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Gyanvapi ASI Survey: ज्ञानवापी पर बड़ी खबर, वायरल हो रही सर्वे की फोटो और वीडियो फेंक, अफवाहों पर ना दें ध्यान

Gyanvapi ASI Survey Latet News: वकील अखलाक अहमद ने कहा, मेरी जानकारी में अभी तक उन्होंने जो किया है जो मैंने देखा है जिस दिन मैं प्रेजेंट था। एएसआई टीम अंदर की जगह की पैमाइश करा रही है, उसके बाद 3D कैमरे से उसकी फोटोग्राफी करा रहे हैं ।

Purushottam Singh Varanasi
Published on: 8 Aug 2023 11:53 AM IST
Gyanvapi ASI Survey: ज्ञानवापी पर बड़ी खबर, वायरल हो रही सर्वे की फोटो और वीडियो फेंक, अफवाहों पर ना दें ध्यान
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Gyanvapi ASI Survey (photo: social media )

Gyanvapi ASI Survey News: मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के वकील अखलाक अहमद ने कहा की जब हम लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट देख लिया तो हम लोग एएसआई के काम में उनका सपोर्ट कर रहे हैं और एएसआई टीम अपना काम कर रही है, हम लोग लगातार सर्वे देखते रहते हैं जहां एएसआई टीम को हमारी जरूरत होती है, किसी सामान को हटाने में या कोई जगह खोलने की तो हम लोग वह कर देते हैं, एएसआई टीम के काम करने का तरीके अलग है, उसमें किसी का इंटरफेयर नहीं है ना ही वह कुछ बोलते हैं ना ही वह किसी से बात करते हैं, ना किसी से कुछ पूछते हैं जो जगह उनको चाहिए उसमें एएसआई अपने लोगों को लगाकर नाप जोख करवा रहे हैं।

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वकील अखलाक अहमद ने कहा, मेरी जानकारी में अभी तक उन्होंने जो किया है जो मैंने देखा है जिस दिन मैं प्रेजेंट था। एएसआई टीम अंदर की जगह की पैमाइश करा रही है, उसके बाद 3D कैमरे से उसकी फोटोग्राफी करा रहे हैं अब उसके बाद आगे जो अपना प्रोसेस करेंगे सिस्टम से जो भी रिपोर्ट तैयार करेंगे वह रिपोर्ट बाहर नहीं आ रही है बाहर इसलिए नहीं आ रही है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर है उनको सारी रिपोर्ट तैयार करके सील कवर में रखकर के वाराणसी जिला जज के यहां जमा करना है।

उन्होंने आगे कहा कि जितनी भी फोटोग्राफी हमने दो-तीन दिन में देखा है कुछ चैनलों पर दिखलाया गया है या व्हाट्सएप पर जो वायरल हो रहा है वह सभी फोटोस और वीडियोस पिछले साल हुए कमीशन की कार्रवाई का है इस बार एक भी फोटो वीडियो बाहर नहीं आ सकता है और ना ही किसी को मिला है। पिछले साल की जो भी चीजें हैं वह अभी अनडिस्पोज ऑफ है, उसका हम लोग ने ऑब्जेक्शन दाखिल किया है, अपने हिसाब से जो हम लोग ने लिखा है या उधर यानी हिंदू पक्ष के अधिवक्ता और वादी के बताने पर उसका हम लोग ने एतराज किया है और जब तक कोर्ट में उसके बारे में बहस ना हो जाए और उस पर कोर्ट कोई फैसला ना सुना दे तब तक रिपोर्ट किसी के पास नहीं जाएगा।

एएसआई सर्वे से साफ हो जाएगा कि त्रिशूल बना है या कुछ और

वकील ने कहा की त्रिशुल-स्वास्तिक निशान का जो सवाल है अगर कहीं पर है भी तो एएसआई सर्वे से साफ हो जाएगा कि त्रिशूल बना है या कुछ और है एएसआई के सर्वे से यह भी पता चल जाएगा कि कब बनाया गया है कितना पुराना है पहले का बना बनाया पत्थर लगा है या किसी ने उस पर कुछ डिजाइन बना दिया। इस बार हिंदू या मुस्लिम किसी भी पक्ष को ध्यान नहीं देना चाहिए क्योंकि एएसआई सर्वे टीम जो सेंट्रल लेवल की संस्था है वह काम कर रही है और काम करने के बाद अंतिम रिपोर्ट देगी। उस रिपोर्ट से साफ साफ हो जाएगा इसलिए अनावश्यक बयान देना अच्छी बात नहीं है इससे जनता भी भ्रमित होती है और माहौल भी अशांत रहता है।

मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के वकील अखलाक अहमद ने कहा की कहने को आप त्रिशूल कहते रहिए हम कहते हैं कि अल्लाह लिखा हुआ है या कोई दूसरा कह दे कि उसके हिसाब से कुछ और लिखा है कारण लिखने का तरीका है अरबी में इस तरीके से अल्लाह लिखा जाता है यह लीगल मैटर है और यह सब कोर्ट का मैटर है कोर्ट डिसाइड करेगी पहले एएसआई रिपोर्ट देगी फिर कोर्ट देखेगा की एएसआई ने क्या रिपोर्ट दिया उसके अंदर क्या है क्या चीज बना हुआ है किस साल का बना हुआ है कि कितना पुराना है या अभी किसी ने उस पर कुछ बना दिया है सब कुछ रिपोर्ट पर डिपेंड करता है रिपोर्ट आने के बाद ही इस पर कुछ कहा जा सकता है जो लीगल मैटर है उसको हम लोग अदालत में भी देखते हैं।

अखलाक अहमद ने कहा की हम लोग लीगल मैटर देखते हैं हम लोग कोई पॉलिटिकल लोग नहीं है कि सड़क पर खड़े होकर बात करेंगे और हाइलाइट करेंगे ना ही हम लोगों की ऐसी मंशा है और ना ही हम लोग ऐसा बयान देते हैं जो चीज है वह लीगल है और अंडर जुडिसरी काम हो रहे हैं जब रिपोर्ट दाखिल होगी बहस होगी जो फैसला होगा उसको देखा जाएगा।



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Purushottam Singh Varanasi

Purushottam Singh Varanasi

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