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जौनपुर: प्रदेश में भाषाओं का उत्कृष्टता केंद्र बना पूर्वांचल विश्वविद्यालय, बोले कुलपति

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. (डॉ.) निर्मला एस. मौर्य ने बताया कि एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना के अंतर्गत भाषा की अनेकता में एकता को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा पूर्वांचल विश्वविद्यालय को भाषाओं का उत्कृष्टता केंद्र बनाया गया है।

Chitra Singh
Published on: 5 Feb 2021 6:35 PM IST
जौनपुर: प्रदेश में भाषाओं का उत्कृष्टता केंद्र बना पूर्वांचल विश्वविद्यालय, बोले कुलपति
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जौनपुर: प्रदेश में भाषाओं का उत्कृष्टता केंद्र बना पूर्वांचल विश्वविद्यालय, बोले कुलपति

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में उत्तर प्रदेश शासन ने भारतीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने के लिए भाषाओं का उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किये जाने का निर्णय लिया है। यह केंद्र प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों में स्थापित छह अन्य भाषा केंद्रों की निगरानी एवं संचालन करेगा।

पूर्वांचल विश्वविद्यालय बना भाषाओं का उत्कृष्टता केंद्र

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. (डॉ.) निर्मला एस. मौर्य ने बताया कि एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना के अंतर्गत भाषा की अनेकता में एकता को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा पूर्वांचल विश्वविद्यालय को भाषाओं का उत्कृष्टता केंद्र बनाया गया है। साथ ही प्रदेश में स्थापित हो रहे 6 भाषा केंद्रों के संचालन एवं निगरानी का भी दायित्व पूर्वांचल विश्वविद्यालय को सौंपा गया है।

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विज्ञान को सार्वजनिक मंच पर लाने का प्रयास

उन्होंने कहा कि यह उत्कृष्टता केंद्र भारत में बिखरे हुए ज्ञान, विज्ञान को सार्वजनिक मंच पर लाने का प्रयास करेगा। साथ ही यह केंद्र हमारे महान ग्रंथ जो कि विभिन्न भाषाओं में हमारे ग्रंथालयों में सुरक्षित हैं उनका अध्ययन एवं अध्यापन कर विद्यार्थियों में मानवीय मूल्यों को जागृत करेगा। उन्होंने बताया कि यह भाषा केंद्र भारत के विविध दर्शन जो कि देश के विभिन्न बोलियों और भाषाओं में रचे बसे गए हैं| उनके पीछे निहित वैज्ञानिक और सामाजिक कारणों पर भी शोध कार्य करेगा।

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रोजगारपरक कार्यक्रम

कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने बताया कि प्रदेश में स्थापित जितने भी भारतीय भाषा केंद्र बनाए गये हैं। उनमें भविष्य में रोजगारपरक कार्यक्रम संचालित होंगे। इससे सरकार में भाषा अधिकारी, भाषा अनुवादक, भाषा सहायक, पत्र पत्रिकाओं और समाचार पत्रों में भाषा रूपांतरण, समाचार वाचक, लेखक, स्क्रिप्ट राइटर, गीतकार, कवि, अनुवादक, संपादक, कंपोजर, प्राकृतिक एवं कलात्मक रूप में सृजनात्मक लेखन को बढ़ावा मिलेगा।

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रिपोर्ट- कपिल देव मौर्य

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