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Gyanvapi ASI Survey Live: ज्ञानवापी केस में सुप्रीम कोर्ट का आदेश- जारी रहेगा ASI सर्वे, मुस्लिम पक्ष को झटका

Gyanvapi ASI Survey Live Update:सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी के ASI सर्वे की अनुमति दे दी है। मुस्लिम पक्ष की तरफ से वरिष्ठ वकील हुज़ेफ़ा अहमदी का कहना है कि सर्वेक्षण की पूरी कार्यवाही सील बंद रखी जानी चाहिए। यदि कुछ भी जारी किया जाता है तो उसमें समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

Jugul Kishor
Published on: 4 Aug 2023 7:37 AM IST (Updated on: 4 Aug 2023 4:08 PM IST)
Gyanvapi ASI Survey Live: ज्ञानवापी केस में सुप्रीम कोर्ट का आदेश- जारी रहेगा ASI सर्वे, मुस्लिम पक्ष को झटका
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Gyanvapi ASI Survey Live Update (Social Media)

Gyanvapi ASI Survey Live Update: वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) के ASI सर्वे के खिलाफ याचिका पर शुक्रवार (04 अगस्त) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने मुस्लिम पक्ष की दलीलें सुनी। उनसे पूछा कि ASI के सर्वे से दिक्कत है? मुस्लिम पक्ष की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ज्ञानवापी में ASI सर्वे जारी रहेगा। अदालत ने मुस्लिम पक्ष की एएसआई सर्वेक्षण पर रोक वाली याचिका ख़ारिज कर दी।

दूसरी तरफ, ज्ञानवापी परिसर में आज शुक्रवार (4 अगस्त) को एक बार फिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) सर्वे शुरू हो गया है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद सर्वे शुरू हुआ है। जिसे लेकर वाराणसी में अलर्ट जारी कर दिया गया है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। एएसआई की टीम सुबह सात बजे सर्वे करने पहुंची है। बता दें कि गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका को खारिज कर दिया था। साथ ही ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे जारी रखने का आदेश दे दिया। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सर्वे के दौरान किसी तरह की खुदाई नहीं की जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud), जस्टिस जेबी पारदीवाला (Justice JB Pardiwala) और जस्टिस मनोज मिश्रा (Justice Manoj Mishra) की बेंच इस मामले में सुनवाई कर रही है।

SC ने पूछा- ASI सर्वे में दिक्कत क्या है?

ज्ञानवापी मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने पूछा कि, 'आखिर हम इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश में दखल क्यों दें? एएसआई के भरोसे के बाद अदालत ने सर्वे का आदेश दिया था'। इस पर मुस्लिम पक्ष के वकील ने अपनी दलील में कहा, 'हमने लिखित दलील में अतिरिक्त जानकारी दी थी, मगर हाईकोर्ट ने हमें नहीं सुना'। इस पर CJI ने कहा, 'हम प्रक्रिया के इस चरण में क्यों दखल दें? आप सारी दलीलें तो सुनवाई के दौरान दे चुके हैं। उन्होंने कहा, अयोध्या मामले में भी तो ASI ने सर्वे किया था। क्या दिक्कत है? सर्वे का तथ्यात्मक सबूत तो अदालत तय करेगी कि फाइनल सुनवाई के दौरान कौन सा तथ्य, सबूत और रिपोर्ट का कौन सा हिस्सा सुनवाई का हिस्सा बनाया जाए और कौन सा नहीं।'

'एक ही आधार पर हर बार रोक का आग्रह नहीं कर सकते'

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, 'आप (मुस्लिम पक्ष एक ही आधार पर हर बार हरेक कार्रवाई पर रोक का आग्रह नहीं कर सकते। सीजेआई ने कहा, वो मुख्य सूट, जिसमें सूट की वैधानिकता पर सवाल उठाए गए हैं, उस याचिका पर नोटिस जारी करते हैं। सीजेआई ने ये भी कहा कि, हम सभी पहलुओं पर सुनवाई करेंगे। लेकिन, हम सर्वे के आदेश पर दखल क्यों दें?

