×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

दारोगा ने पुलिस चौकी को बनाया था पाठशाला, विदा हुए तो बच्चों के छलक पड़े आंसू

पुलिस का नाम सुनते ही लोगों के जेहन में खाकी वर्दी पहने कड़क मिजाज और रौबीले शख्स की तस्वीर उभरती है। हालांकि, कोतवाली थाने की अंबियां मंडी चौकी इंचार्ज अनिल कुमार मिश्रा ने पुलिस की इस परंपरागत तस्वीर से इतर नन्हें मुन्ने बच्चों के मन में अपनी अलग ही छवि बनाई है।

Monika
Published on: 15 March 2021 11:00 PM IST
दारोगा ने पुलिस चौकी को बनाया था पाठशाला, विदा हुए तो बच्चों के छलक पड़े आंसू
X
बनारस के इस दारोगा ने पुलिस चौकी को बनाया था पाठशाला, विदा हुए तो बच्चों के छलक पड़े आंसू

वाराणसी: पुलिस का नाम सुनते ही लोगों के जेहन में खाकी वर्दी पहने कड़क मिजाज और रौबीले शख्स की तस्वीर उभरती है। हालांकि, कोतवाली थाने की अंबियां मंडी चौकी इंचार्ज अनिल कुमार मिश्रा ने पुलिस की इस परंपरागत तस्वीर से इतर नन्हें मुन्ने बच्चों के मन में अपनी अलग ही छवि बनाई है। दरअसल दरोगा अनिल कुमार मिश्रा अपनी चौकी में रोजाना शाम के समय बच्चों के लिए अनूठी पाठशाला लगाते थे। इस पाठशाला में वह क्षेत्र के बच्चों को न सिर्फ पढ़ाते थे बल्कि उन्हें स्वाधीनता संग्राम में अंग्रेजों से लोहा लेने वाले अमर शहीद क्रांतिकारियों की कहानियां भी सुनाते थे। ऐसे में जब पुलिस चौकी से उनकी विदाई की बेला आई तो वह सबको रुला गए।

दारोगा

कोतवाली थाने से कपसेठी हुआ ट्रांसफर, बच्चे हुए भावुक

दारोगा अनिल कुमार मिश्रा का तबादला कोतवाली से कपसेठी थाने के लिए हुआ था। ऐसे में बच्चों के दारोगा अंकल भी भावुक हुए बिना न रह सके। उनकी आंखों से भी आंसू बह निकले। इस मौके पर सातवीं कक्षा का छात्र पंकज तो दारोगा अंकल को पकड़कर रोते हुए बोला ‘दारोगा अंकल आप न जाएं, हम कभी शरारत नहीं करेंगे’। कक्षा छह की छात्रा ने उन्हें रोकते हुए कहा, सर आप न जाएं, मैं रोज चौकी के पाठशाला आऊंगी और होमवर्क भी पूरा करूंगी।

दारोगा

ये भी पढ़ें : इटावा: सफारी पार्क में खुले में घूमेंगे शेर, पर्यटक बंद गाड़ियों में करेंगे शेरों का दीदार

पाठशाला के जरिए उठाया सुधार का बीड़ा

दरअसल, अंबियां मंडी पुलिस चौकी के आसपास बड़ी संख्या में गरीब और निम्न मध्यमवर्गीय तबके के लोग रहते हैं। इन परिवारों के अधिकतर लोग छोटे-मोटे काम करते हैं। इनके बच्चे स्कूल के बाद खाली समय में इधर-उधर घूमा करते थे, जिससे इनके गलत संगत में पड़ने की आशंका रहती थी। इसके अलावा परिवार में रहने वाली छोटी बच्चियों के साथ अपराध होने का खतरा भी रहता था। ऐसे में चौकी प्रभारी अनिल ने पाठशाला के जरिए यहां के बच्चों को पढ़ाने और उन्हें आत्मरक्षा में निपुण करने का बीड़ा उठाया।

बच्चों को पुलिस अंकल रोजाना शाम के समय अपनी चौकी पर बिस्कुट-टॉफी, मास्क व सैनिटाइजर बांटते थे। बच्चों को भी पुलिस अंकल का बेसब्री से इंतजार रहता था। बच्चे कहते थे कि पुलिस अंकल से हम लोगों को रोज बिस्कुट-टॉफी के साथ-साथ अच्छी बातें भी सीखने को मिलती थी। इसके अलावा कोराना काल में भी दारोगा अनिल कुमार मिश्र ने अपने स्तर पर मुफलिसी की मार झेल रहे लोगों की काफी मदद की थी।

रिपोर्ट- आशुतोष सिंह

ये भी पढ़ें : अम्बेडकरनगर: सेल्फी के चक्कर में गंवाई जान, घाघरा नदी में डूबे छात्र, मचा हडकंप

दोस्तों देश दुनिया की और को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

Next Story