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गोरखपुर में 500 करोड़ से बनेगा वेटनरी कॉलेज, आरोग्य मेले में हुआ ऐलान
जिलाधिकारी के. बिजयेन्द्र पांडियन ने बताया कि प्रदेश सरकार पशुपालन की महत्ता को महसूस करते हुए जल्द ही 500 करोड़ की लागत से वेटनरी मेडिकल कालेज की स्थापना करने जा रही है।
गोरखपुर: पशुधन मत्स्य एवं दुग्ध विकास विभाग राज्यमंत्री जयप्रकाश निषाद ने कहा कि पूर्वांचल में मत्स्य पालन और बकरी पालन के प्रति किसानों को प्रेरित करने की आवश्यकता है। कुक्कुट पालन के क्षेत्र में पूर्वांचल तेजी से नई उंचाईयां चढ़ रहा है। वर्तमान में गोरखपुर में प्रतिदिन 28 लाख एवं देवरिया में प्रतिदिन 27 लाख अण्डा उत्पादन हो रहा है। इससे किसानों की आमदनी में इजाफा हुआ ही है, लोगों को रोजगार एवं स्वरोजगार के नए अवसर भी मिल रहे हैं। कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी के. बिजयेन्द्र पांडियन ने बताया कि प्रदेश सरकार पशुपालन की महत्ता को महसूस करते हुए जल्द ही 500 करोड़ की लागत से वेटनरी मेडिकल कालेज की स्थापना करने जा रही है।
मंत्री शनिवार को पिपराइच में आयोजित दीन दयाल उपाध्याय पशु आरोग्य मेला-प्रदर्शनी में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। मंत्री ने किसानों से अपील किया कि वह किसान क्रेडिट कार्ड, पीएम किसान, सहभागिता योजना, कुक्कुट योजना समेत विभाग की अन्य योजनाओं के स्वयं को जोड़े। इससे निश्चित रूप से आमदनी में इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने 15 हज़ार करोड़ रुपये के पशुपालन अवस्थापना निधि की घोषणा की है। जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
विशिष्ठ अतिथि विधायक महेंद्र पाल सिंह ने भी किसानों को मनोबल बढ़ाया और सरकार की उपलब्धियां गिनाई। कार्यक्रम का संचालन डॉ. संजय कुमार श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम के मंच पर अतिथि के रूप में डीएम के विजयेंद्र पांडियन, भाजपा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष डॉ सत्येंद्र सिंह, आरएसएस के सह सेवा प्रमुख डॉ राजेश गुप्ता, मुख्य जिला पशुचिकित्सक डॉ डीके शर्मा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। शिविर में डॉ जीके सिंह ,डॉ राजेश त्रिपाठी ,डॉ बी के सिंह ,डॉ सुनील सिंह ,डॉ अतुल यादव, डॉ सरोज, डॉ हरेंद्र चौरसिया, डॉ विकास सिंह, डॉ अजय पटेल सहित विभाग के अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
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500 करोड़ की लागत से बनेगी वेटनरी कॉलेज
जिलाधिकारी के विजयेंद्र पांडियन ने कहा कि किसान खेती के साथ पशुपालन भी करें तो अपनी आय दो गुना ही नहीं बल्कि चार गुना कर सकते हैं। ऐसा करने से खेतों में रसायनिक खाद के स्थान पर उन्हें जैविक खाद उपलब्ध होगी। बल्कि जैविक विधि से उत्पादित खाद्य पदार्थ ज्यादा कीमत में बाजार में बिकेंगे भी।
उन्होंने कहा कि कोरोना 19 के संक्रमण के दौर में पूरे विश्व ने गाय की महिमा को रेखांकित है। भारत ही एक मात्र ऐसा देश को कोरोना की बिपदा में इतनी बड़ी आबादी के बाद भी मजबूती से खड़ा रहा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पशुपालन की महत्ता को महसूस करते हुए जल्द ही 500 करोड़ की लागत से वेटनरी मेडिकल कालेज की स्थापना करने जा रही है। उन्होंने निराश्रित गोवंश के लिए बनाए गए गो संरक्षण केंद्र की महत्ता एवं 30 रुपये प्रतिदिन पर निराश्रित गोवंश को रखने के लिए भी किसानों को प्रेरित किया।
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100 किसान हुए सम्मानित
पंड़ित दीन दयाल उपाध्याय आरोग्य मेला के मंच से पशुपालन, कुक्कुट पालन, बकरी पालन सरीखे अन्य व्यवसाय से जुड़े 100 लोगों को प्रशस्तिपत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। इसमें अधिकांश महिलाएं थीं।
3400 पशुओं की जांच
इस आरोग्य मेले में 3000 छोटे और 400 बड़े पशुओं की जांच की गई। जरूरत के मुताबिक उन्हें दवाएं भी दी गई। डॉ.संजय श्रीवास्तव ने बताया कि किसानों का जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। आरोग्य मेले में किसानों की कई भ्रांतियों को भी दूर किया गया।
रिपोर्ट: पूर्णिमा श्रीवास्तव
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