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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने संबंधी याचिका पर आज भी नहीं आया फैसला, अगली सुनवाई 17 नवंबर को
Gyanvapi Case: वाराणसी की अदालत में इस विवाद से जुड़े दो अहम मामलों की आज सुनवाई होनी है। पहला मामला ज्ञानवापी के संपूर्ण परिसर के वैज्ञानिक सर्वे का है।
Gyanvapi Case: वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने संबंधी याचिका पर आज भी फैसला नहीं आया। अब इसकी अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी। बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद पर दावे को लेकर इन दिनों मुस्लिम पक्ष और हिंदू पक्ष के बीच अदालत में लड़ाई चल रही है। लोअर कोर्ट से होकर मामला देश की सर्वोच्च अदालत तक जा चुका है। इस बीच वाराणसी की अदालत में इस विवाद से जुड़े दो अहम मामलों की आज सुनवाई होनी है। पहला मामला ज्ञानवापी के संपूर्ण परिसर के वैज्ञानिक सर्वे का है। इसमें मुस्लिम पक्ष अपनी आपत्तियां दाखिल करेगा। वही, दूसरा मामला सात मुकदमों को समेकित(क्लब) करने का है।
मुस्लिम पक्ष (अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी) की ओर से 19 मई को ही अदालत में परिसर के वैज्ञानिक सर्वे की मांग के खिलाफ अपनी आपत्तियां दाखिल करनी थी। लेकिन उस दिन सुप्रीम कोर्ट में कथित शिवलिंग के कार्बन डेटिंग कराने के मामले पर चल रही सुनवाई के कारण मसाजिद कमेटी कमेटी ऐसा नहीं कर पाई थी। शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए शिवलिंग के कार्बन डेटिंग कराने पर रोक लगा दी थी।
संपूर्ण परिसर के सर्वे की हुई थी मांग
दरअसल, 16 मई को हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन की तरफ से वाराणसी कोर्ट में चार वादिनी महिलाओं (रेखा, सीता,मंजू,लक्ष्मी) महंत शिव प्रसाद पांडेय और राम प्रसाद सिंह ने यह केस दाखिल किया था। याचिका में संपूर्ण परिसर का वैज्ञानिक सर्वे भारतीय पुरात्तव विभाग (एएसआई) द्वारा कराने की मांग की गई थी। वकील विष्णु जैन का कहना था कि केवल शिवलिंग ही नहीं बल्कि पूरे मस्जिद परिसर की वैज्ञानिक जांच होनी चाहिए, तो एक-एक सच्चाई बाहर निकलकर आएगी।
सात मुकदमों को क्लब करने पर सुनवाई
वाराणसी कोर्ट में ज्ञानवापी से जुड़ा जो दूसरा मुकदमा है, जिस पर आज सुनवाई होगी, वो है एक समान नेचर वाली सात मुकदमों को क्लब करने की। यह मामला जिला जज अजय कुमार विश्वेश की अदालत में सुना जाएगा। जिन सात मामलों की सुनवाई आज कोर्ट में होनी है, उसमें शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की याचिका भी शामिल है। जिसमें उन्होंने वुजूखाने में मिले कथित शिवलिंग को आदि विश्वेश्वर का सबसे पुराना शिवलिंग बताया था।
बता दें कि ज्ञानवापी से जुड़े श्रृंगार गौरी वाद की महिला वादिनीयों ने बीते साल दिसंबर में जिला जज की कोर्ट में एप्लिकेशन देकर 7 मामलों की सुनवाई एक साथ एक ही कोर्ट में करने की मांग की थी। इसमें 6 केस सिविल कोर्ट में और एक केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा था। इसी पर जिला जज की अदालत ने 17 अप्रैल को आदेश सुनाते हुए सभी सातों मामले को जिला जज के सामने रखने को कहा था।