TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने वेबिनार द्वारा की ये बातें

डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के आईक्यूएसी एवं इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग टेक्नोलाॅजी के संयुक्त संयोजन में नई शिक्षा नीति एक व्यापक विमर्श विषय पर एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया।

Newstrack
Published on: 19 Sept 2020 7:02 PM IST
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने वेबिनार द्वारा की ये बातें
X
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने वेबिनार द्वारा की ये बातें (social media)

अयोध्या: डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के आईक्यूएसी एवं इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग टेक्नोलाॅजी के संयुक्त संयोजन में नई शिक्षा नीतिः एक व्यापक विमर्श विषय पर एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय वेबिनार की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह ने की। वेबिनार के मुख्य अतिथि अखिल भारतीय राष्ट्रीय शिक्षक महासंघ एवं पूर्व कुलपति राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के प्रो0 जे0पी0 सिंघल रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में मुम्बई विश्वविद्यालय मुम्बई के पूर्व कुलपति प्रो0 संजय देशमुख, राजऋषि भर्तहरी मत्स्य विश्वविद्यालय अलवर के प्रो0 जे0पी0 यादव एवं टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुम्बई के पूर्व निदेशक प्रो0 अब्दुल शाह उपस्थित रहे।

ये भी पढ़ें:MI vs CSK: थोड़ी देर बाद होगा महामुकाबला, मुंबई की कमजोरी भारी पड़ेगा चेन्नई

वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह ने कहा

वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह ने कहा कि देश की नई शिक्षा नीति इस बात का प्रमाण है कि पूर्व की जो शिक्षा नीतियां थी वे जनआकांक्षाओं का पूरा नही कर पाई है। नई शिक्षा नीति से यह आशा की जा सकती है कि भारत को आत्मनिभर बनाने में सहायक होगी। कुलपति ने कहा कि भारत का युवा अत्यधिक ऊर्जावान व प्रतिभाशाली है। इस बात में कोई संदेह नही है कि नई शिक्षा नीति इसे शत प्रतिशत उपयोग करने में सक्षम होगी। कुलपति प्रो0 सिंह ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था किसी भी देश की उन्नति का सूचकांक होती है। यह शिक्षा नीति इसलिए उत्तम मानी जा सकती है।

इसमें प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक शोध को वरीयता प्रदान की गई है। कुलपति ने कहा कि नई शिक्षा नीति में अपार संभावनाओं के साथ कुछ चुनौतियां भी है। इसमें 27 मुख्य विन्दुओं को शामिल किया गया है। इन विन्दुओं में प्राथमिक स्तर से उच्च शिक्षा के विन्दुओं को उचित रूप में जगह दी गई है। अंत में कुलपति प्रो0 रविशंकर ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से शिक्षा के क्षेत्र में बहुप्रतीक्षित परिवर्तन और सुधार आयेगा। निश्चय ही यह भावी पीढ़ी को ऐसा प्रशिक्षण प्रदान करने में सक्षम हो सकेगी जो आने वाले समय में भारत को विश्वगुरू का दर्जा दिला सके।

पूर्व कुलपति राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के प्रो0 जे0पी0 सिंघल ने कहा

वेबिनार के मुख्य अतिथि अखिल भारतीय राष्ट्रीय शिक्षक महासंघ एवं पूर्व कुलपति राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के प्रो0 जे0पी0 सिंघल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मात्र एक दस्तावेज नहीं है बल्कि भारत की एक दृष्टि है। उन्होंने कहा कि पूर्व की तुलना में आधुनिक समाज में कई परिवर्तन आये परिणाम स्वरूप पूर्व की शिक्षा नीतियां आधुनिक समाज के साथ सामजस्य स्थापित नही कर पा रही थी।

ऐसी स्थिति में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति अस्तित्व में आना स्वभाविक था। इस शिक्षा नीति भारतीयता की सम्पूर्ण झलक मिलती है। प्रो0 सिघल ने कहा कि इस नीति में जिस प्रकार वोकेशनल एजुकेशन को मुख्य धारा की शिक्षा से जोड़ा गया है। वह अत्यन्त महत्वपूर्ण है। छठवी कक्षा से ही विद्यार्थियों को कौशल शिक्षा दी जायेगी। शोध को एक संस्कृति के रूप में विकसित करने पर विशेष बल दिया गया है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति से भारत पुनः शिक्षा के क्षेत्र में वही प्रभुत्व स्थापित करेगा जो तक्षशिला के युग में था।

