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Varanasi News: मांस मदिरा मुक्त हो काशी, इसके हैं हम सब अभिलाषी, निकाली गई विराट संत आग्रह पदयात्रा

Varanasi News: 50 से अधिक मठों-मंदिरों के पीठाधीपित, शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक संगठनों के संत महंथ का मिला समर्थन।

Purushottam Singh Varanasi
Published on: 6 Aug 2023 5:21 PM GMT
Varanasi News: मांस मदिरा मुक्त हो काशी, इसके हैं हम सब अभिलाषी, निकाली गई विराट संत आग्रह पदयात्रा
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(Pic: Newstrack)

Varanasi News: मांस मदिरा मुक्त हो काशी, इसके हैं हम सब अभिलाषी’ का नारा काशी के संत समाज ने रविवार की सुबह काशी में बुलंद किया। काशी के मठों-मंदिरों पीठाधीश्वर-महंत,सामाजिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने आगमन संस्था एवं ब्रह्म सेना के संयुक्त तत्वावधान में निकाली गई ‘संत आग्रह पदयात्रा’ में शामिल होकर एक स्वर में काशी को मांस-मदिर मुक्त क्षेत्र घोषित करने का अनुरोध राज्य एवं केंद्र की सरकार से किया।

कश्मीरीगंज स्थित श्रीराम जानकी मंदिर से इस पदयात्रा का शुभारंभ ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती महाराज के लिखित भेजे संबोधन में कहा कि यदि चातुरमास काल में संन्यासी के किसी एक सीमा में ही रहने की अनिवार्यता नहीं होती तो मैं स्वयं इस पदयात्रा में सशरीर उपस्थित होता। मैं सशरीर भले ही इस समय परमहंसी गंगा आश्रम में हूं किन्तु भाव से मैं काशीवासियों के बीच ही हूं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि काशी के साधु संतों का पवित्र उपस्थिति में निकाली जा रही यह पदयात्रा अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होगी।

अन्नपूर्णा मंदिर के महंत हुए शामिल

अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी महाराज ने कहा कि यह संत आग्रह पदयात्रा नूतन काशी के पुरातन स्वरूप का एक अभिन्न अंग है। आधुनिकता और विलासिता पूर्ण जीवन के आदि हो चुके लोगों के लिए यह एक चेतावनी है। सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति की परिचायक काशी नगरी का मांस-मदिर से मुक्त होना इसके पौराणिक स्वरूप को बनाए रखने के लिए अत्यंत अनिवार्य है। मैं प्रत्येक काशीवासी से आग्रह करना चाहता हूं कि इस अभिनव अभियान में अपनी वासनाओं की आहुति देकर इसे सफल बनाने के लिए कृत संकल्पित हो जाएं तभी उनका काशीवासी होना सही मायने में सार्थक होगा।

पवित्र काशी शिव का धाम,मांस-मदिरा का यहां क्या काम का लगा नारा

यात्रा का प्रारम्भ काशी के संत समाज ने भगवान शिव,प्रभु श्रीराम एवं श्रीकृष्ण के विग्रह का विशेष अर्चन पूजन किया। इसके उपरांत ‘सनातनियों की है ये गुहार,संतों की बात सुने सरकार’,‘पवित्र काशी शिव का धाम,मांस-मदिरा का यहां क्या काम’ आदि सूत्र वाक्यों का घोष करते हुए गणमान्य काशीवासियों के समूह ने पदयात्रा आरंभ की। शहनाई की मंगलध्वनि के बीच शंख का नाद, डमरुओं का निनाद वातावरण में पवित्रता घोल रहा था। संकीर्तन मंडली के सदस्य शिवनाम संकीर्तन कर रहे थे। यात्रा में ‘काशी हो मांस मदिरा मुक्त क्षेत्र’ का बैनर लिए चल रहे राममंदिर के वेदपाठी बटुक, और स्कूली बच्चों ने शिवनाम का जयघोष इस पदयात्रा की भव्यता बयान कर रही थीं।

संत आग्रह पदयात्रा में हुए शामिल

इस अवसर पर महंत शंकर पुरी महाराज, कर्मकांड मानस पं श्रीनाथ पाठक ‘रानी गुरु’, रामभरत शास्त्री, गोविन्द दास महराज़, चल्ला सुब्बाराव शास्त्री, डॉ राजीव श्रीगुरु, प्रो. विनय पाण्डेय, डॉ सुभाष पाण्डेय, डॉ के. निरंजन, रामबली मौर्य, पं हरेन्द्र उपाध्याय, पं अशोक त्रिपाठी, राकेश जैन, राकेश मिड्ढा, डॉ हरेंद्र राय,ज्योतिषी पवन त्रिपाठी, मनोज पाण्डेय, विकास त्रिपाठी,डॉ चंद्रमणि सिंह, ज्योतिष एवं भागवताचार्य जयन्तुजय शास्त्री , आर पी राय,अजय कुमार दुबे, प्रो ह्रदय रंजन शर्मा, विजय मणि त्रिपाठी, राजेश शुक्ला, गोपाल शर्मा अर्जुन सेठी, विनोद राव पाठक, कृष्ण मोहन पाण्डेय, बालक बाबा जी, कन्हैया पाठक, रामभरत ओझा, नमिता झा, अरुण ओझा, जयप्रकाश शर्मा, अमित उपाध्याय, मदन कुमार तिवारी शामिल रहे।

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