरू किया राजनीतिक सफर
पहले से ही चल रहा संयुक्त पीएचडी प्रोग्राम
एनसीएल से एमओयू के माध्यम से आईआईटी बीएचयू में पहले ही संयुक्त पीएचडी कार्यक्रम चल रहा है। जहां प्रयोगशाला सुविधा, खदान, फील्ड डेटा का उपयोग कोयला खनन प्रौद्योगिकी और पर्यावरण के अनुकूल खनन के साथ अधिक तकनीकी और व्यावहारिक बनाने के लिए कार्य किया जाएगा।
रिपोर्ट: आशुतोष सिंह