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वाराणसी: बसंत पंचमी पर दारोगा ने किया ऐसा काम, जमकर हो रही वाहवाही

अशिक्षा का अंधेरा भले ही पूरी तरह दूर न हुआ हो लेकिन कोशिशों के दीये से हम अपने आसपास तो रोशनी कर ही सकते हैं। इसी सोच के साथ वाराणसी पुलिस महकमे के एक दारोगा ने समाज के आर्थिक रूप से कमजोर जनों के बच्चों को शैक्षिक सामग्री का वितरण कर उनकी जिंदगी रोशन करने में लगे हैं।

Ashiki
Published on: 16 Feb 2021 12:53 PM GMT
वाराणसी: बसंत पंचमी पर दारोगा ने किया ऐसा काम, जमकर हो रही वाहवाही
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वाराणसी: अशिक्षा की बेड़ियों को तोड़ने के लिए आगे आया यूपी पुलिस का ये अफसर

वाराणसी: अशिक्षा का अंधेरा भले ही पूरी तरह दूर न हुआ हो लेकिन कोशिशों के दीये से हम अपने आसपास तो रोशनी कर ही सकते हैं। इसी सोच के साथ वाराणसी पुलिस महकमे के एक दारोगा ने समाज के आर्थिक रूप से कमजोर जनों के बच्चों को शैक्षिक सामग्री का वितरण कर उनकी जिंदगी रोशन करने में लगे हैं। जिससे समाज के गरीब बच्चे बेहतर शिक्षा ग्रहण कर स्वयं और समाज को सशक्त कर सके।

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फेसबुक पर दिखा पुलिस का मानवीय पक्ष

फेक एनकाउंटर करने वाली पुलिस के नाम से कुख्यात हो चुकी यूपी पुलिस का शिक्षा की देवी के पर्व बसंत पंचमी पर एक बेहद ही मानवीय चेहरा दुनिया के सामने आया है। जब कबीरचौरा चौकी प्रभारी प्रीतम तिवारी ने अपने हाथों से आर्थिक रूप से कमजोर गरीब परिवारों के बच्चों को टीफिन, थर्मस, पेन्सिल बाक्स, रबर, पेन्सिल, स्केल, पाठ्य पुस्तकें सहित अन्य पठन-पाठन सामग्रियों का वितरण कर लोगों का दिल जीत लिया।

चौकी प्रभारी की एक फोटो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही है। इस तस्वीर में चौकी प्रभारी तिवारी बच्चों के बीच पाठ्य सामग्री वितरित करने के साथ ही बच्चों को लाड-प्यार दुलार करते हुए दिखाई दे रहे हैं। दरअसल इस तस्वीर को एक फेसबुक यूजर ने अपनी वॉल पर शेयर किया था, जिसके बाद से लोग चौकी प्रभारी प्रीतम तिवारी की जमकर प्रशंसा कर रहे हैं।

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'शिक्षा को जन-जन तक पंहुचाना ही है वाग्वादिनी की सच्ची साधना'

इस अवसर पर दारोगा प्रीतम तिवारी ने कहा कि देश में हर बच्चे को शिक्षाधिकार है, जो बच्चे गरीब हैं उनकी मदद के लिए हम सभी लोगों को आगे आना होगा। गौरतलब है कि, वसंत पंचमी पर ज्ञान और बुद्धि की देवी मां सरस्वती के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर मां सरस्वती की पूजा की जाती है। वहीं विद्यार्थी इस दिन किताब कॉपी और पाठ्य सामग्री की भी पूजा भी करते हैं। इसी दिन शिशुओं को पहला अक्षर लिखना सिखाया जाता है। इस दिन को विद्या आरंभ करने के लिए शुभ माना जाता है।

रिपोर्ट: आशुतोष सिंह

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