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Transgender Cell: काशी विद्यापीठ में खुलेगा देश का पहला ट्रांसजेंडर सेल, ट्रांसजेंडर विद्यार्थियों के लिए करेगा कार्य

Transgender Cell: काशी विद्यापीठ में देश का पहला ट्रांसजेंडर सेल खुलेगा। यह सेल ट्रांसजेंडर छात्रों के अधिकार और उनके सामान्य न्याय के लिए कार्य करेगा। ये सेल काशी विद्यापीठ में इसी सत्र से शुरू होगा।

Vertika Sonakia
Published on: 12 May 2023 6:23 PM IST
Transgender Cell: काशी विद्यापीठ में खुलेगा देश का पहला ट्रांसजेंडर सेल, ट्रांसजेंडर विद्यार्थियों के लिए करेगा कार्य
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प्रतीकात्मक फोटो: काशी विद्यापीठ में ट्रांसजेंडर सेल

Transgender Cell: ट्रांसजेंडर एक सामान्य शब्द है जो उन लोगों का वर्णन करता है जिनकी लिंग पहचान, या पुरुष, महिला या कुछ और होने की उनकी भावना जन्म के समय निर्धारित किए गए लिंग से मेल नहीं खाती है। थर्ड जेंडर में लोग या तो पुरुष या महिला नहीं होते हैं। यह वे लोग होते है छोड़ समाज में अपनी जाति और लिंग को लेकर संदेह रखते हैं और किसी भी जातीय लिंग से नहीं जुड़ती है। ये लोग अपनी जाति को समझाते हुए अपने समुदाय बनाते हैं जो दूसरों से अलग होता है। थर्ड जेंडर के लोगों को सदैव अपनी पहचान और स् थिति के लिए समाज में संघर्ष करना पड़ता है।

काशी विद्यापीठ में खुलेगा पहला ट्रांसजेंडर सेल

वाराणसी के काशी विद्यापीठ में ट्रांसजेंडर की समस्याओं को सुलझाने के लिए एक ट्रांसजेंडर सेल खोला जाएगा। इससे ट्रांसजेंडर लोगों के जीवन में आने वाली समस्याओं से निजात मिलेगा। यह पहल केवल काशी विद्यापीठ नहीं बल्कि वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, भदोही और सोनभद्र जिले में काशी विद्यापीठ से संबंधित सभी 350 महाविद्यालयों में ये ट्रांसजेंडर सेल की शाखाएँ खोली जाएंगी। ट्रांसजेंडर छात्रों के विकास और करियर के लिये योजना तैयार करेगा सेल।

सामाजिक न्याय के लिए ट्रांसजेंडर न्याय आवश्यक

समाज कार्य विभाग के प्रोफेसर ने कहा “ट्रांसजेंडरसमुदाय के लोगों को अपनी पहचान छुपाकर रखनी पड़ती है। उन्हें शोषण का सदैव डर लगा रहता है। समाज में केवल दलित न्याय की बात होती है और ट्रांसजेंडर न्याय सामाजिक चर्चा के विषय से बहुत दूर है। सामाजिक न्याय की स्थापना के लिए ट्रांसजेंडर न्याय भी आवश्यक है। वर्तमान में काशी विद्यापीठ में ट्रांसजेंडर विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।”

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