कल ऐतिहासिक होगा प्रधानमंत्री का दौरा, संस्कृत विवि में विदेशी छात्रों से करेंगे संवाद, 500 साल प्राचीन पांडुलिपियों का

Varanasi News: धर्म, आध्यात्म और दर्शनशास्त्र के केंद्र संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में पीएम मोदी का कल आगमन होगा। दो दिवसीय दौरे पर 7 तारीख को पीएम मोदी का काशी आगमन हो रहा है। जहां वो सरस्वती भवन पुस्तकालय में रखे 1 लाख 11 हजार 132 दुर्लभ पांडुलिपियों को देखेंगे।

Purushottam Singh Varanasi
Published on: 6 July 2023 8:06 AM GMT
कल ऐतिहासिक होगा प्रधानमंत्री का दौरा, संस्कृत विवि में विदेशी छात्रों से करेंगे संवाद, 500 साल प्राचीन पांडुलिपियों का
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Varanasi News: धर्म, आध्यात्म और दर्शनशास्त्र के केंद्र संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में पीएम मोदी का कल आगमन होगा। दो दिवसीय दौरे पर 7 तारीख को पीएम मोदी का काशी आगमन हो रहा है। जहां वो सरस्वती भवन पुस्तकालय में रखे 1 लाख 11 हजार 132 दुर्लभ पांडुलिपियों को देखेंगे।

पीएम मोदी के स्वागत को संपूर्णानंद विवि तैयार

पीएम यहां वेद और दर्शन का अध्ययन कर रहे विदेशी छात्रों से भी मिलेंगे। पीएम मोदी के संपूर्णानंद में आगमन को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन और जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आनन्द कुमार त्यागी ने प्रधानमंत्री के प्रस्तावित दौरे को लेकर संबंधित अधिकारियों और प्रभारियों को उचित दिशा निर्देश दिया। कुलपति प्रो. त्यागी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ऐतिहासिक सरस्वती भवन पुस्तकालय में संरक्षित दुर्लभ पाण्डुलिपियों को देखने तथा यहां पर अध्ययनरत विभिन्न देशों के विदेशी छात्रों से भी मिलने की उम्मीद है। बता दें कि विदेशी छात्रावास में विदेशों के 4 दर्जन के लगभग विद्यार्थी रहकर पढ़ते हैं। जो कि म्यांमार, नेपाल के भी हैं। जो पाली, प्राकृत, बौद्ध आदि विषयों का शास्त्री, आचार्य एवं शोध तक अध्ययन कर रहे हैं।

1907 में सरस्वती पुस्तकालय की हुई थी स्थापना

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में स्थित सरस्वती पुस्तकालय की स्थापना सन 1907 में की गई थी। पुस्तकालय की स्थापना के पीछे दुर्लभ पांडुलिपियों को संरक्षित करना खास उद्देश्य था। इस पुस्तकालय में अति दुर्लभ 1 लाख 11 हजार 132 पांडुलिपियां सहेजकर रखी गई हैं। श्रीमद्भागवत गीता पांडुलिपी भी इस पुस्तकालय में है। दुर्गा सप्तशती समेत कई दुर्लभ ग्रंथों की पांडुलिपि इस पुस्तकालय में थाती के रुप में सहेजकर रखा गया है। देश विदेश से छात्र, अध्यापक और शोध करने वाले शोधार्थी इस पुस्तकालय से पांडुलिपियों से ज्ञान प्राप्त करते हैं। सरस्वती पुस्तकालय में कई पांडुलिपियां तो 400 से लेकर 500 सालों पुरानी हैं। काशी के धरोहर को बचाने के उद्देश्य से काशी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन पांडुलिपियों को सहेजने का काम कर रहे हैं।

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