मुम्बई के पूर्व कुलपति प्रो0 संजय देशमुख ने कहा

विशिष्ट अतिथि के रूप में मुम्बई विश्वविश्वद्यालय मुम्बई के पूर्व कुलपति प्रो0 संजय देशमुख ने कहा कि हमारे देश की गुरूकुल की परम्परा थी उसे आज हम फिर से दुहराना चाहते है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति जिस तरह ओपेन बाउंड्री प्रणाली का पालन किया गया है। यह दुरगाामी निर्णय साबित होगा। शिक्षा का उद्देश्य मात्र रोजगार उपलब्ध कराना नही होना चाहिए। बल्कि विद्यार्थियों का चरित्र निर्माण भी होना चाहिए। नई शिक्षा नीति में इस तथ्य का ध्यान रखा गया है। प्रो0 देशमुख ने कहा कि भारत संसार का सबसे युवा राष्ट्र हैज जो भारत की सबसे बड़ी खूबी है। इस नई शिक्षा नीति से शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग, पारदर्शिता और एकीकरण की भावना का विकास होगा। जो निकट भविष्य में देश के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।

webinar professor (social media)

राजऋषि भर्तहरी मत्स्य विश्वविद्यालय अलवर के प्रो0 जे0पी0 यादव ने कहा

राजऋषि भर्तहरी मत्स्य विश्वविद्यालय अलवर के प्रो0 जे0पी0 यादव ने कहा कि नई शिक्षा नीति में कई बड़े बदलाव किये गये है। अन्वेषण, तार्किकता, नैतिकता, चरित्र निमार्ण भारतीय मूल्यों से जुड़ी शिक्षा, विश्व कल्याण, राष्ट्र निर्माण, डिजिटल शिक्षा पर बल सहित अन्य तथ्यों को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि इस नीति से इच्छित परिणाम की प्राप्ति सरकारों की राजनीतिक इच्छा शक्ति, आपसी सहयोग, उपलब्ध संसाधनों की स्थिति एवं आमजन के सहयोग से ही सम्भव है। भारत में नीतियां हमेशा से ही अच्छी बनती आई है। परन्तु व्यवहार में नीति का अनुपालन बड़ी चुनौती रहती है। अंत में उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति का उद्देश्य विद्यार्थियों में प्रतिभाओ का विकास करना है।

मुम्बई के पूर्व निदेशक प्रो0 अब्दुल शाह ने कहा

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुम्बई के पूर्व निदेशक प्रो0 अब्दुल शाह ने कहा कि नई शिक्षा नीति दुरगामी परिणाम देने वाली नीति है। परन्तु बहुत कुछ इस नीति को लागू की जाने वाली प्रक्रिया पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि देश की शिक्षा पद्धति देश के विकास को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती हैं और आधुनिक युग में विकास काफी हद तक उच्च शिक्षा पर निर्भर करता है शिक्षा गुणवत्तापरक होनी चाहिए। उन्होंने नई शिक्षा नीति को एक महत्वकांक्षी शिक्षा नीति बताया। भारतीय विश्वविद्यालयों का अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान देना इस नीति में सबसे नया है।

वेबिनार के संयोजक प्रो0 एसएन शुक्ल ने बताया

वेबिनार के संयोजक प्रो0 एसएन शुक्ल ने बताया कि देश की नई शिक्षा नीति को जनजन तक पहुॅचाने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति जी के मागदर्शन में इस तरह के वेबिनार का आयोजन कर अधिक से अधिक लोगों का जागरूक किया जा रहा है। आने वाले समय में इस शिक्षा नीति के क्रियान्वयन से सुखद परिणाम दिखाई देंगे। प्रो0 शुक्ल ने बताया कि अब तक नई शिक्षा नीति पर कई वेबिनार कराये जा चुके है जिसकी लाइव स्ट्रीमिंग भी की गई है। देश की नई शिक्षा नीति में भारतीय संस्कृति की जितनी विशेषताएं है उन सभी को इसमें समाहित किया गया है। आने वाले 15 वर्षों में यह शिक्षा नीति नये रूप में देखने को मिलेगी।

ये भी पढ़ें:यूपीएसईई-2020 : 20 सितंबर को है परीक्षा, एक घंटे पहले करना होगा रिपोर्ट

कार्यक्रम का शुभारम्भ सरस्वती वंदना के साथ किया गया। उसके पश्चात विश्वविद्यालय के कुलगीत की प्रस्तुति हुई। कार्यक्रम का संचालन प्लेसमेंट सेल की निदेशक डॉ. गीतिका श्रीवास्तव ने किया। धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के कुलसचिव उमानाथ ने किया। वेबिनार में प्रतिभागियों द्वारा पूछे गये प्रश्नों का उत्तर विशेषज्ञों ने दिया। वेबिनार के डॉ0 नरेश चैधरी एवं प्रो0 रमापति मिश्र ने रिपोर्टियर प्रस्तुत की। ,

रिपोर्टर- नाथ बख्श सिंह

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Newstrack

Newstrack

Next Story