सुप्रीम कोर्ट से भी मुस्लिम पक्ष को झटका

आख़िरकार, सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी के ASI सर्वे की परमिशन दे दी। वरिष्ठ वकील हुज़ेफ़ा अहमदी का कहना है कि सर्वेक्षण की पूरी कार्यवाही सीलबंद रखी जानी चाहिए। यदि कुछ भी जारी किया जाता है तो उसमें समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
हिंदू पक्ष बोली- सर्वे किसी के अधिकार का हनन नहीं करेगा

वहीं, हिन्दू पक्ष की वकील माधवी दीवान (Madhavi Dewan) ने कहा कि, 'सर्वे किसी के अधिकार का हनन नहीं करेगा। सुनवाई के समय इस बात का प्रस्ताव दिया गया कि अगर कोर्ट चाहे तो पूरी प्रक्रिया की लाइव स्ट्रीमिंग कोर्ट के लिए की जा सकती है। वैज्ञानिक परीक्षण के ज़रिए एक तार्किक नतीजे पर पहुंचा जा सकता है। वहीं, इस मामले में हिंदू याचिकाकर्ताओं की वकील की तरफ से शीर्ष अदालत में ये दावा किया गया कि सिविल जज सीनियर डिवीजन, वाराणसी ने मुकदमे में मेटेनेबिलिटी स्वीकार कर ली थी। सीजेआई ने कहा कि, सूट की वैधानिकता को लेकर दाखिल मस्जिद कमेटी की याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की कॉपी दूसरे पक्ष को देने को कहा।

श्रृंगार गौरी की पूजा की मांग वाली याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई

मुस्लिम पक्ष के वकील अहमदी ने कहा कि, 'हमने निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक की मांग की है। श्रृंगार गौरी (Shringar Gauri) की पूजा की मांग वाली याचिका सुनवाई योग्य माने जाने के मामले पर शीर्ष अदालत अगले हफ्ते सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस ने कहा कि, प्लेसेज़ ऑफ़ वर्शिप एक्ट (places of worship act) पर अभी सुनवाई नहीं करेंगे।
सीजेआई ने कहा- कोर्ट दे सकती है वैज्ञानिक सर्वे के निर्देश

सीजेआई चंद्रचूड ने कहा कि, 'हाईकोर्ट के समक्ष सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महानिदेशक ASI को सहायता के लिए बुलाया गया था। एडीजी एएसआई ने प्रस्तावित सर्वेक्षण की प्रकृति बताते हुए एक हलफनामा दायर किया है। एएसआई द्वारा दायर हलफनामे (Affidavits) के पैरा 13- 20 को सुविधा के लिए निकाला गया है। हलफनामे के अलावा गवाह आलोक त्रिपाठी (एडीजी एएसआई) व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश हुए। ADG द्वारा दी गई दलील हाईकोर्ट के फैसले में दर्ज की गई हैं। वहीं, जिला न्यायाधीश का आदेश सीपीसी के आदेश 26 के दायरे में आता है। लिहाजा अदालत वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए निर्देश दे सकती है।

ढाई बजे फिर से शुरू होगा एएसआई सर्वे

ज्ञानवापी परिसर का चल रहा सर्वे का काम ढाई घंटे के लिए रोक दिया गया है। 2:30 बजे से पुनः सर्वे शुरू होगा। सर्वे में मौजूद हिंदू पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी के मुताबिक अभी तक नीचे से सर्वे कराया जा रहा है काफी साक्ष्य मिले हैं। अभी जो सर्वे चल रहा है नीचे ग्राउंड फ्लोर पर चल रहा है, एएसआई अपनी तकनीकी की मशीनें लगाकर सर्वे कर रही है सारे साक्ष्य सामने आ जाएंगे।

एएसआई सर्वे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे की इजाजत देने के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें सर्वे पर रोक लगाने की मांग की गई है। जिस पर आज शुक्रवार को सुनवाई है। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। वहीं, हिंदू पक्ष ने याचिका दाखिल की। हिंदू पक्ष ने कहा है कि उनका पक्ष सुने बगैर आदेश न देने का अनुरोध किया है।

वाराणसी में ज्ञानवापी सर्वे को लेकर हाई अलर्ट

ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे को लेकर प्रशासन अलर्ट है। काशी विश्वनाथ धाम, ज्ञानवापी व आसपास के इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। अर्द्धसैनिक बलों ने सुबह छह बजे ही इलाके में गश्त किया। पुलिस अधिकारी भी ज्ञानवापी पहुंच गए हैं। शहर में पुलिस एक्टिव मोड में है। संवेदनशील इलाकों में खास निगरानी बरती जा रही है। वहीं, सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी नजर रखी जा रही है।किसी तरह का आपत्तिजनक अथवा भड़काऊ पोस्ट कर माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। ज्ञानवापी सर्वे को लेकर प्रशासन हाईअलर्ट पर है। काशी विश्वनाथ कारिडोर के बाहर भारी संख्या में फोर्स को तैनात किया गया है।

