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Varanasi News: कचहरी के शिफ्टिंग को लेकर आक्रोशित हुए अधिवक्ता, डीएम पोर्टिको में धरना प्रदर्शन

Varanasi News: वाराणसी कचहरी परिसर को गाजीपुर रोड, पिंडरा के पास शिफ्ट करने को लेकर अधिवक्ताओं में काफी आक्रोश है। गुरुवार को जिलाधिकारी कार्यालय के पोर्टिको में सेंट्रल बार काउंसिल के महामंत्री शशिकांत दुबे के नेतृत्व में सैकड़ों अधिवक्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया।

Purushottam Singh Varanasi
Published on: 8 Jun 2023 11:22 AM GMT
Varanasi News: कचहरी के शिफ्टिंग को लेकर आक्रोशित हुए अधिवक्ता, डीएम पोर्टिको में धरना प्रदर्शन
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कचहरी के शिफ्टिंग को लेकर आक्रोशित हुए अधिवक्ता: Photo- Newstrack

Varanasi News: वाराणसी कचहरी परिसर को गाजीपुर रोड, पिंडरा के पास शिफ्ट करने को लेकर अधिवक्ताओं में काफी आक्रोश है। गुरुवार को जिलाधिकारी कार्यालय के पोर्टिको में सेंट्रल बार काउंसिल के महामंत्री शशिकांत दुबे के नेतृत्व में सैकड़ों अधिवक्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीण क्षेत्र में कचहरी को शिफ्ट करने को लेकर 'द बनारस बार' और 'सेंट्रल बार' के अधिवक्ताओं का शुरू से ही विरोध रहा है। डीएम पोर्टिको में सैकड़ों की संख्या में अधिवक्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया।

महामंत्री शशिकांत दुबे ने कहा कि ग्रामीण न्यायालय नहीं बन रहा बल्कि अधिवक्ताओं के लिए और वादकारियों के लिए खून खराबा का माध्यम बन रहा है। कल की घटना आप सभी ने देखी कि किस तरह से न्यायालय में घुसकर गोली मार दी गई। हम सीएम योगी और पीएम मोदी से यह पूछना चाहते हैं कि क्या एसी ऑफिस में बैठे अधिकारी वार्ता करके निर्णय ले ले रहे हैं, हम लोगों से नहीं पूछा गया। लखनऊ में जब कोर्ट के अंदर पुलिस अभिरक्षा में गोली मार दी जा रही है तो शहर से 50 किमी की दूरी पर क्या होगा? वहां जाने और आने में क्या स्थिति होगी। वहां गुंडागर्दी बढ़ेगी, जो मजबूत पक्ष रहेगा वह बाहर निकलते ही मार देगा। अधिकारियों से जबरदस्ती न्याय ले लेगा, जब यहां पर नहीं मिल रहा तो वहां पर क्या न्याय मिलेगा।

कोर्ट से गायब हो रहीं फाइलें

वहीं अधिवक्ता नित्यानंद राय ने पिंडरा में कचहरी शिफ्ट किए जाने को लेकर कहा कि वाराणसी कचहरी को ग्रामीण क्षेत्र में शिफ्ट करने को लेकर बनारस बार और सेंट्रल बार के अधिवक्ताओं में जबरदस्त विरोध है। हमलोग नहीं चाहते कि यहां से कचहरी शिफ्ट हो। ग्रामीण न्यायालय कहीं से सही नहीं है। इस कांसेप्ट को तुरंत बंद कर देना चाहिए। ऑनरेबल सुप्रीम कोर्ट, ऑनरेबल हाई कोर्ट, देश के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री व्यवहारिक पक्ष भी समझना चाहिए। यहां पर 72 कोर्ट फंक्शनल होनी चाहिए लेकिन अभी सिर्फ 35 कोर्ट फंक्शनल है। यहां पर 25-25 हजार में कर्मचारी काम कर रहे हैं। कोर्ट से फाइलें गायब हो जा रही है। फाइलों का रख रखाव ठीक नहीं है। उदाहरण स्वरुप मुख्तार अंसारी केस में केस डायरी ही गायब हो गई थी। हर कोर्ट में एक एक रेगुलर कर्मचारी हैं और बाकी आउट साइडर कर्मचारी हैं।यहां पर कर्मचारी नहीं है कोर्ट नहीं है तो आप लोगों को कैसे न्याय देंगे।

ग्रामीण क्षेत्र में कचहरी जाने से परेशान होंगे वादकारी

ग्रामीण क्षेत्र में कचहरी स्थानांतरित करने से सबसे ज्यादा दिक्कत दूरदराज से आने वाले वादकारियों को होगी। वर्तमान कचहरी में आने के लिए ट्रांसपोर्टेशन की अच्छी व्यवस्था है लेकिन वहीं अगर ग्रामीण क्षेत्र में कचहरी स्थानांतरित हो जाती है तो दूरी बढ़ जाएगी। जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर नए कचहरी बनाए जाने की कवायद की जा रही है।

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