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पूर्वोत्तर रेलवे ने डिजिटिलाइजेशन के क्षेत्र में लगाई नई छलांग, जाने पूरा मामला

रेलवे में विभिन्न प्रकार के ड्राइंग बनाये जाते हैं, जिनमें इंजीनियरिंग स्केल प्लान (यार्ड प्लान), सीमित ऊँचाई के सब-वे, स्टेशन भवन तथा पुल आदि के ड्राइंग सम्मिलित हैं। पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के जन सम्पर्क अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि इन ड्राइंगों को बनाते समय छोटी-छोटी बातों का भी उल्लेख करना पड़ता है, जिससे कि कार्य सम्पादन में कोई दुविधा की स्थिति न हो।

Rahul Joy
Published on: 20 Jun 2020 5:38 PM IST
पूर्वोत्तर रेलवे ने डिजिटिलाइजेशन के क्षेत्र में लगाई नई छलांग, जाने पूरा मामला
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बलिया । पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल पर ई-आफिस प्रणाली लागू करने के उपरांत डिजिटिलाइजेशन के क्षेत्र में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए अब ड्राइंग के अनुमोदन की उन्नत प्रणाली ई-डास (e-DAS) ड्राइंग एप्रूवल सिस्टम को लागू किया जा रहा है।

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मंडल एवं मुख्यालय के अधिकारी भी सम्मिलित

ज्ञातव्य है कि रेलवे में विभिन्न प्रकार के ड्राइंग बनाये जाते हैं, जिनमें इंजीनियरिंग स्केल प्लान (यार्ड प्लान), सीमित ऊँचाई के सब-वे, स्टेशन भवन तथा पुल आदि के ड्राइंग सम्मिलित हैं। पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के जन सम्पर्क अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि इन ड्राइंगों को बनाते समय छोटी-छोटी बातों का भी उल्लेख करना पड़ता है, जिससे कि कार्य सम्पादन में कोई दुविधा की स्थिति न हो।

इसके साथ ही सम्बन्धित विभिन्न विभागों की मांगों को भी समाहित किया जाता है। ड्राइंग बनने के उपरान्त सभी सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों से इस पर हस्ताक्षर प्राप्त करना होता है, जिसमें मंडल एवं मुख्यालय के अधिकारी भी सम्मिलित हैं।

पहले किसी भी ड्राइंग पर अनुमोदन प्राप्त करने के लिए विभिन्न स्थानों पर जाना तथा उन विभागों के संशोधन को समाहित करना एक लम्बी प्रक्रिया थी। इस प्रक्रिया में बहुत ज्यादा समय लगता था तथा कोविड-19 की स्थिति में यह एक दुरूह कार्य था।

कार्यकुशलता में उल्लेखनीय वृद्धि होती है

इस समस्या से निजात पाने के लिए वाराणसी मंडल पर ड्राइंग अनुमोदन की उन्नत प्रणाली ई-डास को अपनाया जा रहा है, जिसमें ड्राइंग को इलेक्ट्रानिकली सम्बन्धित विभागों को भेजा जाता है। सम्बन्धित अधिकारी इस पर डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से हस्ताक्षर करते हैं। इस उन्नत प्रणाली की अनेक खूबियाँ हैं। जहाँ एक ओर मैनुअल सिस्टम की अपेक्षा इसमें बहुत कम समय लगता है, वहीं दूसरी ओर कार्यकुशलता में उल्लेखनीय वृद्धि भी होती है।

पारदर्शिता की दृष्टि से भी यह प्रणाली बहुत ही कारगर है। उल्लेखनीय है कि कोविड-19 के परिप्रेक्ष्य में भी ई-डास सिस्टम बहुत ही उपयोगी है। मैनुअल सिस्टम में ड्राइंग को विभिन्न विभागों में भेजने से संक्रमण की बहुत ज्यादा सम्भावना उत्पन्न होती, परन्तु ई-डास सिस्टम में ऐसी कोई भी आशंका नही है ।

रिपोर्टर -अनूप कुमार हेमकर, बलिया

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