सुरक्षाबलों ने गोदौलिया व आसपास के इलाके में भ्रमण किया। संयुक्त पुलिस आयुक्त डा. के एजिलरसन, डीसीपी आरएस गौतम ने जवानों के साथ गोदौलिया से मैदागिन तक फ्लैग मार्च किया। वहीं, एसीपी कैंट अतुल अंजान त्रिपाठी के नेतृत्व में पुलिस बल ने कैंट और शिवपुर इलाके में रूट मार्च कर सुरक्षा का एहसास कराया। पुलिस ने गुरुवार को गोदौलिया व चौक क्षेत्र में गश्त किया था। सर्वे को लेकर शुक्रवार को विशेष सतर्कता बरती जा रही है। सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद और पुख्ता कर दी गई है। ताकि किसी प्रकार के विवाद की स्थिति न पैदा होने पाए।

31 सदस्यीय टीम कर रही है सर्वे

ज्ञानवापी परिसर के अंदर एएसआई की टीम सुबह 7:00 बजे ही दाखिल हुई। ज्ञानवापी परिसर में दाखिल होते ही एएसआई की टीम के द्वारा पिछली बार जहां से सर्वे खत्म किया गया था वहीं से दोबारा आज सर्वे शुरू किया गया है पश्चिमी दीवार, गुंबद दीवार पर मिली कलाकृतियों और तहखाने में भी एएसआई की टीम सर्वे करेगी। आर्केलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के 31 सदस्य सर्वे की टीम में शामिल है। एडवांस सिस्टम से लैस एएसआई की टीम कर रही है सर्वे।

आज 12 बजे तक चलेगा सर्वे

जानकारी मिल रही है कि एएसआई की टीम आज शुक्रवार को 12 बजे तक सर्वे करेगी। आज जुमे का दिन होने के कारण सर्वे जल्दी खत्म किया जाएगा। दरअसल, जुमे की नमाज अदा करने के लिए लोग साढ़े 12 बजे से ही मस्जिद में पहुंचने लगते है। नमाजियों को कोई असुविधा न हो इसलिए आज सर्वे दोपहर बारह बजे तक ही चलेगा। क्योंकि, हाइकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सर्वे से मस्जिद में होने वाली इबादत में किसी तरह की बाधा नहीं आनी चाहिए।

सर्वे का मुस्लिम पक्ष कर रहा विरोध

वहीं, ज्ञानवापी परिसर में शुरू हो रहे एएसआई सर्वे का मुस्लिम पक्ष विरोध कर रहा है। मस्जिद कमेटी को कोई भी पदाधिकारी या उनके वकील सर्वे में शामिल नहीं हो रहे हैं। सर्वे के वक्त मस्जिद में केवल इमाम और कर्मचारी ही मौजूद हैं। सर्वे की टीम में हिंदू और मुस्लिम पक्ष को मिलाकर कुल 16 लोग शामिल हैं। मुस्लिम पक्ष के बहिष्कार के बाद कुल 9 लोग सर्वे टीम के साथ ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान मौजूद हैं। बता दें कि बीते 24 जुलाई को वाराणसी जिला जज के आदेश पर पहली बार एएसआई की टीम ज्ञानवापी परिसर के अंदर सर्वे के लिए दाखिल हुई थी। पिछली बार सिर्फ दक्षिणी दीवार और दीवार पर बने कलाकृतियों को ही सर्वे के दौरान एएसआई की टीम ने जांच किया था। आज तहखाना समेत सील्ड एरिया को छोड़कर सभी जगहों का एएसआई की टीम परीक्षण करेगी।

एएसआई जीपीएस तकनीक का कर रही है प्रयोग

आर्कलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के द्वारा ग्राउंड पेनिट्रेटिंग सिस्टम जैसे एडवांस तकनीक का सहारा लिया गया है। इसके सहारे किसी भी प्राचीन इमारत या बिल्डिंग की वास्तविक आयु पता लगाया जा सकता है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की स्थापना 1861 में हुई थी। राष्ट्रीय स्तर की प्राचीन स्मारकों और अवशेषों के रखरखाव के लिए पूरे देश में एएसआई 24 मंडलों में विभाजित किया गया है।



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